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गन्ने के गूदे के बर्तन और बांस का पैकिंग मैटेरियल, ये 5 स्टार्टअप बिजनेस में कर रहे हैं कुछ हटके

1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन के बाद यह सही समय है कि हम प्राकृतिक साधनों से बने प्रॉडक्ट्स को अपने किचन और जीवन में जगह दें. इस दिशा में कई स्टार्ट अप सक्रिय हैं.

गन्ने के गूदे के बर्तन और बांस का पैकिंग मैटेरियल, ये 5 स्टार्टअप बिजनेस में कर रहे हैं कुछ हटके

Monday July 04, 2022 , 3 min Read

भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक पर जुलाई से देश-व्यापी प्रतिबन्ध लग चुका है. इस बार सरकार की तरफ़ से पर्याप्त तैयारी के साथ लगाए गये प्रतिबन्ध के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल, आयत-निर्यात, उत्पादन आदि सभी पहलुओं पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. 


प्लास्टिक के प्रदुषण को स्वीकार करना हमारे वक़्त का एक चैलेन्ज बन गया है. सरकार के स्तर पर होने वाले प्रयासों के साथ-साथ कुछ स्टार्ट अप भी है जो इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक के बदले सस्टेनेबल चीज़ों से अपने प्रोडक्ट्स बना रहे हैं. 

CHUK

चक शत-प्रतिशत कंपोस्टिबल और बायो-डिग्रेडेबल टेबलवेयर ब्रांड है जो प्लास्टिक की जगह गन्ने के पल्प से अपने प्रोडक्ट्स बनाते हैं. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित यह स्टार्ट अप अपने कागज़ बनाने के 35 साल के पारंपरिक काम को आगे बढाते हुए इसे टेबलवेयर तक लेकर आये हैं. 

ग्लोबल स्तर पर पहचाना जाने वाले चक के प्रॉडक्ट्स टोक्सिन-फ्री, कार्सिनोजेन-फ्री और ईको-फ्रेंडली तो हैं ही उन्हें माइक्रोवेव और फ्रिज में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. कप-प्लेट, फूड कंटेनर बनाने वाली यह कंपनी  अब फूड डिलीवरी में इस्तेमाल किये जाने वाले खाने के डिब्बों  के क्षेत्र में भी उतरने का प्लान कर रही है.  


चक का इरादा है कि खाना खाने और परोसने के बर्तनों के उत्पादन की प्रक्रिया से प्लास्टिक को एकदम हटा दिया जाय.

chuk

इमेज क्रेडिट: CHUK website

BAMBREW

प्लास्टिक प्रदूषण में सबसे बड़ा हाथ पैकेजिंग सेक्टर का है. चाहे ई- कामर्स हो, रिटेल या FMCG या F&B हो. बंगलुरु स्थित यह स्टार्ट अप प्लास्टिक पैकेजिंग का 100% हैंडमेड, नेचुरल और री-यूजेबल सोल्यूशन ऑफर करती है. 

2018 में अपनी शुरुआत करने वाली यह कंपनी B2B काम करती है यानि दूसरे व्यवसायों को अपने प्रॉडक्ट बेचती है.  प्लास्टिक, पेस्टीसाईड, केमिकल रहित प्रोडक्ट्स बनाने वाला यह स्टार्ट अप बैम्बू, गन्ने, और सी वीड को इस्तेमाल कर अब तक 10,000 टन प्लास्टिक वेस्ट बनने से बचा चुका है. 

Bambrew

इमेज क्रेडिट: Bambrew website

PAPPCO GREENWARE

मुंबई स्थित यह स्टार्टअप भी प्लास्टिक के बजाय गन्ने, बैम्बू, गेहूं की बाली से अपने प्रॉडक्ट्स बनाता है. यह  प्लेट, ग्लास, बाउल आदि बनाते हैं जिन्हें माइक्रोवेव में काम लिया जा सकता है.

Pepco

इमेज क्रेडिट: Pappco website

ZOGAM BAMBOO WORKS

मणिपुर के लमका शहर का यह स्टार्ट अप दो लोगों का जॉइंट वेंचर है. यह स्टार्टअप बैम्बू से पेन, वाटर बोतल, डेकोरेटिव पीसेस, टिफ़िन बॉक्स आदि बनाता है. 


कुछ वक़्त पहले, इनका एक प्रोडक्ट- बांस से बना हुआ टिफ़िन बॉक्स- चर्चा का विषय बना था जब IFS ऑफिसर राधा रमेन ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया था. इस टिफ़िन बॉक्स की ख़ास बात यह थी कि बांस से बने होने के बावजूद यह तीन डब्बों वाली स्टील की टिफ़िन बॉक्स की ही तरह थी. लीक प्रूफ यह टिफ़िन बॉक्स ठंडे और गरम दोनों तरह के आइटम्स को रखने के लिए इस्तेमाल में लायी जा सकती है और कम से कम 3 साल तक काम आ सकती है.   

Zogam

इमेज क्रेडिट: Zogam facebook

BECO

ईको फ्रेंडली लाइफ स्टाइल को बढ़ावा देने के लिए यह स्टार्ट अप होम केयर रेंज में सस्टेनेबल और ईको-फ्रेंडली प्रॉडक्ट्स जैसे कि फेशिअल टेसू, टॉयलेट रोल, किचन के तौलिये, टूथ पिक, कॉटन बॉल्स आदि उपलब्ध कराते हैं. प्लास्टिक की जगह बैम्बू के पल्प, कोकोनट फाइबर और कोर्न स्टार्च का इस्तेमाल करके यह अपने प्रोडक्ट्स बनाते हैं. 2018 में शुरू हुआ यह स्टार्ट अप तीन दोस्तों आदित्य रूइया, अनुज रूइया और अक्षय वर्मा द्वारा चलाया जाता है.

beco

इमेज क्रेडिट: Beco website