Exalta India: पिता से मिले 2 लाख रुपये से रखी थी कंपनी की नींव, आज 5 करोड़ है रेवेन्यु
Exalta को आशुतोष ने ग्रीन एनर्जी इनोवेशंस के लिए एक वन स्टॉप सॉल्युशन के तौर पर विकसित किया है.
क्लीन एनर्जी, ग्रीन एनर्जी टर्म तो आपने सुने ही होंगे. ऐसी ऊर्जा, जिसकी खपत से पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे. यानी, जीरो पॉल्युशन. रिन्युएबल एनर्जी, क्लीन एनर्जी का ही एक रूप है और इसी के तहत आते हैं सोलर प्रॉडक्ट्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स आदि. ये प्रॉडक्ट पर्यावरण के लिए तो अच्छे हैं लेकिन हर किसी की जेब के लिए नहीं. वजह, इनकी उच्च लागत. लेकिन Exalta India ऐसे क्लीन एनर्जी सॉल्युशंस पर काम कर रही है, जो मिडिल क्लास की जेब में भी फिट हो सकें.
Exalta India की स्थापना 2009 में “Insparc Technologies Pvt. Ltd.” के तहत की गई थी. कंपनी की शुरुआत आगरा से हुई थी लेकिन वर्तमान में इसका कार्यालय उत्तर प्रदेश के नोएडा में है. आज Exalta India, क्लीन एनर्जी प्रॉडक्ट्स इंडस्ट्री में एक भरोसेमंद नाम है. इसकी शुरुआत की है आशुतोष वर्मा ने. आशुतोष ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से BTech और MTech किया हुआ है. वह हमेशा से क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में रिसर्च एंड इनोवेशन से जुड़े रहे हैं. कंपनी के आशुतोष के अलावा जीएस प्रसाद भी को-फाउंडर हैं. प्रसाद सेल्स व मार्केटिंग को संभालते हैं. आशुतोष रिसर्च व ऑपरेशंस देखते हैं.
यूं हुई शुरुआत
क्लीन एनर्जी रिसर्च साइंटिस्ट 37 वर्षीय आशुतोष वर्मा का झुकाव शुरू से ही, स्कूली दिनों से इनोवेशन की ओर रहा. वह 10वीं कक्षा से ही सोलर एसी बनाना चाहते थे. यह ख्याल उनके दिमाग में तब आया, जब उनके माता-पिता घर के इकलौते एसी को लंबे वक्त तक चलाने से मना करते थे क्योंकि बिजली बिल ज्यादा आ सकता था. इस मुश्किल का हल ढूंढने के लिए आशुतोष साइबर कैफे में जाकर इंटरनेट पर रिसर्च करते. यहीं से उन्हें सोलर एसी का आइडिया मिला. आशुतोष मिडिल क्लास बैकग्राउंड से हैं, इसलिए तुरंत एंटरप्रेन्योरशिप में नहीं उतर सके. उनकी प्राथमिकता पढ़ाई पूरी करके एक नौकरी ढूंढकर घर को फाइनेंशियली सपोर्ट करना थी. आशुतोष के पिता बैंक में मैनेजर थे.
वक्त गुजरने के साथ टीचिंग व Appin Technology, Quarbz जैसी कंपनियों और कुछ सरकारी एजेंसियों के लिए काम करके आशुतोष ने साल 2009 में Exalta की नींव रखी. आशुतोष ने YourStory Hindi के साथ बातचीत में बताया कि पिता से मिले 2 लाख रुपये से कंपनी की शुरुआत की थी. बाद में जॉब से इकट्ठे हुए अमाउंट को भी इसमें लगाया. शुरुआती वर्षों में निवेशकों से फंडिंग नहीं मिल सकी, तो आशुतोष ने बैंकों से मदद ली. बैंक से एक लाख रुपये का ओवरड्राफ्ट लिया. कंपनी के वास्तविक ऑपरेशंस साल 2011 में शुरू हुए. 2009 से 2015 तक विभिन्न रोबोटिक्स, आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस प्रॉजेक्ट्स पर काम हो रहा था.
फिर लाए भारत का पहला सोलर बेस्ड DC एसी
इसके बाद Exalta ने साल 2015 में भारत का पहला सोलर बेस्ड डायरेक्ट कंरट एसी लॉन्च किया. यह कंपनी का पहला प्रॉडक्ट था. यह एसी बिना किसी बैटरी के चलता है. आज यह सोलर पावर्ड एसी भारत में नोएडा के इस्कॉन टेंपल, मथुरा में देवी मंदिर, हरियाणा में मानेसर हीरो होंडा कॉम्लेक्स व कई अन्य इंस्टीट्यूशंस में लगा हुआ है.
सोलर आइटम्स के लिए एक वन स्टॉप सॉल्युशन
Exalta को आशुतोष ने ग्रीन एनर्जी इनोवेशंस के लिए एक वन स्टॉप सॉल्युशन के तौर पर विकसित किया है. Exalta सोलर प्रॉडक्ट्स के निर्माण के साथ-साथ इनकी आपूर्ति, इंस्टॉलेशन, मेंटीनेंस सपोर्ट, कंसल्टेशन भी प्रदान करती है. कंपनी पिछले 10 वर्षों में हर तरह के सोलर आइटम्स के लिए एक वन स्टॉप सॉल्युशन के तौर पर विकसित हुई है. आशुतोष ने साल 2021 में Oxy Neuron India Pvt Ltd. की शुरुआत की और इसके तहत ऑक्सीजन-हाइड्रोजन और नाइट्रोजन-बेस्ड ओरिजिनल स्वदेशी मेडिकल व एग्रीकल्चरल प्रॉडक्ट की इनोवेशन पर काम किया.
