Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT
Advertise with us

फार्मा सेक्टर के MSMEs के लिए अच्छी खबर, सरकार ने शुरू कीं 3 स्कीम्स

रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने ‘स्ट्रेंथनिंग फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री' (SPI) के बैनर तले योजनाओं को शुरू किया है.

फार्मा सेक्टर के MSMEs के लिए अच्छी खबर, सरकार ने शुरू कीं 3 स्कीम्स

Thursday July 21, 2022 , 3 min Read

सरकार ने गुरुवार को फार्मास्युटिकल क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (MSMEs) को मजबूत करने के लिए तीन योजनाएं शुरू कीं. ये स्कीम्स हैं- फार्मास्युटिकल टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन असिस्टेंस स्कीम (PTUAS), असिस्टेंस टू फार्मा इंडस्ट्रीज फॉर कॉमन फैसिलिटीज (एपीआई-सीएफ) और फार्मास्युटिकल एंड मेडिकल डिवाइसेज प्रमोशन एंड डेवलपमेंट स्कीम (PMPDS).

योजनाओं की पेशकश के मौके पर केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि योजनाओं में फार्मा MSME के लिए टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन, सामान्य अनुसंधान केंद्रों की स्थापना और क्लस्टरों में अपशिष्ट उपचार संयंत्रों की परिकल्पना की गई है. उन्होंने कहा कि छोटी कंपनियों को अपनी फैसिलिटीज को वैश्विक विनिर्माण मानकों में उन्नत करने की स्थिति में होना चाहिए. रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने ‘स्ट्रेंथनिंग फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री' (SPI) के बैनर तले योजनाओं को शुरू किया है.

SIDBI होगी परियोजना प्रबंधन सलाहकार

ये योजनाएं फार्मास्युटिकल क्षेत्र में MSME इकाइयों के टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल और ब्याज सब्सिडी प्रदान करती हैं, साथ ही फार्मा क्लस्टर्स में अनुसंधान केंद्र, टैस्टिंग लैब्स और ईटीपी सहित सामान्य सुविधाओं के लिए प्रत्येक को 20 करोड़ रुपये तक का सपोर्ट प्रदान करती हैं. योजना को लागू करने के लिए SIDBI परियोजना प्रबंधन सलाहकार होगी.

कैसे मददगार है तीनों स्कीम्स

फार्मास्युटिकल टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन असिस्टेंस स्कीम (PTUAS): यह स्कीम फार्मास्युटिकल MSME को उनकी तकनीक को अपग्रेड करने के लिए सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड के साथ सुविधा प्रदान करेगी. योजना में तीन साल की न्यूनतम रिपेमेंट अवधि के साथ 10 करोड़ रुपये की अधिकतम सीमा तक के ऋणों पर, शेष राशि को घटाने के आधार पर 10 प्रतिशत की पूंजीगत सब्सिडी या 5 प्रतिशत तक के ब्याज सबवेंशन का प्रावधान है (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के स्वामित्व वाली इकाइयों के मामले में 6 प्रतिशत).

असिस्टेंस टू फार्मा इंडस्ट्रीज फॉर कॉमन फैसिलिटीज (API-CF) स्कीम: यह स्कीम निरंतर वृद्धि के लिए मौजूदा फार्मास्युटिकल क्लस्टर्स की क्षमता को मजबूत करेगी. यह, स्वीकृत परियोजना लागत का 70 प्रतिशत या 20 करोड़ रुपये, जो भी कम हो, तक की सहायता प्रदान करती है. हिमालयी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के मामले में, सहायता अनुदान 20 करोड़ रुपये प्रति क्लस्टर या परियोजना लागत का 90 प्रतिशत, जो भी कम हो, होगा.

फार्मास्युटिकल एंड मेडिकल डिवाइसेज प्रमोशन एंड डेवलपमेंट स्कीम (PMPDS): इस स्कीम में भारतीय फार्मा और मेडिकल डिवाइस उद्योग के लिए महत्व के विषयों पर अध्ययन रिपोर्ट तैयार करना शामिल होगा. इस योजना का उद्देश्य फार्मा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्रों का डेटाबेस बनाना है.

भारतीय दवा उद्योग बनेगा आत्मनिर्भर और फ्यूचर रेडी

मांडविया के पास स्वास्थ्य मंत्रालय का भी प्रभार है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि फार्मा MSME उद्योग इन योजनाओं से बहुत लाभान्वित होगा. नई योजनाओं के कई लाभ हैं, जो भारतीय दवा उद्योग को आत्मनिर्भर व रिजीलिएंट बनाने के साथ—साथ भविष्य के लंबे सफर के लिए तैयार करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार दवा उद्योग को मजबूत करने की दिशा में अथक प्रयास कर रही है.’’ आगे कहा कि ये योजनाएं निवेश बढ़ाएंगी, अनुसंधान और इनोवेशन को प्रोत्साहित करेंगी और उद्योग को भविष्य के उत्पादों और विचारों को विकसित करने में सक्षम बनाएंगी.


Edited by Ritika Singh