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दोस्त के साथ स्टार्टअप शुरू करना हो सकती है सफलता की सीक्रेट रेसिपी

दोस्त के साथ स्टार्टअप शुरू करना हो सकती है सफलता की सीक्रेट रेसिपी

Sunday August 04, 2019 , 11 min Read


दोस्ती

कई भारतीय घरों में बिजनेस शुरू करना एक अच्छा कैरियर विकल्प नहीं माना जाता है, लेकिन जब दोस्त आपके साथ हों तो वे आपको हर जगह आपका सपोर्ट करते हैं। कुछ दोस्त सिर्फ सपोर्ट ही नहीं करते हैं, वे भी आपके साथ एक बिजनेस शुरू करने का फैसला करते हैं। अब जब फ्रेंडशिप डे (4 अगस्त) का माहौल है तो क्यों न हम भी दोस्ती की खूबसूरती जश्न मनाएं, बिजनेस वेंचर में एक फ्रेंडली पार्टनर के महत्व को स्वीकार करें! आज हम आपको कुछ ऐसे ही उद्यमों के बारे में बता रहे हैं जो दोस्तों द्वारा साथ में मिलकर सफलतापूर्वक चलाए जा रहे हैं। 


स्टेपसेटगो, फिटनेस ऐप (StepSetGo, a Fitness app)

संस्थापक- मिसाल तुरखिया, अभय पाई और शिवजीत घाटगे


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स्टेपसेटगो के शिवजीत घाटगे, अभय पाई और मिसाल तुरखिया

योरस्टोरी: आप कैसे मिले?

शिवजीत घाटगे: मिसाल और मैं एक साथ बोर्डिंग स्कूल (सह्याद्री स्कूल, पुणे) में थे और छठी कक्षा से हम बेस्ट फ्रेंड हैं। हम दोनों फुटबॉल, बास्केटबॉल और क्रिकेट स्कूल की टीमों के लिए खेलते थे, इसलिए न केवल हम क्लास और डॉर्मिटरी में एक साथ थे, बल्कि खेल के मैदानों पर भी साथ रहते थे।


योरस्टोरी: आपने एक साथ स्टार्टअप शुरू करने का फैसला क्यों किया?

शिवजीत: बतौर एक आइडिया 'स्टेपसेटगो' ही है जो हमें एक साथ लाया। अपने आइडिया पर काफी ध्यान देने के बाद, हमें सच में यह सोचने की जरूरत नहीं थी कि इसे कैसे निष्पादित किया जाए, क्योंकि हम पहले से ही जानते थे।


योरस्टोरी: आप कितने समय से दोस्त हैं?

शिवजीत: मैं मिसाल को 15 साल से ज्यादा और अभय को तीन साल से जानता हूं। मिसाल और अभय सात साल से एक-दूसरे को जानते हैं और वे दोनों वर्कप्लेस भाईचारे का एक आदर्श उदाहरण हैं। फोर्क मीडिया में वे दोनों अपनी-अपनी टेक टीमों का नेतृत्व कर रहे थे, लेकिन जब उन्होंने स्टेपसेटगो लॉन्च करने के लिए फोर्क को छोड़ा, तो उन्होंने महसूस हुआ कि वे हमेशा साथ काम करना चाहते थे। क्योंकि दोनों जानते थे कि वे एक-दूसरे को एक बेहतरीन टेक टीम बनाने के लिए समर्थन दे सकते हैं।


योरस्टोरी: स्टार्टअप में बहुत सारे उतार-चढ़ाव के बावजूद आप बिजनेस में अपनी दोस्ती को कैसे बनाए रखते हैं?

SG: जब भी ऐप को लेकर हममें तीखी बहस होती है तो हम में से एक को पता है कि इसे कैसे खत्म करना है। उसे बस ये कहना होता है, "मैं समझता हूं कि हम सभी चाहते हैं कि हमारे ऐप के लिए बेस्ट क्या हो और ये हमारे ओपिनियन हैं। आइए देखें कि हमारा यूजर बेस जो है वो क्या सोचता है ”। हम यह भी कोशिश करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि ऐप के विभिन्न एरियाज के लिए हम तीनों जिम्मेदार हैं। और किसी भी चीज पर फाइनल कॉल डिसकसन के बाद ली जाती है।"


योरस्टोरी: एक साथ काम करते समय आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?

