कहानी उस औरत की, जिसे बर्थ कंट्रोल क्लिनिक खोलने के लिए पुलिस ने जेल में डाल दिया
100 साल पहले अधिकांश समय गर्भधारण किए रहने वाली महिलाओं के लिए जीवन कितना मुश्किल रहा होगा. स्त्रियां अपनी देह की प्राकृतिक जकड़बंदियों और जटिलताओं के साथ बेहद अकेली थीं.
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने जिस गर्भपात के अधिकार को इतनी आसानी से पलट दिया, उसे हासिल करने के लिए औरतों ने 100 साल लंबी लड़ाई लड़ी है. और यह लड़ाई सिर्फ गर्भपात नहीं, बल्कि बर्थ कंट्रोल जैसे बेहद बुनियादी अधिकार के लिए लड़ी गई. एक जमाने में अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया में महिलाओं के पास बर्थ कंट्रोल का भी अधिकार नहीं था, बल्कि यूं कहें कि यह कानूनन जुर्म था.
ऐसी ही एक कहानी है मारग्रेट सेंगर और प्लांड पैरेंटहुड की. 106 साल पहले 1916 में तीन महिलाओं ने मिलकर न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में एक बर्थ कंट्रोल क्लिनिक की शुरुआत की. मारग्रेट सेंगर, ईथल बर्नी और फानिआ मिंडेल. ये तीनों महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाली एक्टिविस्ट थीं.
अमेरिका में उस समय न सिर्फ अबॉर्शन का कोई विचार नहीं था, बल्कि गर्भधारण को रोकने की किसी भी तरह की कोशिश भी अपराध के दायरे में आती थी. कॉन्ट्रेसेप्टिव पिल्स का आविष्कार नहीं हुआ था. महिलाओं के लिए 12-14 बच्चे पैदा करना आम बात थी. गाइनिक हेल्थ की स्थिति इतनी बुरी थी कि महिलाओं की 70 फीसदी से ज्यादा असमय मृत्यु का कारण प्रेग्नेंसी, चाइल्ड बर्थ और गाइनिक हेल्थ से जुड़ी जटिलताएं हुआ करती थीं.
यूरोप की कहानी अमेरिका से थोड़ी बेहतर थी. वहां बर्थ कंट्रोल क्लिनिक्स की तब तक शुरुआत हो चुकी थी. डायफ्राम का आविष्कार हो चुका था और बहुत सारी महिलाएं अनचाहे गर्भ से बचने के लिए इन तरीकों को अपनाना शुरू कर चुकी थीं. यूरोप की यात्रा के दौरान जब मारग्रेट सेंगर को इन क्लिनक्स में जाने का मौका मिला और डायफ्राम से उनका परिचय हुआ तो उन्हें लगा कि उनके देश में भी औरतों को इसकी सख्त जरूरत है.
1916 में ब्रुकलिन की एक छोटी सी इमारत के बेसमेंट में सेंगर ने बर्थ कंट्रोल क्लिनिक की शुरुआत की. चूंकि ऐसा कोई क्लिनिक चलाना गैरकानूनी था, इसलिए वो छिपकर यह काम कर रही थीं. महिलाओं को एक-दूसरे से सुनकर इस जगह के बारे में पता चलता, जहां वो पति, परिवार और परिचितों से छिपकर अकेले आतीं. वो वहां आ रही थीं कि क्योंकि इस मदद और सलाह की उन्हें बहुत जरूरत थी.
हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि आज से 100 साल पहले अधिकांश समय गर्भधारण किए रहने वाली महिलाओं के लिए जीवन कितना मुश्किल रहा होगा. स्त्रियां अपनी देह की प्राकृतिक जकड़बंदियों और जटिलताओं के साथ बेहद अकेली थीं.
बर्थ कंट्रोल क्लिनिक में गर्भपात नहीं होता था. दरअसल मारग्रेट की कोशिश अमेरिका में बड़े पैमाने पर गैरकानूनी ढंग से छिपकर हो रहे गर्भपात को रोकने की भी थी. उस समय यह बहुत कॉमन था क्योंकि कानूनी तौर पर अवैध था. मारग्रेट चाहती थीं कि औरतें अपने शरीर को बेहतर ढंग से समझ सकें और उस पर ज्यादा नियंत्रण महसूस कर सकें. वो अपने फैसले ले सकें और अनचाही प्रेग्नेंसी और अबॉर्शन के कुचक्र में न फंसें.
यह क्लिनिक उनके लिए वरदान की तरह था. लेकिन यह जगह भी ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाई. खुलने के 9 दिनों के भीतर ही यह क्लिनिक बंद हो गया. पुलिस को उस जगह के बारे में पता चल गया और उसने तीनों महिलाओं को पकड़कर जेल में डाल दिया. उन पर न्यूयॉर्क स्टेट लॉ के उल्लंघन और सार्वजनिक रूप से अश्लीलता फैलाने का मुकदमा बना.
116 साल पहले न्यूयॉर्क की अदालत ने मारग्रेट सेंगर को महिलाओं को बर्थ कंट्रोल के बारे में सजग और जागरूक बनाने के लिए दंडित किया और उसे जेल में डाल दिया. ट्रायल के दौरान जज ने कहा था कि अगर मारग्रेट माफी मांग लें और आगे से कानून का पालन करने का वचन दें तो उनकी सजा कम की जा सकती है. मारग्रेट ने माफी मांगने से इनकार कर दिया. वो भरी अदालत में गरजकर बोलीं, “आपके इस कानून के लिए मेरे दिल में कोई सम्मान नहीं है. मैं माफी नहीं मांगूंगी.”
यह मुकदमा लंबा चला. ट्रायल कोर्ट के निर्णय के खिलाफ केस दो बड़ी अदालतों में भी गया. लेकिन इस मुकदमे का ऐतिहासिक महत्व ये है कि इसने अमेरिकी महिलाओं के लिए बर्थ कंट्रोल की सुविधा और सहायता पाने के दरवाजे खोल दिए.
यह केस इतना विचित्र था कि अमेरिकी मीडिया में इसकी बड़े पैमाने पर कवरेज हुई. हजारों की संख्या में औरतों ने सड़कों पर उतरकर मारग्रेट के पक्ष में प्रदर्शन किए, जुलूस निकाले.
ऊपर की अदालत ने मारग्रेट की सजा को तो बरकरार रखा, लेकिन मुकदमे की सुनवाई के दौरान इस बात को स्वीकार किया कि यह विवाहित महिलाओं के लिए क्रिटिकल है और उनको बर्थ कंट्रोल की सुविधा मिलनी चाहिए. उसके बाद कानून में बदलाव हुआ और डॉक्टरी सलाह पर विवाहित महिलाओं के लिए बर्थ कंट्रोल का इस्तेमाल लीगल हो गया.
यह मारग्रेट सेंगर और बाकी महिलाओं की ऐतिहासिक जीत थी. 1921 में जेल से छूटने के बाद सेंगर ने अमेरिकन बर्थ कंट्रोल लीग की शुरुआत की, जो आगे चलकर प्लांड पैरेंटहुड कहलाया.
1966 में मारग्रेट सेंगर की मृत्यु हुई. अमेरिका के इतिहास में उन्हें आधुनिक बर्थ कंट्रोल मूवमेंट की जनक के तौर पर देखा जाता है.