AC में फिट होगा Clairco का Air Purifier, बिजली की भी बचत
Clairco के एयर क्वालिटी मॉनिटर PM2.5, PM10, कार्बन डायऑक्साइड और हवा में मौजूद हानिकारक केमिकल्स का पता लगा लेते हैं, और जिस भी एरिया में लगे हों वहां मौजूद स्क्रीन्स पर एयर क्वालिटी दिखा भी देते हैं.
हर साल जब भी सर्दियों की आहट आती है, पूरे उत्तर भारत में आता है प्रदूषण. एलर्जी, इन्फेक्शन, सांस की दिक्कत ऐसे मौसम में होना आम हो जाता है. और इसी के साथ हर घर में चलने लगता है एयर प्यूरीफायर.
मगर एयर प्यूरीफायर के साथ एक झंझट ये भी है कि हर साल उसकी सर्विसिंग और समय समय पर फ़िल्टर क्लीन करवाना पड़ता है. और ये एक दिक्कत ये भी है कि दफ्तरों और मॉल्स में छोटे प्यूरीफायर काम नहीं करते.
लेकिन मैं आपसे कहूं कि ही एयर प्यूरीफायर का काम करेगा, तो?
यहां हम आपको बता रहे हैं स्टार्टअप
के बारे में.क्लैरको यानी क्लीन एयर कंपनी एक इंडोर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कंपनी है. अपनी पेटेंटेड टेक्नोलॉजी की मदद से ये एसी के वेंट्स में एयर प्यूरिफिकेशन सिस्टम फिट करते हैं. साथ ही हवा की क्वालिटी की रियल टाइम मोनिटरिंग यानी किस समय हवा की क्वालिटी कैसी है, ये भी चेक करने की सुविधा देता है. रियल टाइम मैनेजमेंट से कॉस्ट कटिंग और एनेगेरी सेविंग, दोनों में ही मदद मिलती है.
क्लैरको के फाउंडर आयुष झा और उदयन बनर्जी. आयुष ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की गई. साथ ही वे एक एंजेल इन्वेस्टर भी हैं. वहीं उदयन IIT BHU वाराणसी से बीटेक हैं और इसके पहले ओयो के साथ काम कर रहे थे.
फ़िलहाल क्लैरको के पास दो पेटेंट्स हैं, और तीन अन्य पेटेंट्स उन्होंने फाइल कर रखे हैं. गोल्बल रियल एस्टेट कम्पनीज और कॉर्पोरेट्स के साथ मिलकर क्लैरको फ़िलहाल 1 करोड़ स्क्वायर फुट से भी ज्यादा एरिया की एयर क्वालिटी मैनेज कर रहा है.
क्लैरको के एयर क्वालिटी मॉनिटर PM2.5, PM10, कार्बन डायऑक्साइड और हवा में मौजूद हानिकारक केमिकल्स का पता लगा लेते हैं, और जिस भी एरिया में लगे हों वहां मौजूद स्क्रीन्स पर एयर क्वालिटी दिखा भी देते हैं.
इंडोर पल्यूशन से बचने की ओर ये एक बड़ा कदम है.
यह स्टार्टअप YourStory की साल 2022 की Tech30 लिस्ट का हिस्सा है.
YourStory हर साल अपने सिग्नेचर इवेंट TechSparks में आपके लिए कई हज़ारों में से चुनकर लाता है Tech30 लिस्ट में ऐसे 30 स्टार्टअप जो देश को बदल देने के साथ साथ अरबों की कंपनियां बनने की ताकत रखते हैं.
Tech30 ने बीते 11 साल में 330 से ज्यादा स्टार्टअप्स को प्रोफाइल कर उनके बारे में दुनिया को बताया है, 35,000 से ज्यादा नौकरियां देने में मदद की है, 300 करोड़ डॉलर से भी ज्यादा की फंडिंग इसकी मदद से आई है और 675 से भी ज्यादा युवा फाउंडर्स को हमने कुछ कर दिखाने की ताकत दी है. Tech30 लिस्ट का हिस्सा रहे 5 ऐसे स्टार्टअप हैं जो यूनिकॉर्न बन चुके हैं. यानी उनका वैल्यूएशन 100 करोड़ डॉलर से ज्यादा है और ये सिलसिला अभी रुका नहीं है.
Edited by Prateeksha Pandey