अगले दो वर्षों में ओला को सार्वजनिक करने पर केंद्रित हैं भाविश अग्रवाल, जानें उनकी नज़र से भारत में कैसा है उद्यमियों के लिए मौजूदा समय
भाविश अग्रवाल भारत के उन चुनिंदा युवा टेक उद्यमियों में से हैं जिन्हें विश्व स्तर पर पहचाना जाता है। लेकिन ओला के संस्थापक और सीईओ भाविश को आप शायद ही कहीं किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में या मीडिया बयान देते हुए देखते हों। यहां तक कि अगर आप भारत की अपनी राइड-हीलिंग कंपनी की स्थापना करने वाले इस शख्स के बारे में ऑनलाइन सर्च करेंगे तो भी आपको मुश्किल से पता चलेगा कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है।
हालांकि उन्होंने इस बारे में बताया भी कि वे ज्यादा चर्चा में क्यों नहीं रहते हैं। योरस्टोरी की संस्थापक और सीईओ श्रद्धा शर्मा के साथ भारत के सबसे बड़े स्टार्टअप और टेक कॉन्फ्रेंस, टेकस्पार्क्स में भाविश ने खुलकर बात की। कम चर्चा में रहने को लेकर उन्होंने कहा
"(ऐसा इसलिए है) क्योंकि इसके अलावा भी बहुत कुछ करना बाकी है।"
भाविश ने टेकस्पार्क्स में उत्सुक उद्यमियों और निवेशकों के एक खचाखच भरे हॉल को लगभग एक घंटे की बातचीत में अपनी यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने ओला के एक वैश्विक भारतीय उपभोक्ता ब्रांड के निर्माण के अपने दृष्टिकोण के बारे में भी बताया और पुष्टि की कि कंपनी - जो तेजी से नए बाजारों और वर्टिकल में प्रवेश कर रही है - अब सार्वजनिक होने पर "बिल्कुल फोकस्ड" है और 18-24 महीनों में आईपीओ पर नजर गड़ाए हुए है।
वे कहते हैं,
"आज, हम भारत में अपने बिजनेस से काफी मुनाफा कमा रहे हैं और हमें इसको लेकर कोई घमंड नहीं है और यह वास्तविक जमीनी स्तर पर काम कर रहा है। हमने एक स्थिर व्यवसाय बनाया है और अब हम वैश्विक स्तर पर जाना चाहते हैं। हमारी महत्वाकांक्षा वैश्विक स्तर पर भारतीय उपभोक्ता व्यवसाय बनाने की है। आज, वैश्विक स्तर पर कोई भारतीय ब्रांड नहीं है और ऐसा इसलिए नहीं है कि हम कर नहीं सकते, बस कुछ बड़े सितारे एक साथ नहीं आए हैं। घरेलू बाजार जटिल है, लेकिन अगले दशक में, कई भारतीय ब्रांड होंगे, और मोबिलिटी में, हम अग्रणी खिलाड़ी बनना चाहते हैं।”
निश्चित रूप से, पिछले साल तक, ओला केवल भारत-केंद्रित थी। आज, 250 से अधिक शहरों में उपस्थिति के साथ, ओला भारत से परे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूके में आगे बढ़ी है। अपने भौगोलिक पदचिह्न का विस्तार करने के अलावा, कंपनी ने फूडटेक और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सेगमेंट में भी विस्तार किया है, जो इन दोनों वेंचर्स में कुछ ही महीनों में शानदार प्रदर्शन कर रही है, इस साल की शुरुआत में ओला इलेक्ट्रिक इकाई के साथ यूनिकॉर्न की भी शुरुआत हुई।
भाविश कहते हैं कि ओला की यह वृद्धि और विकास, तीन चरणों में आई है: पहला 2011-2014 के दौरान, जिसे वे 'रोमांटिक स्ट्रगल' कहते हैं, जहां "पैसा नहीं था, लोग नहीं थे, टेंशन नहीं था।"; 2014-2017 के दौरान दूसरा फेज था, जिसे उन्होंने 'क्रेजी-स्केल-अप’ फेज करार दिया, और; 2017-2019 के दौरान तीसरा फेज था, जिसको लेकर उनका मानना है कि वह 'पैमाने को मैनेज' करने का फेज था। अपनी शुरुआती यात्रा के बारे में याद दिलाते हुए, भाविश ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में न केवल ओला विकसित हुई है, बल्कि उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र भी बदला है।
उन्होंने कहा,
“मैंने पहली टेकस्पार्क्स कॉन्फ्रेंस 2011 में अटेंड की थी, तब मैं दस किलो हल्का था और मेरे व्यापार का पैमाना भी छोटा था। तब से लेकर अब तक, YourStory ने जो बनाया है और इसने स्टार्टअप इकोसिस्टम को जिस तरह से सक्षम किया है वह अद्भुत और प्रेरणादायक रहा है। तब से, स्टार्टअप इकोसिस्टम भी विकसित हुआ है और जबरदस्त रूप से परिपक्व हुआ है।”
वह याद करते हैं कि वे 2011 में उन उद्यमियों के समूह में से एक थे जो 2011 में YourStory की वार्षिक Tech30 कंपनियों का हिस्सा थे। Tech30 कंपनियां 30 तकनीक-केंद्रित स्टार्टअप की एक बेहद रिसर्च के साथ क्यूरेट की गई सूची है। इन स्टार्टअप को लेकर YourStory का मानना है कि ये स्टार्टअप उच्च क्षमता वाले हैं और तकनीक पारिस्थितिकी तंत्र की कहानी को आकार देंगे।
भाविश कहते हैं,
“भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को देखना एक परिप्रेक्ष्य का विषय है। मैक्रो लेवल पर, नई अर्थव्यवस्था कुछ विकास के मुद्दों का सामना कर रही है, बैंक मुश्किल में हैं, लेकिन यह भारतीय स्टार्टअप के लिए भी इससे बेहतर समय नहीं हो सकता है। यह उद्यमियों के लिए सबसे अच्छा समय है। हमारे देश में बहुत स्थिर राजनीतिक स्थिति है। हम 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए तैयार हैं।"
चार्ल्स डिकेंस के ए टेल ऑफ टू सिटीज से कुछ लाइनों को याद करते हुए भाविश ने कहा कि, भारत में उपलब्ध अवसरों की अधिकता को देखते हुए,यह भारतीय उद्यमियों के लिए "सबसे अच्छा समय भी था और सबसे खराब समय" भी। बातचीत में भाविश ने आज के समय में भारत में एक उद्यमी होने के बारे में कहा:
“हमारी पीढ़ी के पास न केवल हमारे देश के लिए बल्कि दुनिया के भविष्य के लिए तकनीकी प्रतिमानों का निर्माण करने की शक्ति और अवसर है। भारत में उद्यमी बनने के लिए यह एक अच्छा समय है।"