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घर बैठे वैक्सीन और सस्ती कीमोथेरेपी देने वाले स्टार्टअप Jivika Healthcare की कहानी

Jivika की ख़ास पहल 'हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ऑन व्हील्स' है. ये एक विशेष वैन-आधारित स्क्रीनिंग मॉडल है, जिसके तहत कैंसर, मोतियाबिंद, दांत सम्बंधित परेशानियों के साथ-साथ अन्य 20 से ज्यादा बिमारियों का शुरूआती स्क्रीनिंग मुमकिन है.

घर बैठे वैक्सीन और सस्ती कीमोथेरेपी देने वाले स्टार्टअप Jivika Healthcare की कहानी

Friday February 17, 2023 , 4 min Read

साल 1980 का था जब पोलियो तेजी से फैल रहा था. एक ही बार में 1 लाख से ज्यादा बच्चे पोलियो से संक्रमित हो गए थे. इसके बाद एक अभियान की शुरुआत हुई जिसके तहत घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो के टिके लगाए जाने लगे. इन टीकों को लगवाने के लिए आपको कहीं जाने की जरुरत नहीं पड़ती थी. टीम दवाई के साथ घर पर आकर बच्चों को टीके लगाती थी. इस लम्बे अभियान के बाद 27 मार्च,2014 को हमारा देश पोलियो मुक्त घोषित किया गया. बदलते मौसम, बदलते खान-पान और अनियंत्रित जीवन शैली की वजह से लोगों को बीमारियाँ घेरे रहती हैं. इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ते हैं. आज आपको मिलवाएंगे एक ऐसे स्टार्टअप से जो आपकी इस परेशानी से निजात दिलवाएगा. आपको मिलेगा घर बैठे इलाज़.

यहां हम आपको बता रहे हैं स्टार्टअप जीविका हेल्थकेयर (Jivika Healthcare) के बारे में.

जीविका हेल्थकेयर एक मोबाइल मेडिकल सर्विस है जिसका मुख्य उद्देश्य है स्वास्थ्य सेवाओं को घर-घर पहुँचाना. स्टार्टअप मुखतः दो सेवाओं को संचालित करता है - वैक्सीनेशन ऑन व्हील्स और कीमो एट होम. कंपनी जमीनी स्तर पर सस्ती स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध करवाती है. स्टार्टअप ने भारत की पहली डॉक्टर-बेस्ड मोबाइल वक्सीनेशन सर्विस - ‘वैक्सीनेशन ऑन व्हील्स’ की शुरुआत की है. कंपनी का कहना है कि इस सर्विस के जरिए हमने 6 राज्यों के 40 शहरों में रहने वाले 2.7 मिलिअन से ज्यादा लोगों को सर्व किया है. कंपनी के विज़न के बारे में फाउंडर्स बताते हैं कि हम ग्रामीण और शहरी छेत्रों में क्वालिटी मोबाइल हेल्थकेयर इकोसिस्टम बनाना चाहते हैं, जिससे लोगों को किफ़ायती औरे बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें.

हाल ही में एक पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत जीविका ने एक 'हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ऑन व्हील्स' को डिजाइन किया है. भारत में लॉन्च होने वाला ये पहला प्रोग्राम होगा. इस प्रोग्राम के उद्देश्य ग्रामीणों के 20 से ज्यादा बिमारियों की जांच कर लोगों को इलाज के लिए सरकारी केंद्रों से जोड़ना है.

जीविका ने वर्ष 2019 में अपने पहले सर्विस इनोवेशन - वैक्सीनेशन ऑन व्हील्स की शुरुआत की थी. ये सर्विस भारत की पहली सब्सिडीयुक्त, ब्याज मुक्त ईएमआई मोबाइल वैक्सीनेशन सर्विस थी. ये एक फ्रैंचाइज़ी मॉडल पर काम करता है, जिसमें सामान्य चिकित्सकों के साथ मिलकर समुदाय में वक्सीनेशन हब बनाए जाते हैं. स्टार्टअप पेशेंट्स को घर पर ही हॉस्पिटल्स जैसी हाई क्वालिटी कीमोथेरेपी की सुविधा देता है. कंपनी की ये सेवाएँ मार्केट प्राइस से 25% कम पर उपलब्ध हैं. टीयर III+ एरियाज के लोग भी घर बैठे इन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं. ये सुविधाओं के जरीय पैसे और समय दोनों की ही बचत हो रही है.

जीविका की ख़ास पहल 'हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ऑन व्हील्स' है. ये एक विशेष वैन-आधारित स्क्रीनिंग मॉडल है, जिसके तहत कैंसर, मोतियाबिंद, दांत सम्बंधित परेशानियों के साथ-साथ अन्य 20 से ज्यादा बिमारियों का शुरूआती स्क्रीनिंग मुमकिन है.

जीविका हेल्थकेयर की शुरुआत जिग्नेश पटेल और कुणाल मेहता ने की है. दोनों ही निरमा यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट हैं. जिग्नेश ने हैदराबाद के आईबीएस कॉलेज से एमबीए किया है. जिग्नेश आईआईटी, हैदराबाद के Center for Healthcare Entrepreneurship के रिसर्च फेलो रह चुके हैं. कंपनी के को-फाउंडर कुणाल ने आईआईएम कोझिकोड से advanced operations management and analytics का कोर्स किया है.

यह स्टार्टअप YourStory की साल 2022 की Tech30 लिस्ट का हिस्सा है.

YourStory हर साल अपने सिग्नेचर इवेंट TechSparks में आपके लिए कई हज़ारों में से चुनकर लाता है Tech30 लिस्ट में ऐसे 30 स्टार्टअप जो देश को बदल देने के साथ साथ अरबों की कंपनियां बनने की ताकत रखते हैं.

Tech30 ने बीते 11 साल में 330 से ज्यादा स्टार्टअप्स को प्रोफाइल कर उनके बारे में दुनिया को बताया है, 35,000 से ज्यादा नौकरियां देने में मदद की है, 300 करोड़ डॉलर से भी ज्यादा की फंडिंग इसकी मदद से आई है और 675 से भी ज्यादा युवा फाउंडर्स को हमने कुछ कर दिखाने की ताकत दी है. Tech30 लिस्ट का हिस्सा रहे 5 ऐसे स्टार्टअप हैं जो यूनिकॉर्न बन चुके हैं. यानी उनका वैल्यूएशन 100 करोड़ डॉलर से ज्यादा है और ये सिलसिला अभी रुका नहीं है.


Edited by Prateeksha Pandey