स्कूल जाने की उमर में अपनी कंपनी चला रहे ये टीनएजर्स
बुजुर्ग से लेकर यंग प्रोफेशनल को स्टार्टअप शुरू करते हमने कई बार सुना है मगर आजकल टीनएज बच्चे भी शानदार से शानदार आइडिया के साथ स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं और वो सफल भी हो रहे है. हम आज ऐसे ही चार ऐसे स्टार्टअप्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके फाउंडर टीनएजर हैं....
आंत्रप्रेन्योरशिप और बिजनेस के लिहाज से इंडिया दुनिया भर में उभरने वाली इकॉनमी में से एक है. हाल के दिनों में सैंकड़ों स्टार्टअप्स शुरू हुए हैं और उनमें से कई तो बेहद शानदार परफॉर्म भी कर रहे हैं. आज की तारीख में हर कोई अपना कारोबार शुरू कर रहा है, 65 से 70 साल के बुजुर्ग हों या 40 साल की महिला या कोई प्रोफेशनल लाइफ में सक्सेफुल हो चुका यंग प्रोफेशनल. मगर हैरत वाली बात ये है कि कम उम्र के बच्चे भी शानदार से शानदार आइडिया के साथ स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं और वो सफल भी हो रहे है.. हम यहां ऐसे ही चार ऐसे स्टार्टअप्स के बारे में बताएंगे जिनके फाउंडर टीनएजर हैं.
चिल्ड्रेन्स आर्ट म्यूजिअम ऑफ इंडिया (CAMI)
चिल्ड्रेन्स आर्ट म्यूजियम ऑफ इंडिया को मान्या रुंगटा(उम्र 15), कृश नवल (उम्र 12) ने जनवरी 2022 में शुरू किया है.
एक ऐसा प्लैटफॉर्म है जो बच्चों को आर्ट और क्रिएटिविटी के जरिए अपने आप को एक्सप्रेस करने का मौका देता है. आर्ट सेंट्रिक प्लैटफॉर्म पर स्कूल अपनी खुद की गैलरी बना सकते हैं, आर्ट कॉम्पिटीशन और आर्ट पीस के लिए पोल करा सकते हैं.इतना ही नहीं आर्ट से जुड़े ब्लॉग भी पोस्ट कर सकते हैं. इसके अलावा प्लैटफॉर्म अपने मेंबर्स को मंथली न्यूजलेटर्स, आर्टिफैक्ट्स पर अपने आर्ट को प्रिंट करने का भी मौका देता है. बच्चे चाहें तो मेंटर्स से सीख भी सकते हैं. CAMI का विजन बच्चों की एक ऐसी कम्यूनिटी बनाना है जिनमें समझ हो और ललक हो.
पेपर्स एन पार्सल्स
तिलक मेहता (उम्र 16) मुंबई में ऐप बेस्ट कुरियर सर्विस पेपर्स एन पार्सल्स चलाते हैं. यह एक ऐसा प्लैटफॉर्म है जो मुंबई शहर के अंदर अंदर छोटे पार्सल और डॉक्यूमेंट्स की सेम डे डिलीवरी करते हैं. पेपर्स एन पार्सल्स के इस समय 300 से ज्यादा डब्बावाला पार्टनर्स के साथ ही 200 से ज्यादा एंप्लॉयीज भी हैं. यह प्लटैफॉर्म हर दिन कम 1200 से ज्यादा डिलीवरी करता है.
जेनरिक आधार
16 साल के अर्जुन देशपांडे जेनरिक आधार के फाउंडर और सीईओ हैं. इस B2B2C स्टार्टअप को रतन टाटा जैसी शख्सियत से निवेश मिला हुआ है. इस वेंचर का मकसद भारत के पूरे 130 करोड़ से ज्यादा लोगों को सस्ते दामों पर दवाई उपलब्ध कराना है. यह वेंचर बैंडेड कंपनियों के मुकाबले जेनरिक दवाईयों को 80 फीसदी सस्से दाम पर उपलब्ध कराता है. इतना ही नहीं यह प्लैटफॉर्म किफायती मेडिकल स्टोर फ्रेंचाइजी भी दे रहा है. साथ में छोटे मेडिकल स्टोर को भी अपने ब्रैंड के अंदर एनरोल कर रहा है ताकि बड़े ब्रैंड्स की वजह से उनका बिजनेस बरबाद न हो.
स्कूप बीट्स
दी स्कूप बीट्स एक इंटरनेट मीडिया कंपनी है जिसकी फाउंडर दिव्या गंडोत्रा टंडन(उम्र 17) हैं. स्कूप बीट्स ज्ञान बढ़ाने के साथ दिमागी शक्ति भी बढ़ाता है. इस वेंचर का मकसद यूजर्स को असल दुनिया के और करीब लाना है. यह वेंचर कोई भी जानकारी बिना गुणवत्ता और विश्वसनीयता से समझौता किए जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी पब्लिश करने की कोशिश करता है.