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Tata की IT कंपनी ने Moonlighting को बताया गलत, लेकिन किसी कर्मचारी को निकालने से इनकार किया

विप्रो (Wipro) ने एक ही वक्त पर Wipro Ltd के साथ-साथ दूसरी कंपनियों में भी काम करने के कारण अपने 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था.

Tata की IT  कंपनी ने Moonlighting को बताया गलत, लेकिन किसी कर्मचारी को निकालने से इनकार किया

Tuesday October 11, 2022 , 3 min Read

इंफॉर्मेशन-टेक्नोलॉजी (IT) कंपनियों ने 'Moonlighting' (एक कंपनी के फुल टाइम कर्मचारी रहते हुए दूसरा काम करने की आजादी) को अपनी कंपनी के खिलाफ घोषित कर दिया है और उस पर लगाम लगाने के लिए कमर भी कस चुकी हैं. मूनलाइटिंग के कारण Wipro द्वारा 300 कर्मचारियों को निकालने के बाद अब टाटा ग्रुप की कंपनी TCS ने भी साफ कर दिया कि दोहरा रोजगार सामान्य तौर पर कंपनी के मूल मूल्यों और संस्कृति के खिलाफ है.

TCS ने साथ ही कहा कि उसने अपने किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. कंपनी में 6.16 लाख से अधिक लोग काम करते हैं.

TCS के चीफ एचआर ऑफिस मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि हम मानते हैं कि मूनलाइटिंग एक नैतिक मुद्दा है और यह सामान्य रूप से हमारे मूल मूल्यों और संस्कृति के खिलाफ है. मैं पूरे आईटी उद्योग के बारे में बात नहीं कर रहा हूं, मैं टीसीएस के बारे में बात कर रहा हूं. हम कर्मचारियों को इसकी सूचना दे रहे हैं.

सीईओ राजेश गोपीनाथन ने कहा कि हमारे इम्प्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट में यह दर्ज है कि आपको किसी अन्य कंपनी के लिए काम करने की अनुमति नहीं है. इससे पहले, टीसीएस के सीओओ एन. गणपति सुब्रमण्यम ने भी मूनलाइटिंग को एक "नैतिक मुद्दा" कहा था. सुब्रमण्यम का मानना ​​है कि मूनलाइटिंग जैसी नीतियों को मंजूरी देने पर आईटी इंडस्ट्री को खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

क्या है Moonlighting?

दरअसल, कोविड-19 महामारी के दौरान जब देशव्यापी लॉकडाउन लगा था तब अच्छी खासी संख्या में कामकाजी लोगों ने नई हॉबिज को अपनाना शुरू कर दिया था. या फिर वे अतिरिक्त कमाई के लिए कोई काम करने लगे थे. इसके लिए वे किसी एनजीओ के साथ वालंटियर के तौर पर जुड़े, डांस इंस्ट्रक्टर के तौर पर काम किया या सोशल मीडिया पर अपना कंटेंट बनाया.

बता दें कि, अधिकतर पारंपरिक कंपनियां कमर्शियल टर्म्स पर बाहरी काम करने की इजाजत नहीं देती हैं. एचआर प्रोफेशनल्स और लीगल एक्सपर्ट्स का मानना है कि मूनलाइटिंग करते पाए जाने पर कोर्ट्स ने कंपनियों को कर्मचारी को टर्मिनेट करने की मंजूरी दी है. फैक्टरिज एक्ट के तहत दोहरी नौकरी करने पर पाबंदी है लेकिन कई राज्यों की आईटी कंपनियों पर यह कानून लागू नहीं होता है. कई कंपनियों का मानना है कि दूसरी जॉब औऱ पार्ट टाइम जॉब में अंतर करना जरूरी होता है.

टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल्स के बीच ‘मूनलाइटिंग’ के बढ़ते चलन ने उद्योग में एक नई बहस छेड़ दी है. टेक महिंद्रा Tech Mahindra जैसी कुछ कंपनियों ने इसका समर्थन किया है जबकि IBM, विप्रो Wipro Ltd जैसी अन्य कंपनियों ने इसके बारे में चिंता व्यक्त की है.

Swiggy ने दी है Moonlighting की मंजूरी

कुछ महीने पहले ही स्विगी Swiggy ने इस शर्त के साथ अपने कर्मचारियों को मूनलाइटिंग (Moonlighting) की मंजूरी दी थी कि वह स्विगी के कारोबार के हितों के साथ टकराव पैदा करने वाला नहीं होना चाहिए और न ही उससे फुल टाइम जॉब की प्रोडक्टिविटी प्रभावित होनी चाहिए.

Wipro ने 300 कर्मचारियों को निकाला था

पिछले महीने ही, विप्रो (Wipro) ने एक ही वक्त पर Wipro Ltd के साथ-साथ दूसरी कंपनियों में भी काम करने के कारण अपने 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था.

विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी (Rishad Premji) ने कहा था कि कंपनी ने पाया कि उसके 300 कर्मचारी एक ही समय में विप्रो के अलावा कंपनी के एक कॉम्पिटीटर के साथ भी काम कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में उनकी सेवाओं को समाप्त करके कार्रवाई की गई.


Edited by Vishal Jaiswal