रणवीर और दीपिका की शादी में इस कैटरर ने किया था खाने का प्रबंध

आज हम आपको इन स्टार्स की शादी में कैटरिंग करने वाले शख्स से मिलवाने जा रहे हैं। फूडलिंक (Foodlink) के संस्थापक संजय वजीरानी कोई छोटे मोटे कैटरर नहीं हैं।

रणवीर और दीपिका की शादी में इस कैटरर ने किया था खाने का प्रबंध

Wednesday January 09, 2019,

5 min Read

रणवीर और दीपिका की शादी में संजय की टीम

बॉलिवुड की असल जिंदगी की नई नवेली सुपरहिट जोड़ी रणवीर और दीपिका ने इंतजार खत्म करते हुए जिंदगी की नई शुरुआत की। दोनों ने 2018 के नवंबर में काफी धूमधाम से इटली में शादी की। इस समारोह में कई खास मेहमानों ने हिस्सा लिया। आज हम आपको इन स्टार्स की शादी में कैटरिंग करने वाले शख्स से मिलवाने जा रहे हैं। फूडलिंक (Foodlink) के संस्थापक संजय वजीरानी कोई छोटे मोटे कैटरर नहीं हैं। वे देश की जानी मानी हस्तियों के यहां होने वाले कार्यक्रमों में खाने पीने का इंतजाम करते हैं।


संजय ने फूडलिंक की स्थापना 2002 में की थी। ऑथेंटिक फूड उपलब्ध कराना संजय के बिजनेस की यूएसपी है। उनके पास देश के हर कोने से चुनिंदा शेफ हैं। इटली में दीपिका और रणवीर की शादी में खाना तैयार करने वाले शेफ इटली के थे जिन्हें भारतीय अंदाज में ढाल दिया गया। उन्हें इसके लिए स्पेशल ट्रेनिंग दी गई थी। उनका पहनावा भी बदला गया। सभी शेफ को धोती और मैसूर पगड़ी पहनाई गई। उन्हें भारतीय व्यंजनों को सही से बोलने की भी ट्रेनिंग दी गई। कुलमिलाकर देखा जाए तो यह प्रॉजेक्ट संजय के लिए काफी सफल रहा। 


संजय बताते हैं, 'हम पूरी दुनिया में शाही अंदाज में खाने का अनुभव प्रदान करते हैं। हमारी लिस्ट में अंबानी, अडानी, बच्चन फैमिली जेएसडब्लू ग्रुप जैसे बड़े नाम हैं जहां हम अपनी सर्विस मुहैया करा चुके हैं। इसके साथ ही हम मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु जैसे शहरों में अपने रेस्टोरेंट के माध्यम से खाने की पेशकश करते हैं। ये रेस्टोरेंट चाइना बिस्ट्रो, इंडियन बिस्ट्रो और ग्लोबल जंक्शन हैं।'


अभी तक का सफर

फूडलिंक को बनाने का सपना संजय ने काफी पहले देख लिया था। उन्होंने सिंगापुर के कॉर्नेल नान्यांग इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटैलिटी से अपना ग्रैजुएशन किया है। वे हते हैं, 'शुरू में मैं किचन डिजाइनिंग के काम में था, लेकिन बाद में मैंने खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला ले लिया। मुझे हमेशा से लगता था कि मैं बिजनेस कर सकता हूं और मैं खाने का एक नया अनुभव देना चाहता था इसलिए फूडलिंक की शुरुआत की।'


संजय चाहते थे कि वह ऐसी कंपनी बनाएं जो पूरी दुनिया में नाम कमाए। वे कहते हैं, 'मैंने काफी रिसर्च किया और अपने आप को इसी में झोंक दिया। मैंने इस बिजनेस के हर पहलू को बारीकी से समझने की कोशिश की। इसके बाद खुद के पैसों से फूडलिंक को शुरू किया। हालांकि बाद में प्राइवेट इक्विटी के जरिए बिजनेस को आगे बढ़ाया।' वैसे तो कंपनी अच्छी सुविधाएं मुहैया करा रही थी और नाम भी कमा रही थी। लेकिन 2011 में टाइम्स फूड गाइड अवॉर्ड प्राप्त करने के बाद कंपनी की कामयाबी में चार चांद लग गए। उसी साल कंपनी ने मुंबई के ठाणे में चाइना बिस्ट्रो रेस्टोरेंट शुरू किया और फिर 2013 में मुंबई के ही वर्ली में एक नया रेस्टोरेंट खोला।


