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भांग के छिपे हुए गुणों की मदद से लोगों को स्वस्थ रखने की कोशिश कर रही पुणे की Hampa Wellness

हैंपा वेलनेस को जनवरी 2021 में शुरू किया गया था और दिसंबर 2022 में पहला प्रॉडक्ट लॉन्च किया गया.

भांग के छिपे हुए गुणों की मदद से लोगों को स्वस्थ रखने की कोशिश कर रही पुणे की Hampa Wellness

Monday February 27, 2023 , 6 min Read

हेंप (भांग) को अक्सर 'ट्रिलियन-डॉलर की फसल' कहा जाता है. लेकिन इसका इस्तेमाल नशे के लिए ज्यादा होने की वजह से इस हजारों साल पुराने पौधे के बाकी लाभकारी गुणों को दरकिनार कर दिया जाता है. हेंप (Hemp) प्लांट से मिलने वाले हेंप बीज का फाइबर, फार्मास्युटिकल्स, हेल्थकेयर आदि के लिए विदेशों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. जहां तक भारत की बात है तो प्राचीन भारतीय वेदों में, आयुर्वेद के शुरुआती ग्रंथों में बीमारियों के इलाज के लिए हेंप प्लांट के विभिन्न लाभों का उल्लेख होने के बावजूद, भारत में भांग की खेती सख्त नियमों के तहत होती है. वजह इसका गलत इस्तेमाल.

लेकिन पिछले कुछ समय में सरकार ने इंडस्ट्रियल हेंप कल्टीवेशन की अनुमति देने के लिए कुछ नियमों में ढील दी है, जिससे उद्यमियों को इसके उभरते अवसरों का पता चला है. अब स्टार्टअप्स व कंपनियां इन अवसरों को भुनाने के लिए और लोगों के सामने हेंप के लाभकारी गुणों को लाने के लिए इस इंडस्ट्री में उतरे रहे हैं. ऐसी ही एक कंपनी है हैंपा वेलनेस (Hampa Wellness), जो हेंप बेस्ड वेलनेस प्रॉडक्ट्स की मदद से लोगों की प्रॉब्लम्स का इलाज करने की कोशिश कर रही है.

साल 2021 में शुरुआत

हैंपा वेलनेस को जनवरी 2021 में शुरू किया गया था और दिसंबर 2022 में पहला प्रॉडक्ट लॉन्च किया गया. हैंपा वेलनेस को रजनीश पुंज ने अपने 4 अन्य साथियों के साथ मिलकर शुरू किया है. ये साथी हैं- कमल अग्रवाल, जलज खुराना, संजय दावेर और राजीव खुराना. रजीनश के साथ-साथ ये चारों लोग भी कंपनी के को-फाउंडर हैं. रजनीश और कमल डायरेक्टर भी हैं. रजनीश मुख्य रूप से सेल्स व आॅपरेशंस देखते हैं. कमल अग्रवाल स्ट्रैटेजी, फाइनेंस देखते हैं. राजीव खुराना, प्रॉडक्ट व डेवलपमेंट देखते हैं. इसके अलावा संजय भी फाइनेंस से जुड़े हैं और जलज, रजनीश के साथ ऑपरेशंस व सेल्स से जुड़े हैं. बाकी को-फाउंडर्स के बीच रजनीश ही कॉमन कड़ी हैं. दरअसल कमल और संजय, रजनीश के साथ ग्लोबल कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स में थे. वहीं राजीव और जलज, रैकेट बेंकिजर में थे.

कितने भरोसेमंद हैं प्रॉडक्ट्स के फॉर्म्युलेशंस

रजनीश बताते हैं कि प्रॉडक्ट्स को जिन फॉर्म्युलेशंस से तैयार किया जा रहा है, वह हैंपा वेलनेस के ही हैं. फॉर्म्युलेशंस में से कुछ एफडीए डिपार्टमेंट के साथ रजिस्टर हैं और कुछ आयुर्वेदिक कैटेगरी के तहत रजिस्टर हैं. फॉर्म्युलेशंस में इस्तेमाल हो रहे इन्ग्रीडिएंट की टेस्टिंग होती है, साथ ही फाइनल फॉर्म्युलेशंस तैयार होने के बाद उनकी भी टेस्टिंग होती है, उनका सर्टिफिकेट ऑफ एनालिसिस तैयार होता है. टेस्टिंग केवल कंपनी लेवल पर ही नहीं होती, बल्कि आयुष डिपार्टमेंट भी अपने प्रोसिजर के हिसाब से टेस्टिंग करता है. टेस्टिंग में खरा उतरने के बाद ही प्रॉडक्ट मार्केट में उतारा जाता है. हैंपा वेलनेस के एक मेडिकल एडवाइजर भी हैं, जो हर स्टेज पर कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं.

