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Techsparks 2019: पेटीएम के फ़ाउंडर विजय शेखर शर्मा ने हाज़िरजवाबी और मज़ाकिया अंदाज़ से जीता ऑडियंस का दिल, पेटीएम के भविष्य से जुड़े सपनों को किया साझा

Techsparks 2019: पेटीएम के फ़ाउंडर विजय शेखर शर्मा ने हाज़िरजवाबी और मज़ाकिया अंदाज़ से जीता ऑडियंस का दिल, पेटीएम के भविष्य से जुड़े सपनों को किया साझा

Friday October 11, 2019 , 5 min Read

टेकस्पार्क्स 2018 में पेटीएम (Paytm) के फ़ाउंडर विजय शेखर शर्मा (वीएसएस के नाम से लोकप्रिय) ने अपने मज़ाकिया अंदाज़, रोचक क़िस्सों, जिम मॉरिसन की कहावतों आदि से अपने सत्र को यादगार बना दिया था। योर स्टोरी की इस फ़्लैगशिप ऐनुअल टेक कॉन्फ़्रेस के इस साल के संस्करण में वीएसएस की मौजूदगी ने पुरानी यादों को फिर से ताज़ा कर दिया। 


इस बार कॉन्फ़्रेस के दौरान वीएसएस से भारत में पेमेंट बिज़नेस और अन्य क्षेत्रों जैसे कि ऑनलाइन टिकटिंग में लगातार बढ़ती प्रतियोगिता के मुद्दे पर सवाल किए गए। इन सवालों के जवाब में वीएसएस ने भगवद्गीता और शास्त्रों से संदर्भ लेते हुए बेहद शानदार ढंग से अपने जवाब दिए।


वीएसएस ने कहा,

“वास्तविकता तो यह है कि बिज़नेस में आप अपनों (दोस्तों) से लड़ाई नहीं कर सकते।”


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इस बात को पुख़्ता करने के लिए उन्होंने महाभारत में अर्जुन के असमंजस का संदर्भ प्रस्तुत किया। पेटीएम ऑनलाइन टिकटिंग इंडस्ट्री में बुक माय शो से प्रतियोगिता रखता है और इसके फ़ाउंडर आशीष हेमराजानी, वीएसएस के काफ़ी करीबी दोस्त भी हैं।


उन्होंने कहा,

“हमारा टिकटिंग बिज़नेस मुनाफ़े में है। हमने पिछले साल 100 मिलियन टिकट्स बेचे, लेकिन इंडस्ट्री में हमें कोई भी प्रतियोगी या प्रतिद्वंद्वी की तरह नहीं देखता।”


वीएसएस ने भारत के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में अपनी शुरुआत वन 97 (One97) को लॉन्च करने के साथ की थी, जो पेटीएम की पैरेंट कंपनी है। उन्होंने डॉटकॉम बूम के दौरान इस कंपनी की शुरुआत की थी। वीएसएस से जब इस संबंध में पूछा गया कि उनकी शुरुआत से लेकर हालिया समय तक वह भारत के स्टार्टअप ईकोसिस्टम के विकास को किस तरह से देखते हैं तो उन्होंने जवाब दिया,


“हमारी शुरुआत से लेकर अभी तक मानसिकता में बहुत बदलाव आया है। हमारी शुरुआत के समय में कोई निवेशक नहीं था। आज आप भारत में कोई भी चीज़ विकसित कर सकते हैं। अगर आप एक भारतीय व्यवसायी हैं तो आप दुनिया के किसी भी निवेशक के साथ मुलाक़ात और बैठक कर सकते हैं।”


अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने भारत में ऑनलाइन मार्केट के विकास में फ़्लिपकार्ट के फ़ाउंडर सचिन और बिनी बंसल और ओला के फ़ाउंडर भावेश अग्रवाल के योगदान को विशेष रूप से रेखांकित किया।


उन्होंने आगे कहा,

“मैं पहले भी यह कह चुका हूं कि इंडियन इंटरनेट में जो कुछ भी हुआ है, वह सचिन-बिनी बंसल और भावेश के योगदान की बदौलत है। अपनी सफलता की अभी तक की यात्रा में मैंने इनके मार्गदर्शन और प्रेरणा के बल पर अपना सफ़र तय किया है।”


