बिहार के इस लड़के ने तैयार किया खास फ्रिज, बिना बिजली के 30 दिनों तक किसानों की सब्जियाँ रहेंगी ताजी
भारत भले ही कृषि प्रधान देश कहलाता हो लेकिन देश में किसानों के हालात अभी भी बहुत बेहतर नहीं हैं, जिसका प्रमुख कारण तकनीक की पहुँच ना होने के चलते कम उत्पादन और फसल बर्बादी जैसे कारण हैं। हरी सब्जियाँ उगाने वाले किसानों को अपनी सब्जियों को बाज़ार में पहुंचाने तक उन्हें ताज़ा बनाए रखने के लिए परेशान होना पड़ता है, ऐसे में कुछ दिन उन सब्जियों को बचाने के लिए या तो उन्हें कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाओं के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं या फिर सब्जियों के सड़ जाने पर नुकसान उठाना पड़ता है।
अब बिहार के एक स्टार्टअप ने किसानों के लिए एक खास फ्रिज का निर्माण कर इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया है। यह खास फ्रिज किसानों द्वारा उगाई गई सब्जियों को कई दिनों तक ताज़ा बनाए रखने में सक्षम है, साथ ही इस फ्रिज के संचालन में बिजली या अन्य ईंधन आदि की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है।

इस खास स्टोरेज डिवाइस के लिए ऑन या ऑफ-ग्रिड 10 वाट बिजली और प्रति दिन एक लीटर पानी की आवश्यकता होती है। यह किसानों को खराब हो जाने वाली 30 प्रतिशत फसलों को बचाने में सक्षम बनाता है जो अक्सर पर्याप्त भंडारण सुविधा के बिना बर्बाद हो जाती हैं।
30 दिन खराब नहीं होंगी सब्जियाँ
बिहार के भागलपुर जिले के नया टोला दुधेला गाँव में पले-बढ़े निक्की कुमार झा एक किसान परिवार से आते हैं और उनके क्षेत्र में किसान अपनी उपज का लगभग एक तिहाई बर्बाद कर दिया करते थे क्योंकि उनके पास पर्याप्त भंडारण की सुविधा और बिजली नहीं होती थी।
इस समस्या ने 25 वर्षीय निक्की कुमार झा को 2019 में अपनी बहन रश्मि झा के साथ भागलपुर स्थित एग्रीटेक स्टार्टअप सप्तकृषि को लॉन्च करने के लिए प्रेरित किया। स्टार्टअप ने अपना पहला उत्पाद सब्जीकोठी बनाया है, जो एक कम लागत वाला स्टोरेज स्पेस है, जिसका उपयोग सब्जियों आदि फसलों को तीन दिनों से तीस दिनों तक ताजा रखने के लिए किया जा सकता है।
सेल्फ असेंबल स्टोरेज डिवाइस
इस खास स्टोरेज डिवाइस के लिए ऑन या ऑफ-ग्रिड 10 वाट बिजली और प्रति दिन एक लीटर पानी की आवश्यकता होती है। यह किसानों को खराब हो जाने वाली 30 प्रतिशत फसलों को बचाने में सक्षम बनाता है जो अक्सर पर्याप्त भंडारण सुविधा के बिना बर्बाद हो जाती हैं।
इसी के साथ ही यह स्टोरेज डिवाइस उन्हें बिजली की जबरदस्त बचत करने में सक्षम बनाता है। यह एक छोटी सी लेड-एसिड बैटरी पर चलती है जो एक दिन में 10 वाट उत्पन्न करती है। इस सेल्फ-असेंबल स्टोरेज डिवाइस को साधारण ठेला से लेकर ट्रक तक हर वाहन पर कहीं भी ले जाया जा सकता है।
पैसे की भरपूर बचत
सब्जीकोठी तंबू की तरह की बनावट का है। यह फिलहाल तीन वेरिएंट में उपलब्ध है, जहां 200 किलोग्राम क्षमता वाली डिवाइस की कीमत 10 हज़ार रुपये, 500 किलोग्राम के लिए 20 हज़ार रुपये और 1 हज़ार किलोग्राम के लिए 40 हज़ार रुपये कीमत तय है।
30 से 40 किलोग्राम तक ताजा उपज स्टोर कर सकने वाले एक पारंपरिक रेफ्रिजरेटर की तुलना में सब्जीकोठी की क्षमता का 10 गुना अधिक है, जबकि बिजली के लिहाज से इसमें 100 गुना बचत होती है, इसी के साथ इसमें तुलना करने पर कुल राशि का आधा ही खर्च होता है।
Edited by Ranjana Tripathi