SG: हम केवल काम के बारे में बात करते हैं। अन्य बातों के लिए समय निकालना मुश्किल होता है क्योंकि ऐप को लेकर काफी सारे काम होते हैं जैसे, क्लाइंट्स के बात करना, किस नए फीचर को बिल्ड करना है और किस ऑपरेशन को कैसे ऑप्टिमाइज करना है आदि। कभी-कभी, जब हम सामाजिक रूप से मिलते हैं, तो हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हम एक-दूसरे को बताएं कि हमें बाद में भी ऐप पर ही बात करनी है इसलिए अभी इस पर फोकस करें जिसके लिए आए हैं। 


योरस्टोरी: आप उन लोगों को क्या सलाह देंगे जो अपने दोस्तों के साथ बिजनेस शुरू करना चाहते हैं?

SG: हमें अपने पर्सनल और प्रोफेशनल रिश्ते को अलग रखना होगा नहीं तो चीजें तेजी से कॉम्प्लीकेटेड हो सकती हैं। हमेशा सुनिश्चित करें कि आप जो भी बोलों सब स्पष्ट बोलें कोई चीज छिपानी नहीं चाहिए। जितना संभव हो सके अपने काम के रिश्ते को प्रोफेशनल रखें। यह समझना काफी महत्वपूर्ण है कि आपने जो भी सभी निर्णय लिए हैं वे बिजनेस के लिए किए गए हैं, और यह जरूरी है कि अहंकार और भावनाओं को प्रक्रिया में बाहर रखा जाए।


दफ्तर, को-वर्किंग स्पेस

फाउंडर्स- वन्दिता पुरोहित और सुनन्दा वर्मा भत्ता


दफ्तर

टीम दफ्तर: वंदिता पुरोहित और सुनन्दा वर्मा भत्ता अपने पतियों के साथ

योरस्टोरी: आप दोनों कैसे मिले?

वंदिता पुरोहित: हम दोनों को एक ही मेंटर - मनीष गुप्ता द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। मैं अमित (सुनंदा के पति) को पहले से जानती थी। सुनंदा और मैं टेक्नीकली पहली बार नैनीताल में एक रिट्रीट पर मिले थे।


योरस्टोरी: आपने एक साथ स्टार्टअप शुरू करने का फैसला क्यों किया?

वंदिता: सच कहें, इसको लेकर कोई फैसला नहीं किया गया था। यब बस हो गया। हम दोनों अपने-अपने आइडियाज पर काम कर रहे थे। मैं उनके साथ कुछ समय के लिए को-वर्किंग के आइडियाज पर बातें कर रही थी। हमने अपनी-अपनी जॉब के लिए एक साथ एक ऑफिस लेने का फैसला किया और स्पेस साझा करने का फैसला किया। इसी तरह इसकी शुरुआत हुई। आखिरकार, हमारे आइडियाज ठंडे बस्ते में चले गए और 'दफ्तर' मेनस्ट्रीम बन गया।


योरस्टोरी: आप कितने समय से दोस्त हैं?

वंदिता: हमें दोस्त बने करीब अब चार साल हो गए हैं। 


योरस्टोरी: आप उतार-चढ़ाव के बावजूद बिजनेस में अपनी दोस्ती को कैसे बनाए रखती हैं?

वंदिता: मुझे लगता है कि हम एक-दूसरे को एक्सेपरीमेंट करने, गलतियाँ करने और खुद को एक्सप्रेस करने के लिए काफी स्पेस देते हैं। किसी भी रिश्ते के सबसे महत्वपूर्ण पहलू स्पष्ट कम्युनिकेशन चैनल और एक दूसरे को पूरा स्पेस देना होता है। एक को-फाउंडर रिलेशनशिप किसी भी दोस्ती से अलग नहीं है और मेरा मानना है कि हमने बहुत अच्छा किया है। इससे यह सुनिश्चित हो गया है कि उतार-चढ़ाव के बावजूद हम एक-दूसरे का सम्मान करते हैं, जिसके चलते आज हम इतने आगे आ चुके हैं। 


योरस्टोरी: एक साथ काम करते समय आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?

वंदिता: जाहिर है, काम के मोर्चे पर हमारी राय अलग-अलग होती है और हमारी वर्किंग स्टाइल भी बहुत अलग है लेकिन बतौर व्यक्ति हम बिल्कुल अलग हैं। यह कुछ चुनौतियां पैदा करता है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे सॉल्व या एड्रेस नहीं किया जा सकता है। मेरा मानना है कि जिस तरह से हम हैं, उसे स्वीकार करना और एक-दूसरे को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है। 


योरस्टोरी: आप उन लोगों को क्या सलाह देंगे जो अपने दोस्तों के साथ बिजनेस शुरू करना चाहते हैं?

वंदिता: दोस्तों के साथ शुरू करने की अपनी अच्छाइयां और बुराइयां हैं। एक सलाह जो मैं देना चाहूंगी, वह यह है कि - आपकी समानताओं या भिन्नताओं के बावजूद, आपको एक सामान्य दृष्टि (common vision) में विश्वास करना होगा। यदि आप जो कर रहे हैं, उस पर कोई मतभेद है, तो यह नहीं चल पाएगा!


