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बजट 2023 तैयार करने की कवायद 10 अक्टूबर से होने जा रही शुरू

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल और सीतारमण का यह पांचवां बजट होगा. साथ ही साल 2024 के अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव से पहले अंतिम पूर्ण बजट होगा.

बजट 2023 तैयार करने की कवायद 10 अक्टूबर से होने जा रही शुरू

Thursday September 08, 2022 , 3 min Read

वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) वित्त वर्ष 2023-24 के लिये सालाना बजट (Budget 2023) तैयार करने का काम 10 अक्टूबर 2022 से शुरू करेगा. यह प्रक्रिया घरेलू अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और विकसित देशों में मंदी की आशंका के बीच शुरू हो रही है. अगले वित्त वर्ष के बजट में उच्च मुद्रास्फीति, मांग को गति देने, रोजगार सृजन और आठ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को बनाये रखने के महत्वपूर्ण मुद्दों पर गौर करने की जरूरत होगी.

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, इस घोषणा से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि महंगाई के रिकॉर्ड उच्च स्तर से नीचे आने के साथ यह मुद्दा अब बहुत महत्वपूर्ण नहीं रह गया है और अब सरकार के लिये प्राथमिकता रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि को गति देना है.

मोदी 2.0 का 5वां बजट

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल और सीतारमण का यह पांचवां बजट होगा. साथ ही साल 2024 के अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव से पहले अंतिम पूर्ण बजट होगा. फरवरी 2024 में पेश होने वाला बजट अंतरिम बजट होगा. फिर चुनावों के बाद सरकार बन जाने पर साल के मध्य में पूर्ण बजट पेश किया जाएगा. आर्थिक मामलों के विभाग के बजट डिवीजन के बजट सर्कुलर (2023-24) के अनुसार, सचिव (व्यय) की अध्यक्षता में प्री-बजट बैठकें 10 अक्टूबर 2022 से शुरू होंगी. वित्तीय सलाहकारों को सुनिश्चित करना चाहिए कि जरूरी जानकारियां उचित रूप से एंटर की गई हों. स्पेसिफाइड फॉर्मेट्स के साथ डेटा की हार्ड कॉपीज क्रॉस वेरिफिकेशन के लिए सबमिट की जानी चाहिए.

बजट अनुमान कब होंगे फाइनल

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट अनुमानों को प्री-बजट बैठकों के पूरा होने के बाद अस्थायी तौर पर अंतिम रूप दिया जाएगा. संशोधित अनुमान (RE) को लेकर बैठकें नवंबर 2022 के मध्य तक जारी रहेंगी. सर्कुलर में आगे कहा गया कि सभी मंत्रालयों/विभागों को उन स्वायत्त निकायों/कार्यान्वयन एजेंसियों का विवरण प्रस्तुत करना चाहिए, जिनके लिए एक समर्पित कोष निधि बनाई गई है. उनके जारी रहने के कारण और सहायता अनुदान की आवश्यकता, और इसे समाप्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए, यह स्पष्ट किया जाना चाहिए.

नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन पर फॉलो अप एक्शन के रूप में विभागों को एसेट मॉनेटाइजेशन में प्रगति की व्याख्या करने की आवश्यकता हो सकती है. चालू वित्त वर्ष के बजट में वास्तविक रूप से लगभग 7-7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया था, जबकि राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान था.

मोदी सरकार ने बदली बजट पेश करने की तारीख

बजट 2022-23 संसद के बजट सत्र की पहली छमाही के दौरान 1 फरवरी को पेश किए जाने की संभावना है. बजट सत्र आमतौर पर हर साल जनवरी के अंतिम सप्ताह में शुरू होता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने फरवरी के अंत में बजट पेश करने की औपनिवेशिक युग की परंपरा को खत्म किया है. साल 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पहली बार बजट को 1 फरवरी को पेश किया था. बजट पेश करने की तारीख बदलने से मंत्रालयों को अब अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही बजटीय फंड्स का आवंटन होने लगता है. यह सरकारी विभागों को खर्च करने के लिए अधिक छूट देता है और साथ ही कंपनियों को व्यवसाय और कराधान योजनाओं के अनुकूल होने का समय देता है.

पहले जब बजट फरवरी के अंत में पेश किया जाता था तो तीन चरणों वाली संसद की मंजूरी प्रक्रिया मानसून की शुरुआत से कुछ हफ्ते पहले मई के मध्य में पूरी होती थी. इसके चलते सरकारी विभाग मानसून सीजन खत्म होने के बाद अगस्त-अंत या सितंबर से ही परियोजनाओं पर खर्च करना शुरू कर पाते थे.


Edited by Ritika Singh