हालांकि कंपनी की सोच इस बात को लेकर सीमित नहीं है कि जो वेलनेस प्रॉडक्ट वह लाए, उनमें केवल हेंप का ही इस्तेमाल हो. हैंपा वेलनेस के प्रॉडक्ट्स में हेंप के साथ-साथ अन्य इन्ग्रीडिएंट्स का भी इस्तेमाल होता है. हेंप एक मुख्य इन्ग्रीडिएंट है. कंपनी का मकसद हेंप बेचना नहीं है, बल्कि कंज्यूमर की दिक्कतों को दूर करना है. हैंपा वेलनेस का हर प्रॉडक्ट प्योर हिमालयन हेंप और अन्य इन्ग्रीडिएंट्स के गुणों से तैयार किया गया है.

अभी अर्ली स्टेज में है कंपनी

कंपनी के प्रॉडक्ट दिसंबर 2022 से लॉन्च होने शुरू हुए थे और केवल दो माह के अंदर ही कंपनी 1000 ग्राहकों का आंकड़ा छूने वाली है. हैंपा में अभी 10 लोगों की वर्कफोर्स है. प्रॉडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग हैंपा वेलनेस नहीं करती है, बल्कि इसके लिए एक अन्य कंपनी के साथ टाईअप है. हालांकि प्रॉडक्ट की क्वालिटी की मॉनिटरिंग हैंपा ही करती है.

hampa wellness

हैंपा वेलनेस के अन्य को-फाउंडर्स (L to R): कमल अग्रवाल, संजय दावेर, जलज खुराना, राजीव खुराना

कैसे आया हैंपा वेलनेस शुरू करने का आइडिया

रजनीश ने YourStory Hindi को बताया कि 2020 में कमल अग्रवाल ने हेंप पर अपनी एक रिसर्च पूरी की थी. उसके बाद इस प्लांट के लाभकारी गुणों को लोगों के सामने लाने और भारत में इसकी मौजूदगी व शुरुआत को न खोने देने की सोच के साथ हैंपा को शुरू करने का ख्याल आया. साथ ही इस इंडस्ट्री में ग्रोथ की संभावनाएं भी दिखीं. भारत में इसकी इंडस्ट्री बड़ी नहीं है. लेकिन अब कुछ स्टार्टअप्स ने इसमें उतरना शुरू कर दिया है, सरकार की ओर से भी कुछ सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं. लिहाजा भविष्य में अच्छी ग्रोथ के आसार हैं.

ड्रीम प्रॉजेक्ट है हैंपा वेलनेस

चंडीगढ़ से ताल्लुक रखने वाले रजनीश पुंज एक इंजीनियर ग्रेजुएट हैं और उन्होंने आईआईएम लखनऊ से एमबीए किया हुआ है. रजनीश को एफएमसीजी और कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स इंडस्ट्री में 22 वर्ष का अनुभव है. वह Reckitt Benckiser, Global

Consumer Products, 54 Capital FMCG जैसी कंपनियों में लीडरशिप रोल्स में रह चुके हैं. हैंपा वेलनेस उनका ड्रीम प्रॉजेक्ट है. रजनीश कहते हैं कि स्टार्टअप के माहौल में वह लगभग 7 साल पहले आए, जब वह ग्लोबल कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स से जुड़े. यह उस वक्त एक स्टार्टअप कंपनी थी और रजनीश वहां सेल्स व मार्केटिंग के हेड थे. रजनीश के मुताबिक हैंपा वेलनेस में उनका मकसद हेंप बेस्ड ऐसे प्रॉडक्ट लाना है, जो कंज्यूमर को मैक्सिमम बेनिफिट पहुंचाएं.

क्या हैं हेंप के फायदे

हेंप के फायदों की बात करें तो 9000 साल पुराना यह प्लांट एक प्रोटीन रिच और अच्छे फैट न्यूट्रीशन वाला प्लांट है. यह त्वचा की देखभाल, बालों की देखभाल, मोबिलिटी और पेन मैनेजमेंट, समय से पहले बूढ़ा होना, सेक्शुअल हेल्थ, मेन्स्ट्रुअल हेल्थ, तनाव व एनजाइटी मैनेजमेंट, और यहां तक कि पालतू जानवरों की देखभाल में भी मददगार है. हेंप में प्रोटीन, ओमेगा 3, 6 व 9; जरूरी डायटरी फाइबर्स पाए जाते हैं. यह बालों व त्वचा के लिए एक अच्छा मॉइश्चराइजर है. 

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कंपनी का मकसद

हैंपा वेलनेस, हेंप के छिपे हुए गुणों के माध्यम से लोगों की वेल बीइंग के लिए काम करने की कोशिश कर रही है. हेंप प्लांट के गुणों की मदद से ब्रांड का लक्ष्य- पोषण, पर्सनल केयर और वेलनेस स्पेस में अपने प्राकृतिक, हानिकारक रसायन मुक्त और रिजल्ट ओरिएंटेड प्रॉडक्ट्स के साथ बदलाव लाना है. भारत में हेंप बेस्ड प्रॉडक्ट्स का बाजार 30 करोड़ रुपये का है और अभी बेहद ही शुरुआती चरण में है. लेकिन 2030 तक इसके 3500-4000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. ग्लोबल हेंप इंडस्ट्री पहले से ही लगभग 10 अरब डॉलर की है, जिसके 2030 तक 16.8% सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है.