चाय बेचने वाले दंपत्ति ने उम्र के 60वें बसंत में की 23 देशों की यात्रा, आनंद महिंद्रा की मदद की पेशकश
कोच्चि में चाय की दुकान चलाने वाले एक घुमक्कड़ दंपत्ति के दुनिया के 23 देश घूमने की बात चारों ओर फैली तो मानो इंटरनेट पर तूफान सा आ गया।
उम्र के ऐसे पड़ाव पर जब अधिकांश लोग अपनी तमाम जिम्मेदारियों से मुक्त होकर आराम की जिंदगी जीना चाहते हैं, 69 वर्षीय विजयन और उनकी 67 वर्षीय पत्नी मोहना ने कुछ बिल्कुल अलग और नया करने का फैसला किया। कोच्चि में रहकर श्री बालाजी के नाम से चाय की दूकान चलाने वाला यह दंपत्ति सिर्फ 12 वर्ष से भी कम समय में 23 देशों की यात्रा कर चुका है। और वे अपने सालों पुराने इस सपने को चाय की दुकान से होने वाली बचत और बैंकों से लिये गये कर्जे के बूते पूरा करने में सफल रहे हैं।
उनके इस कारनामे को ट्विटर पर काफी लोगों ने पसंद भी किया, जिनमें आनंद महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा भी शामिल हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'हो सकता है कि फोर्ब्स की सबसे अमीर लोगों की सूची में शामिल न हों लेकिन मेरी नजरों में यह दंपत्ति देश के सबसे अमीर लोगों में से एक है। जीवन के प्रति उनका दृष्टिकोण ही उनकी सबसे बड़ी पूंजी है।'
इसके अलावा उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगली बार जब भी वे कोच्चि आएंगे तो वे उनकी चाय की दुकान पर जरूर आएंगे। आनंद महिंद्रा ने यह भी ट्वीट किया कि वे इस दंपत्ति शादी की वर्षगांठ को यादगार बनाने में मदद करना चाहते हैं और उन्हें उनकी पसंद के स्थान पर यात्रा करने के लिये दूसरों के साथ क्राउडफंड करना चाहते हैं। उनके इस विचार को तुरंत कई लोगों का समर्थन मिला जिनमें बायोकॉन की चेयरपर्सन और प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ का नाम भी शामिल है।
विजयन और मोहना अब तक अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, मिस्र, ब्राजील, अर्जेंटीना और पेरू सहित कई देशों की यात्रा कर चुके हैं। उनकी पसंदीदा यात्रा के बारे में पूछे जाने पर वे यूएस की अपनी यात्रा को याद करते हैं। द न्यूज मिनट के अनुसार, जब यह दंपति अमेरिका की यात्रा पर जाना चाहता था तब अमिताभ बच्चन और अनुपम खेर सहित अन्य बॉलीवुड अभिनेताओं ने उन्हें न्यूयॉर्क शहर भेजने के लिए 3 लाख रुपये जुटाने में मदद की थी।
इनके अन्य पसंदीदा स्थानों में स्विट्जरलैंड और पेरिस के नाम शामिल हैं। अपनी स्विट्जरलैंड यात्रा के बारे में बात करते हुए, विजयन ने टीएनएम से कहा, 'नाच और बर्फ के चलते और चूंकि वह सष्टिपूर्ति कल्याणम (दंपत्ति के 60 वर्ष की उम्र पार कर लेने के बाद होने वाला समारोह) के बाद हमारा हनीमून था। उम्र के 20वें पड़ाव में जब हमारी शदी हुई थी तब हम कहीं नहीं जा पाए थे। तो हम अब उम्र के 60वें पड़ाव में गए।'
बिजनस टुडे की खबर के मुताबिक विजयन ने अपनी चाय की दुकान में उन तमाम देशों के पोस्टर और बिल प्रदर्शित कर रखे हैं जिनकी उन्होंने यात्रा की है। कॉन्डे नास्ट ट्रेवलर के मुताबिक यात्रा के अपले पड़ाव के बारे में पूछे जाने पर युगल ने स्वीडन, डेनमार्क, हॉलैंड और नार्वे का नाम लिया।यह युगल वैवाहिक जीवन के 45 वर्ष बिता चुका है और बीते 40 सालों से चाय बेचने का काम कर रहे हैं।
अपने इस सपने को पूरा करने के लिये इन्होंने सालों तक बहुत छोटी सी रकम की बचत की - 300 रुपये प्रतिमाह। वे हम तीन साल में अपनी जमा की हुई बचत निकालते हैं, बैंक से ऋण लेते हैं और यात्रा पर निकल पड़ते हैं। एक बार यात्रा पूरी करके घर वापस लौटने पर दोबारा काम शुरू हो जाता है - अगले पड़ाव के लिये निकलने तक। विजयन को दीर्घ अवधि की योजनाओं पर विश्वास नहीं हैं और वे तुरत-फुरत निर्णय लेने में यकीन करते हैं। उनका कहना है, 'हमारे लिये हमेशा दो टिकट रहेंगे।'
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