टैक्सपेयर्स अलर्ट: CBDT ने वर्ष 2023-24 के लिए जारी किया नया इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म, यहां देखें डिटेल्स
आयकर विभाग (Income Tax Department) द्वारा आकलन वर्ष 2023-24 (Assessment Year 2023-24) (वित्त वर्ष 2022-23) के लिए व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए नए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म (New Income Tax Return (ITR) filing forms) जारी किए गए हैं. 10 फरवरी की एक अधिसूचना के माध्यम से, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes - CBDT) ने आईटीआर फॉर्म 1-6 (ITR forms 1-6), आईटीआर-वी (सत्यापन फॉर्म) (ITR-V (verification form)) और आईटीआर पावती फॉर्म (ITR acknowledgement form) जारी किए हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने AMRG & Associates के सीनियर पार्टनर रजत मोहन के हवाले से कहा है कि CBDT ने आकलन वर्ष 2023-24 (2022-23 में अर्जित आय के लिए) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म को काफी पहले अधिसूचित कर दिया है, जिससे करदाताओं (taxpayers) को इस साल की शुरुआत में अपना आय रिटर्न तैयार करने में मदद मिलेगी. पिछले साल ये फॉर्म अप्रैल के पहले हफ्ते में जारी किए गए थे.
“आईटीआर फॉर्मों की प्रारंभिक अधिसूचना ई-फाइलिंग पोर्टल, थर्ड-पार्टी सॉफ्टवेयर कंपनियों, करदाताओं और कर पेशेवरों सहित सभी हितधारकों को पर्याप्त समय देगी. इस साल, सॉफ्टवेयर विक्रेता इस अतिरिक्त समय का उपयोग एक्सेल यूटिलिटी के शुरुआती कार्यान्वयन और आईटीआर दाखिल करने के लिए थर्ड-पार्टी सॉफ्टवेयर के लिए कर सकते हैं," मोहन के हवाले से ये बात कही गई.
ITR फॉर्म की डिटेल्स
ITR-1 और ITR-4 फाइल करना आसान हैं जो बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम करदाताओं को सबमिट करने हैं.
ITR-1 50 लाख रुपये तक की आय और वेतन वाले, एक घर की संपत्ति और अन्य स्रोतों (ब्याज आदि) से आय प्राप्त करने वाले व्यक्ति द्वारा दाखिल किया जा सकता है. ITR-4 व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (HUFs) और 50 लाख रुपये तक की कुल आय वाले और व्यवसाय और पेशे से आय वाली फर्मों द्वारा फाइल किया जा सकता है.
ITR-2 वे लोग फाइल करते हैं, जिनकी आमदनी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी से होती है.
ITR-3 पेशेवरों द्वारा फाइल किया जाता है जबकि ITR-5 और ITR-6 LLP और व्यवसायों द्वारा फाइल किया जाता है.
ध्यान में रखें ये अहम बातें
संशोधित मानदंडों के अनुसार, जिन व्यक्तियों पर कर अधिकारियों द्वारा तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की गई है, वे अब ITR-1 में अपनी अघोषित संपत्ति के स्व-मूल्यांकन के आधार पर धारा 153 सी के तहत संशोधित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं.
CBDT ने धारा 139 (1) के तहत प्रकटीकरण के संबंध में ITR-1 फॉर्म में भी कुछ बदलाव किए हैं, जो 2.5 लाख रुपये से कम की वार्षिक कर योग्य आय वाले व्यक्तियों द्वारा स्वेच्छा से दायर किया जाता है. इन व्यक्तियों को अपने ITR फॉर्म में सूचित करने की आवश्यकता नहीं होगी, भले ही उनकी सावधि जमा राशि 1 करोड़ रुपये से अधिक हो.
2022-23 का बजट क्रिप्टो संपत्तियों पर आयकर लगाने के संबंध में स्पष्टता लाया. 1 अप्रैल, 2022 से ऐसे लेनदेन पर 30 प्रतिशत आई-टी प्लस उपकर और अधिभार लगाया गया था.
वर्चुअल करेंसी के प्रति 10,000 रुपये से अधिक के भुगतान पर एक प्रतिशत टीडीएस भी पेश किया गया था. निर्दिष्ट व्यक्तियों के लिए टीडीएस की सीमा प्रति वर्ष 50,000 रुपये थी, जिसमें ऐसे व्यक्ति/एचयूएफ शामिल हैं जिन्हें आई-टी अधिनियम के तहत अपने खातों का ऑडिट कराना आवश्यक है.