स्प्रिंगपीपल, आईटी ट्रेनिंग प्रोवाइडर (SpringPeople, an IT Training Provider)

संस्थापक- रवि काकलेसरिया और पीयूष बाजपेयी


स्प्रिंगपीपल

पीयूष बाजपेयी और रवि काकलेसरिया

आप दोनों कैसे मिले?

रवि काकलेसरिया: आईआईटी में क्लासेस चल रही थीं और मैं अपने रिमोट-कंट्रोल प्लेन उड़ा रहा था! पीयूष का एक दोस्त इन प्लेन को देखकर काफी आकर्षित था। मेरी उससे दोस्ती हो गई और उसने बाद में मुझे पीयूष से मिलवाया।


पीयूष बाजपेयी: रवि आईआईटी में मेरे एक करीबी दोस्त का दोस्त था। कॉलेज में वर्षों से हमारी दोस्ती और मजबूत होती गई।


योरस्टोरी: आपने एक साथ स्टार्टअप शुरू करने का फैसला क्यों किया?

रवि और पियूष: ग्रेजुएट होने के बाद, हम आईटी में अपने करियर में आगे बढ़े। सालों तक आईटी सेक्टर में काम करने के दौरान, हमने पाया कि लोग इंडस्ट्री में ट्रेनिंग डिलीवरी से खुश नहीं थे। हम दोनों उद्यम प्रशिक्षण के क्षेत्र में अव्यवस्था की सामान्य स्थिति से काफी दूर थे। जैसा कि हम एक दूसरे के संपर्क में थे, हमने पाया कि हम दोनों की इस मुद्दे को सुलझाने में रुचि है। 


जैसा कि हमें अपनी स्किल और वैल्यू पर भरोसा था कि हम कुछ कर सकते हैं, हमने ट्रेनिंग स्पेस को फिर से परिभाषित करने और सुधारने के लिए अपने आइडियाज पेश किए। उस से स्प्रिंगपीपल का जन्म हुआ। स्प्रिंगपीपल के जरिए हम अच्छे, विश्वसनीय, आउटकम और ऑब्जेक्टिव्स-ड्राइवन ट्रेनिंग देने का प्रयास करते हैं। हम चाहते हैं कि उद्यम अपनी ट्रेनिंग आवश्यकताओं को आउटसोर्स करने के लिए आत्मविश्वास महसूस करें। हम चाहते हैं कि हर पेशेवर को विशेषज्ञों से सीखने और अपनी संगठनात्मक क्षमता बनाने में मदद करने का अवसर दें।


योरस्टोरी: आप कितने समय से दोस्त हैं?

रवि और पियूष: हम अपने आईआईटी दिनों से दोस्त हैं। 1995 से यानी कि 24 साल!


योरस्टोरी: आप उतार-चढ़ाव के बावजूद बिजनेस में अपनी दोस्ती को कैसे बनाए रखते हैं?

रवि और पियूष: इतने वर्षों से हमारे साथ काम करने के दौरान हमने जिस चीज को सीखा है और सख्ती से लागू किया वह कि हम अपनी 'पर्सनल लाइफ को प्रोफेशनल लाइफ' से अलग रखते हैं। ऑफिस में या स्प्रिंगपीपल से जुड़ी समस्याओं से निपटने के दौरान, हम सिर्फ दो बिजनेस पार्टनर होते हैं जो कंपनी के विकास और प्रगति की दिशा में काम कर रहे हैं। हम अपनी दोस्ती को बहाने बनाने या कॉम्प्रोमाइज करने की अनुमति नहीं देते हैं। किसी भी अन्य बिजनेस पार्टनर की तरह, हमारे पास भी एक ही समस्या को हल करने के अपने-अपने तरीके हैं, निर्णय लेने और काम करने की भी अपनी-अपनी वर्किंग स्टाइल है।  

हम इसे स्वीकार करते हैं और एक-दूसरे के साथ सावधानी बरतते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो, हम बिजनेस पार्टनर के रूप में ऑफिस में एंटर करते हैं और फ्रैंड्स के रूप में बाहर निकलते हैं। हमने अपने बिजनेस एग्रीमेंट्स/ डिसएग्रीमेंट्स को हमारी दोस्ती में कभी नहीं आने दिया। 


योरस्टोरी: एक साथ काम करते समय आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?