संजय वजीरानी

संजय आगे बताते हैं, 'इसके बाद के सालों में हमने कई सारे अवॉर्ड जीते और GIWA अवॉर्ड्स भी जीते। हमें टाइम्स फूड गाइड की तरफ से बेस्ट कैटरर का अवॉर्ड मिला। 2015 में हम रेड अर्थ, मोंटे क्रिस्टो और अंदाज अहमदाबाद के सबसे पसंदीदा पार्टनर बन गए। इसके बाद के सालों में हमने चाइना बिस्रोज और ग्लोबल जंक्शन जैसे आउटलेट खोले।' भारत में फूड एंड बेवरेज इंडस्ट्री का कारोबार 30 अरब डॉलर का है। संजय बताते हैं कि वे अपनी प्रतिद्विंदी कंपनियों का मुकाबला आसानी से कर लेते हैं। क्योंकि वे अपना स्तर ग्लोबल रखते हैं।


वे आगे कहते हैं, 'लोगों का आतिथ्य और सत्कार करना अब मेरी जिंदगी का हिस्सा बन गया है। मुझे ग्राहकों को समझने में काफी आसानी होती है। इस इंडस्ट्री में अपना नाम बरकरार रखना एक चुनौती है, लेकिन यह भरोसा हमें अपने ग्राहकों द्वारा उपहार में मिला है।' फूडलिंक के रेस्टोरेंट अपनी हाई क्वॉलिटी सर्विस और उच्च गुणवत्ता के खाने के लिए जाने जाते हैं। इतना ही नहीं इन रेस्टोरेंट में वाजिब दाम में खाने का अनुभव लिया जा सकता है। 


संजय अपने बिजनेस के बारे में और विस्तार से बताते हुए कहते हैं, 'हम तीन बातों पर यकीन रखते हैं- रुपया, रिड्यूस, रीयूज और रिसाइकिल। हम इस प्रॉसेस को अपने किचन में भी फॉलो करते हैं। अपनी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत हमने कुछ एनजीओ के साथ साझेदारी कर रखी है जहां हम बीन्स और राइस जैसे उत्पाद तैयार करते हैं।'


चुनौतियां और संभावनाएं

इंडस्ट्री में इतना नाम और शोहरत बना लेने के बाद भी फूडलिंक को कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मार्केट के कई सारे नए खिलाड़ी फूडलिंक को टक्कर दे रहे हैं। संजय बताते हैं, 'हम अपनी हर एक चीज पर खास ध्यान देते हैं और हमेशा कुछ नया करने का प्रयास करते रहते हैं। वक्त के साथ-साथ हमारी सर्विस और बेहतर हो रही है। लोगों के जरिए हमारे अच्छे कामों की तारीफ होती है जो कि हमारे लिए खुशी की बात होती है।' संजय बिजनेस की दुनिया में कदम रखने वाले नए लोगों को सलाह देते हुए कहते हैं कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है।


वे कहते हैं, 'मैं सबको यही सलाह दूंगा कि खूब मेहनत करो और कभी भी हार मत मानो। सिर्फ पैसे के पीछे मत भागो बल्कि अनुभव कमाने की कोशिश करो। आप किसी भी फील्ड में काम करो वो मायने नहीं रखता बस अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश में लगे रहो। इसका फल आपको जरूर मिलेगा।' संजय कहते हैं, 'हम लोगों पर भरोसा करते हैं और उनपर अच्छे खासे पैसे भी खर्च करते हैं। हम तकनीक का भी सहारा ले रहे हैं ताकि अपने प्रॉसेस को और भी अधिक किफायती और आसान बना सकें।' 


यह भी पढ़ें: 25 साल का युवा शहद निकालने वाले आदिवासियों को बना रहा आत्मनिर्भर

    Share on
    close