PCR, CT Scan, XRay को आसान बना रहा है स्टार्टअप Algorythmic Biologics
Algorythmic Biologics मॉलिक्यूलर डिस्कवरी और डायग्नोस्टिक्स को बेहतर करने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रहा है. ऐसा ये अपने क्लाउड-होस्टेड सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म 'टेपेस्ट्री' के ज़रिये कर रहा है.
जब भी किसी विकासशील लोकतंत्र को बेहतर बनाने की बात आती है, शिक्षा और चिकित्सा के दो बड़े फील्ड्स का नाम ज़रूर लिया जाता है. सवाल ये भी है कि इंडिया जैसे बड़े लोकतंत्र में जहां इतनी जनसंख्या है, किसी भी तरह के बदलाव को लागू कैसे किया जाए. ऐसे में कुछ स्टार्टअप्स हैं जो रोज़ नयी नयी तकनीक लेकर आ रहे हैं, खासकर मेडिकल फील्ड में. और लोगों के लिए चिकित्सा को आसान और तेज़ बना रहे.
यहां हम आपको बता रहे हैं स्टार्टअप
के बारे में.अल्गोरिदमिक बायोलॉजिक्स मॉलिक्यूलर डिस्कवरी और डायग्नोस्टिक्स को बेहतर करने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रहा है. ऐसा ये अपने क्लाउड-होस्टेड सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म 'टेपेस्ट्री' के ज़रिये कर रहा है. शुरू होने के बाद से अपनी 18 महीने की यात्रा में, इस स्टार्टअप ने चार पीएचडी होल्डर्स की एक टीम बनाई है. अब तक ये पांच पेटेंट फाइल कर चुके हैं. साथ ही इन्होंने अपने सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म के लिए सीई-आईवीडी मार्क पहासिल किया है.
अल्गोरिदमिक बायोलॉजिक्स 350 अंतरराष्ट्रीय टीमों के बीच एक्सप्राइज प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचा है और जीत हासिल की है. कर्नाटक सरकार से 'एलिवेट' पुरस्कार पाया है और 269 टीमों के एक क्षेत्र से CCAMP द्वारा आयोजित AMRQuest चैलेंज जीता है. इसे डीप टेक स्टार्टअप्स और एआई स्टार्टअप्स की प्रमुख सूचियों में रखा गया गया है. एक्सिलर वेंचर्स ने अल्गोरिदमिक बायोलॉजिक्स में निवेश किया है. स्टार्टअप फ़िलहाल मेडजेनोम, माहिको, और मोल्बियो डायग्नोस्टिक्स जैसे इंडस्ट्री लीडर्स और आईजीआईबी जैसे अकादमिक शोध संस्थानों के साथ जुदा हुआ है. इसके टारगेट ग्राहक ऐसी प्रयोगशालाएं हैं जो देश भर में पब्लिक हेल्थ जांच कार्यक्रम करती हैं.
टेपेस्ट्री नाम का ये क्लाउड-होस्टेड सॉफ़्टवेयर प्लेटफ़ॉर्म स्टैण्डर्ड मॉलिक्यूलर टेस्टिंग पर काम करता है और मोलेचुला टेस्टिंग को बेहतर करने वाले कंप्यूटिंग एप्लीकेशन्स को चलाना संभव बनाता है. यह अलग अलग तरह की मॉलिक्यूलर टेस्टिंग जैसे पीसीआर, सिक्वेंसिंग और मास स्पेक्ट्रोमेट्री के साथ काम करता है. शुरू होने के एक साल के अंदर, इस स्टार्टअप को रेगुलेटरी अप्रूवल्स मिल चुके हैं. साथ ही इन्होंने 25,000 नमूनों की टेस्टिंग की है और पांच कस्टमर्स को साइन अप किया है. ये टीबी का इलाज और ड्रग डिस्कवरी जैसे फील्ड्स में काम कर रहा है.
फाउंडर और सीईओ डॉ. मनोज गोपालकृष्णन, एक प्रोफेसर से आंत्रप्रेन्योर बने हैं और मॉलिक्यूलर कंप्यूटिंग में पिछले 18 वर्षों से रिसर्चर हैं. उन्होंने मॉलिक्यूलर साइंस और कंप्यूटर साइंस में महारथ के साथ 14 साल के लिए TIFR बॉम्बे और IIT बॉम्बे फैकल्टी के तौर पर भी काम किया है. उन्हें रामानुजन फैलोशिप और विटरबी ग्रेजुएट फैलोशिप से सम्मानित किया गया है. उन्होंने 2008 में साउथ कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की. उन्होंने 2003 में आईआईटी खड़गपुर में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा किया.
यह स्टार्टअप YourStory की साल 2022 की Tech30 लिस्ट का हिस्सा है.
YourStory हर साल अपने सिग्नेचर इवेंट TechSparks में आपके लिए कई हज़ारों में से चुनकर लाता है Tech30 लिस्ट में ऐसे 30 स्टार्टअप जो देश को बदल देने के साथ साथ अरबों की कंपनियां बनने की ताकत रखते हैं.
Tech30 ने बीते 11 साल में 330 से ज्यादा स्टार्टअप्स को प्रोफाइल कर उनके बारे में दुनिया को बताया है, 35,000 से ज्यादा नौकरियां देने में मदद की है, 300 करोड़ डॉलर से भी ज्यादा की फंडिंग इसकी मदद से आई है और 675 से भी ज्यादा युवा फाउंडर्स को हमने कुछ कर दिखाने की ताकत दी है. Tech30 लिस्ट का हिस्सा रहे 5 ऐसे स्टार्टअप हैं जो यूनिकॉर्न बन चुके हैं. यानी उनका वैल्यूएशन 100 करोड़ डॉलर से ज्यादा है और ये सिलसिला अभी रुका नहीं है.
Edited by Prateeksha Pandey