इस बीड़ी बनाने वाले ने कोविड से लड़ाई में अपनी पूरी कमाई कर दी दान ताकि लोगों को मिल सके मुफ्त वैक्सीन
"केरल में रहने वाले 63 साल के जनर्धानन बीड़ी बनाने का काम करते हैं। कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते प्रभाव के बीच उन्होने अपने जीवन की पूरी कमाई को कोविड रिलीफ फंड में दान कर दिया है। गौरतलब है कि केरल के मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में 2 लाख रुपये दान करने के बाद अब उन्हे बैंक खाते में महज 850 रुपये बचे हैं।"
कोरोना महामारी की दूसरी लहर भारत में किस कदर कहर बरपा रही है इसका अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि गुरुवार शाम तक बीते 24 घंटों में देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 4 लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं।
कोरोना के इस महाप्रकोप के बीच कई लोग ऐसे हैं जिन्होने कोविड प्रभावित लोगों की मदद को उद्देश्य बनाते हुए एक मिसाल खड़ी कर दी है। ऐसे ही एक शख्स हैं जनर्धानन जिन्होने कुछ ऐसा काम कर दिखाया है जिसके बाद लोग उनकी तारीफ करने के साथ ही उनसे प्रेरणा भी ले रहे हैं।
दान कर दी पूरी कमाई
केरल में रहने वाले 63 साल के जनर्धानन बीड़ी बनाने का काम करते हैं। कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते प्रभाव के बीच उन्होने अपने जीवन की पूरी कमाई को कोविड रिलीफ फंड में दान कर दिया है। गौरतलब है कि केरल के मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में 2 लाख रुपये दान करने के बाद अब उन्हे बैंक खाते में महज 850 रुपये बचे हैं। जनर्धानन के अनुसार ये पैसे उन्हे केरल दिनेश बीड़ी सोसाइटी से रिटायरमेंट के बाद मिले थे, हालांकि वह अपनी जीविका अभी भी बीड़ी बनाने से ही चला रहे हैं।
जनर्धानन कहते हैं कि आज यह वायरस पूरी धरती पर बड़ी तेजी से फैल रहा है। यह वायरस किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करता है फिर चाहें व्यक्ति किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा कोई ताकतवर शख्स हो या कोई आम आदमी, कोई अमीर यो या गरीब, यह वायरस हर किसी को प्रभावित कर रहा है, इस वायरस ने पूरी मानवता को एक साथ प्रभावित किया है।
उनके अनुसार यह समय किसी भी पक्ष में खड़े रहने का नहीं है बल्कि आगे आकर एकजुटता के साथ इस संकट का सामना करने का है।
लोगों की मदद करना ही आखिरी उद्देश्य
जनर्धानन कहते हैं कि आज हम ऐसी आपदा के बीच खड़े हैं जहां लोग मर रहे हैं, अपनी साँसों के लिए संघर्ष कर रहे हैं और ऐसे समय में खुद के पास पैसे जमा रखने का कोई तुक नहीं बनता है। उन्होने तब यह फैसला किया, क्योंकि इसके अलावा उनके पास लोगों की मदद करने का कोई और साधन मौजूद नहीं था। लोगों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले जनर्धानन खुद को मानवतावादी मानते हैं।
पार्टी विचारधारा से मिली प्रेरणा
सीपीएम पार्टी समर्थक जनर्धानन कम्युनिस्ट विचारधारा से आते हैं और जब केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने वैक्सीन चैलेंज का आव्हान किया तब फौरन ही जनर्धानन ने अपनी सारी बचत पूंजी को लोगों की मदद करने के उद्देश्य से दान करने का फैसला कर लिया। जनर्धानन के अनुसार वह इस कठिन समय में सरकार के ‘राज्य के सभी नागरिकों को फ्री वैक्सीन’ देने के फैसले का समर्थन करते हैं और इसी चलते उन्होने सरकार को अपनी तरफ से आर्थिक मदद दी है।
मीडिया के साथ हुई बातचीत में जनर्धानन ने बताया कि वह हमशा से पार्टी के लिए कुछ करना चाहते थे और अब जब उन्हे ऐसा करने का मौका मिला तब उन्होने फौरन ही आगे आने का फैसला कर लिया। गौरतलब है कि जनर्धानन खुद को 50 प्रतिशत कम्युनिस्ट कहते हैं, उनका मानना है कि कोई शख्स तभी पूरी तरह कम्युनिस्ट बनता है जब वह अपने पूरे जीवन को पार्टी के लिए समर्पित कर देता है।
Edited by Ranjana Tripathi