विजय ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि शुरुआती समय में भारतीय ऑन्त्रप्रन्योर्स के बीच सिलिकन वैली में स्थापित बिज़नेसों का भारतीय संस्करण तैयार करने की होड़ थी, लेकिन अब देश में अपना और कुछ नया करने की अवधारणा लोकप्रिय हो रही है। उन्होंने कहा कि इस तथ्य के संदर्भ में हम शेयर चैट (Sharechat), रेज़रपे (Razorpay) और अन्य भी कई स्टार्टअप्स का उदाहरण ले सकते हैं।

पेटीएम के भविष्य को लेकर क्या है वीएसएस की राय!

जब योर स्टोरी की फ़ाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा ने वीएसएस से पेटीएम के भविष्य के बारे में और विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि कॉन्टेन्ट और गेमिंग के क्षेत्रों में कंपनी की प्रतिभागिता पर सवाल किया, तो जवाब में वीएसएस ने कहा,

“मैं फ़िनटेक इंडस्ट्री का अनुसरण नहीं करता। मैं एक ग्राहक की यात्रा का अनुसरण करता हूं। कुछ समय में हम भारत में एक इंटरनेट ईकोसिस्टम का स्वरूप लेंगे, जिसके पास सबसे ज़्यादा यूज़र्स होंगे। ऐसा यूएस और चीन में हो चुका है।”


लेकिन जब बात पेमेंट्स की आती है तो यह एक मुश्क़िल काम के रूप में सामने आता है और पेमेंट का सेगमेंट ही पेटीएम के लिए प्रमुख सेगमेंट रहा है।

वीएसएस ने ज़ोर देते हुए कहा कि भारत में पेमेंट कंपनियों को परंपरागत बैंकों से अधिक जांच या स्क्रूटनी से गुज़रना पड़ता है। उन्होंने कहा,

“हमें बहुत ही कठोर ढंग से परखा जाता है, लेकिन इसी की बदौलत हमें और भी ज़्यादा मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है।”

वीएसएस ने खुलासा किया,

“पेमेंट एक नो-मार्जिन बिज़नेस है। पैसा बनेगा कॉन्टेन्ट, कॉमर्स और ऐडवरटाइज़िंग से और फिर हम फ़ाइनैंशल सर्विसेज़ भी विकसित करेंगे।”

पेटीएम की इनवेस्टर्स लिस्ट में अलीबाबा के जैक मा और सॉफ़्ट बैक के मासायोशी सन से लेकर बर्कशायर हैथवे के वॉरेन बफ़े जैसे बड़े निवेशक शामिल हैं। वीएसएस मानते हैं कि इन निवेशकों से पेटीएम ने सिर्फ़ डॉलर्स नहीं हासिल किए बल्कि बहुत कुछ सीखा भी।


विजय ने कहा,

“मैंने महसूस किया कि जैक मा एक तकनीकी सोच वाली शख़्ससियत नहीं, बल्कि एक आम शख़्सियत हैं, जो लोगों और उनकी सोच के करीब रहता है। वह अपने संगठन की संरचना को बहुत अधिक तवज़्ज़ो देते हैं और हम पेटीएम में इसी अवधारणा को लागू करने की कोशिश करते रहे हैं।”


वीएसएस पेटीएम को एक ऐसी कंपनी के रूप में विकसित करना चाहते हैं तो करोड़ों-अरबों लोगों को प्रभावित कर सके और वह यह चाहत रखते हैं कि उनकी कंपनी का रेवेन्यू 100 बिलियन डॉलर्स तक पहुंचे और पूरी दुनिया उनकी कंपनी को पहचाने।

अपनी बात को ख़त्म करते हुए उन्होंने कहा,

“मेरा काम ही मेरी पहचान है। मैं आशा करता हूं कि पूरी दुनिया में हमें एक बड़ी कंपनी के रूप में देखा जाता हो। मैं और जैक मा अक्सर मैसेज में बातें करते रहते हैं तो हो सकता है कि हम एक दिन दुनिया के लिए हीरो बन जाएं।”