हैदराबाद की इस 13 साल की लड़की ने माउंट किलीमंजारो पर फहराया तिरंगा, अब ये है लक्ष्य
छोटी सी उम्र में दुनिया की सबसे ऊंची चोटियों में से एक को फतह करने के बाद आज तेलंगाना की इस बच्ची की चर्चा हर ओर हो रही है। हैदराबाद की मुरीकी पुलकिता ने माउंट किलिमंजारो की छोटी फतह कर दुनिया भर में देश का नाम एक बार फिर से रोशन कर दिया है। मालूम हो कि माउंट किलिमंजारो अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी है।
मुरीकी के इस साहसिक कारनामे के बाद आज सोशल मीडिया पर लोग उनकी चर्चा कर रहे हैं। महज 13 साल की उम्र में ये उपलब्धि हासिल करने वाली मुरीकी अपनी इस सफलता के बाद आगे अब और भी बड़े लक्ष्य की तरफ अपने कदम बढ़ाने जा रही हैं। माउंट किलिमंजारो की बात करें तो यह चोटी उत्तरपूर्वी तंजानिया में स्थित एक एक निष्क्रिय ज्वालामुखी है, जिसकी ऊंचाई 5,895 मीटर है।
फिल्म से मिली थी प्रेरणा
जिस उम्र में बच्चे अक्सर आम खेल-कूद और पढ़ाई पर अपना ध्यान जुटाते हैं मुरीकी ने उस उम्र में अपनी इस उपलब्धि से दुनिया भर में अपना नाम कमा लिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मुरीकी ने अपनी चढ़ाई के दौरान का अनुभव भी साझा किया है।
मुरीकी ने बताया है कि पर्वतारोहण के प्रति लगाव उनका एक फिल्म को देखने के बाद शुरू हुआ। मुरीकी के अनुसार माउंट किलिमंजारो की चढ़ाई के दौरान उन्हें मौसम का अद्भुत अनुभव हुआ है। अब वे अपने इसी के साथ और भी बड़े लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। माउंट किलिमंजारो फतह करने के बाद चोटी पर तिरंगा लहराते हुए मुरीकी की तस्वीर भी इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।
ये है अगला लक्ष्य
मीडिया के अनुसार मुरीकी इससे पहले इसी साल अप्रैल महीने में एवरेस्ट बेस कैंप में हिस्सा ले चुकी हैं और इसी के साथ उनके भीतर इन ऊंचे शिखरों को फतह करने की लालसा पैदा हुई थी। अपनी इस चढ़ाई के लिए मुरीकी ने तीन महीने की ट्रेनिंग भी ली थी। मुरीकी मीडिया को बताया है कि वे अब साल 2024 से पहले दुनिया की सात सबसे ऊंची चोटियों को फतह करना चाहती हैं।
अपने इस लक्ष्य को लेकर मुरीकी ने अपनी तैयारियां भी तेज कर दी हैं। मुरीकी के अनुसार यदि कोई व्यक्ति पर्वतारोहण में आगे बढ़ना चाहता है तो उसका शारीरिक के साथ ही मानसिक रूप से भी फिट रहना बेहद जरूरी है। मुरीकी खुद भी स्वस्थ रहने के लिए योग का सहारा लेती हैं।
युवा पीढ़ी को दिया संदेश
युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए मुरीकी कहती हैं कि उन्हे पर्वतारोहण चुनने की जरूरत नहीं है कि बल्कि मूल रूप से उन्हें अपने जीवन में अपने पहाड़ को जीतने के लिए आगे बढ़ना चाहिए।
मुरीकी इस उस उपलब्धि के बाद तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन द्वारा उन्हें राजभवन में आमंत्रित कर सम्मानित भी किया जा चुका है।
Edited by Ranjana Tripathi