बेंगलुरु का यह अपार्टमेंट हर रोज बचा रहा 500 लीटर पानी, जानिए कैसे
बेंगलुरु को कभी झीलों का शहर कहा जाता था। 1970 के आस-पास इस शहर में 300 से अधिक झीलें हुआ करती थीं, लेकिन तेजी से बढ़ते शहरीकरण और आबादी की वजह से यहां की झीलों का अस्तित्व खत्म होता गया। आज ये दिन आ गया कि इस शहर को पानी के लिए दूसरे राज्य पर निर्भर रहना पड़ता है। बदलते पर्यावरण का असर मौसम पर भी पड़ा और बारिश में कमी आई इसके साथ ही भूजलस्तर भी घटता चला गया। इस वजह से पानी के सभी प्राकृतिक संसाधन समाप्त होते गए।
अब शहर में जल संरक्षण के कई प्रयास किए जा रहे हैं। कई सारे लोग और संस्थाएं अलग-अलग तरीकों से झीलों को पुनर्जीवित कर रहे हैं तो कुछ लोग भूजलस्तर को वापस ठीक करने में लगे हुए हैं। बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड इलाके में स्थित मां बृंदावन अपार्टमेंट में भी पानी को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस अपार्टमेंट में हर रोज 500 लीटर से भी ज्यादा पानी का संरक्षण होता है। इसका श्रेय जाता है अधिनारायण राव वेलपुला को जो बीते कई सालों से जल संरक्षण कार्य में संलग्न हैं।
एनडीटीवी से बात करते हुए अधिनारायण ने कहा, 'हमारे अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में 46 फ्लैट्स हैं। बोरवोल के जरिए हमें 500 लीटर पानी रोजाना मिलता है जो कि इतने लोगों के लिए अपर्याप्त है। बाकी दूसरे लोगों की तरह हमें भी पानी के टैंकरों पर निर्भर रहता जिसका खर्च 3,500 लीटर के लिए 600 रुपये आता है। पानी की इतनी ज्यादा मांग है कि इसकी कीमतें भी आसमान छू रही हैं।'
23 मार्च को अधिनारायण ने अपार्टमेंट के वॉट्सऐप ग्रुप में एक मैसेज भेजा और कहा कि कोई भी व्यक्ति जून के महीने में अपनी कार नहीं धुलेगा। उनके मुताबिक एक कार को धुलने में कम से कम 10 लीटर पानी खर्च होता है। वे आगे कहते हैं, 'कुछ लोगों ने तो इस पर सहमति नहीं जताई लेकिन अधिकतर लोगों को यह विचार अच्छा लगा। मेरे लिए 10 लीटर पानी बहुत होता है, वो भी कार को धुलने में बर्बाद जा रहा है। हमने बैठकर योजना बनाई और ये तय किया कि आरओ सिस्टम के जरिए जो पानी रिवर्स में बाहर फेंका जाता है उसे हम इसके लिए इस्तेमाल करेंगे।'
आमतौर पर आरओ फिल्टर में पानी को साफ करने में काफी पानी बेकार चला जाता है। इसलिए यहां के लोगों ने आरओ सिस्टम से बेकार होने वाले पानी को बाल्टी में एकत्रित करना शुरू किया और उसे घर को धुलने और बाकी कामों में इस्तेमाल किया। बाद में रेजिटेंस असोसिएशन ने बड़े ड्रम में इस पानी को इकट्ठा किया। इस तरह से लोगों ने हर रोज 500 लीटर से भी ज्यादा पानी इकट्ठा करना शुरू कर दिया। अब यह कार्य रोजाना होता है।
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