रवि: कुछ भी खास नहीं है। कभी-कभी आइडियाज और कनविक्शन पर असहमति होती है। हमारे पास किसी समस्या को हल करने के विभिन्न तरीके हो सकते हैं; लेकिन आखिर में हम उसे अपने तरीके से ही हल सकते हैं एक साथ मिलकर। 


पियूष: हम अलग-अलग व्यक्तित्व हैं जिनके पास एक ही समस्या के लिए अलग-अलग तरीके हैं। हम अपने निर्णय लेने और कार्य करने की शैली में किसी भी अन्य बिजनेस पार्टनर की तरह हैं। मुझे नहीं लगता कि यह एक चुनौती है क्योंकि इसने हमारे रिश्ते को कभी भी पार्टनर और फ्रैंड के रूप में बाधित नहीं किया है।


योरस्टोरी: आप उन लोगों को क्या सलाह देंगे जो अपने दोस्तों के साथ बिजनेस शुरू करना चाहते हैं?

रवि: मैं चाहूंगा कि आप अपनी प्रोफेशनल लाइफ और पर्सनल लाइफ को बिल्कुल अलग रखें। ऑफिस में प्रोफेशनलिज्म महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपकी फ्रैंडशिप को बरकरार रखने के साथ सभी व्यापारिक बाधाओं से बचे रहने में मदद करेगा।


रोल्स मेनिया, फूड एंटरप्राइजेज (Rolls Mania, a food enterprise)

संस्थापक- पुनीत कंसल, गगन सियाल और सुखप्रीत सियाल


रोल्स

टीम रोल्स मानिया: पुनीत कंसल, गगन सियाल और सुखप्रीत सियाल

योरस्टोरी: आप कैसे मिले?

गगन सियाल: हम पुणे के मगरपट्टा शहर में मिले, जहां पुनीत के पास रोल्स मेनिया का एक छोटा सा खोखा (kiosk) था। सुखप्रीत, जो मेरा भाई है और मैं उस समय एक रेस्तरां चला रहे थे। हम दोनों जाते थे और रोल खाते थे और धीरे-धीरे हमने रोल के ऊपर बॉन्डिंग शुरू की और उसके बाद से बहुत अच्छे दोस्त बन गए।


योरस्टोरी: आपने एक साथ स्टार्टअप शुरू करने का फैसला क्यों किया?

गगन: पुनीत ने मगरपट्टा शहर के एक रेस्तरां के बाहर रोल्स मेनिया खोखा लगाया था। रेस्तरां का मालिक उसे बाहर निकालना चाहता था क्योंकि रोल्स मेनिया वहां अच्छा कर रहा था और रेस्तरां मालिकों का व्यवसाय प्रभावित हो रहा था। जिसके बाद हमने अपने कट्टी रोल वेंचर को एक साथ शुरू करने का फैसला किया, क्योंकि हमने उद्यम में बहुत अधिक संभावनाएं देखीं।


योरस्टोरी: आप कितने समय से दोस्त हैं?

गगन: हम 11 साल से दोस्त हैं, लेकिन दोस्ती इस पर आधारित नहीं है कि आप किसी व्यक्ति को कितने समय से जानते हैं। यह इस बारे में है कि आप कितनी अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं।


योरस्टोरी: आप उतार-चढ़ाव के बावजूद बिजनेस में अपनी दोस्ती को कैसे बनाए रखते हैं?

गगन: हम सभी उसी दिशा में काम करते हैं जो हमारे बिजनेस को लाभी की ओर ले जाए। हम काम के मामले में अपने मतभेदों को काम तक ही सीमित रखते हैं और एक-दूसरे के निजी जीवन में हस्तक्षेप नहीं करते हैं। हमारे पास हमेशा एक-दूसरे का सपोर्ट रहता है।


योरस्टोरी: एक साथ काम करते समय आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?

जीएस: चूंकि हम सभी व्यक्ति हैं और हमारे अलग-अलग विचार होते हैं, इसलिए जब हम किसी एक समस्या को हल करने की कोशिश करते हैं तो हमें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। आखिरकार हम कंपनी के लिए बेस्ट क्या है उसके आधार पर निर्णय लेते हैं। अगर हम किसी भी बात पर सहमत नहीं होते हैं, तो हम वोट करते हैं। चूंकि हम तीन भागीदार हैं, इसलिए एक से अधिक वोट पाने वाले निर्णय को लागू किया जाता है


योरस्टोरी: आप उन लोगों को क्या सलाह देंगे जो अपने दोस्तों के साथ बिजनेस शुरू करना चाहते हैं?

गगन: सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, उन्हें एक दूसरे पर भरोसा करने और एक दूसरे के दृष्टिकोण और लक्ष्य पर विश्वास करने की आवश्यकता है। व्यवसाय और व्यक्तिगत जीवन को अलग करने की आवश्यकता होती है और साथ में व्यापार चलाते समय अहंकार को अलग रखना पड़ता है।