मार्च में लॉन्च करेगी इलेक्ट्रिक टूव्हीलर
वर्तमान में Exalta India के प्रॉडक्ट पोर्टफोलियो में सोलर एसी, सोलर वाटर पंप्स, मेडिकल इक्विपमेंट्स आदि शामिल हैं. कंपनी इसी साल मार्च में ई-स्कूटर, ई-साइकिल और ई-रिक्शा जैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स लॉन्च करने वाली है. Exalta ने ईवी पर काम करना 2019 में स्टार्ट किया. आशुतोष भारत के लिए सबसे लो कॉस्ट और पूरी तरह से मेक इन इंडिया स्कूटी बनाने का प्लान कर रहे हैं. उसका हर कंपोनेंट मेड इन इंडिया होगा. आशुतोष बताते हैं कि उनका मकसद एक ऐसा इलेक्ट्रिक टूव्हीलर लॉन्च करना है, जो मिडिल क्लास नागरिकों के बजट में हो और कम रखरखाव लागत, जीरो प्रदूषण और 70-80 किमी प्रति चार्ज का माइलेज दे.
जहां तक Exalta के मेडिकल इक्विपमेंट्स की बात है तो कंपनी ने एक ऐसा पोर्टेबल मिनी वेंटिलेटर विकसित किया है, जिसमें इनबिल्ट ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर है. पानी बेस्ड शुद्ध ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर प्रति मिनट 1-8 लीटर ऑक्सीजन प्रदान करता है. बस इतना करना है कि वेंटिलेटर के अंदर पानी डालना होता है और यह शुद्ध ऑक्सीजन क्रिएट करने लगता है. यह कॉस्ट इफेक्टिव है और व्यावहारिक रूप से सुविधाजनक भी है. इसमें ऑक्सीजन सिलेंडर भरने के लिए विक्रेताओं पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है.
मैजिक इन्वर्टर भी हो रहा सक्सेसफुल
एग्जाल्टा ने एक मैजिक इन्वर्टर भी बनाया है. यह नया प्रॉडक्ट एक ऐसा इन्वर्टर है, जिसमें एक मॉडिफाइड लीथियम आयन बैटरी इनबिल्ट है. इसकी लाइफ करीब 15 वर्ष है. इस इन्वर्टर के साथ किसी और चीज की जरूरत नहीं होती, साथ ही इसे दीवार पर टांगा जा सकता है. इसे सोलर पावर से भी कनेक्ट किया जा सकता है. यह किसी भी मशीन से कनेक्ट किया जा सकता है. आशुतोष ने यह भी बताया कि इस मैजिक इन्वर्टर का एक अपडेटेड वर्जन भी लाया जा रहा है, जिसे हेल्थ इन्वर्टर नाम दिया गया है. इसमें इन्वर्टर के साथ एक एक्सरसाइज मशीन भी दे रहे हैं. इससे घर की बिजली बचाई जा सकेगी. इसे मार्च में पुणे की फैक्ट्री से लॉन्च किया जाएगा.
5-6 करोड़ रुपये है रेवेन्यु
आशुतोष के मुताबिक, कंपनी का सालाना रेवेन्यु इस वक्त 5-6 करोड़ रुपये है. एग्जाल्टा के प्रॉडक्ट पूरे भारत में बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. विदेश में दक्षिण अफ्रीका, दुबई में भी प्रॉडक्ट जाते हैं लेकिन अभी एक्सपोर्ट की कुल रेवेन्यु में हिस्सेदारी केवल 1-2 प्रतिशत ही है. Exalta India की वर्कफोर्स इस वक्त 28 लोगों की है.
क्या है कंपनी का विजन
Exalta 20 से ज्यादा ब्रांच के साथ क्लीनेस्ट सोलर सॉल्युशंस उपलब्ध कराती है. कंपनी को B2B और B2C दोनों उद्योगों में सर्विस दे रही है. कंपनी का विजन सभी मार्केट्स में हाई क्वालिटी व कॉस्ट इफेक्टिव सस्टेनेबल एनर्जी सॉल्युशंस और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स उपलब्ध कराना है. साथ ही बिजली जनरेट करने और यूटिलाइज करने के तरीके में बदलाव, कार्बन फुटप्रिंट घटाना और सबसे क्लीन, मोस्ट इफीशिएंट व इकनॉमिक सोलर एनर्जी सॉल्युशंस डिलीवर करके एक सस्टेनेबल फ्यूचर को इनेबल करने की जिम्मेदारी भी कंपनी के विजन का हिस्सा है.
आशुतोष वर्मा ने क्लीन एनर्जी साइंटिस्ट और रिसर्चर के तौर पर ऑक्सीजन व हाइड्रोजन पर बड़े पैमाने पर काम किया है. उनके महत्वपूर्ण कार्य 'राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC)', नई दिल्ली में डिस्प्ले के लिए रखे गए हैं. आशुतोष वर्मा विभिन्न सरकारी व गैर-सरकारी एजेंसियों के साथ जुड़कर क्लीन एनर्जी में इनोवेशन व काम करते रहे हैं.