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Sault बना रहा स्मार्टवियरेबल मार्केट में अपनी पहचान; Boat और Noise से है मुकाबला

मुंबई हेडक्वार्टर वाला कंज्यूमर टेक ब्रांड Sault अपने किफायती प्रोडक्ट्स के साथ 'मेक इन इंडिया' की तर्ज पर मार्केट में अपनी पहचान बना रहा है. अमित शर्मा खंडेलवाल और चेतन सिंह राठौड़ ने मिलकर 2023 में इसकी शुरुआत की थी. ब्रांड ने अभी तक कोई बाहरी फंडिंग नहीं जुटाई है. यानि कि यह बूटस्ट्रैप्ड है.

दुनिया भर में वियरेबल (पहनने योग्य) प्रोडक्ट्स का मार्केट साइज 2022 में 61.30 अरब डॉलर था और 2023 से 2030 तक इसके 14.6% की CAGR (compound annual growth rate) से बढ़ने की उम्मीद है. ये आंकड़े Grand View Research की एक रिपोर्ट में सामने आए हैं. लोगों के बीच स्मार्ट वियरेबल टेक प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग इंडस्ट्री के विकास को बढ़ावा दे रही है.

महामारी के कारण हेल्थकेयर सेक्टर में भी वियरेबल डिवाइसेज का उपयोग बढ़ रहा है क्योंकि ये प्रोडक्ट रोगियों और हेल्थकेयर सर्विस देने वालों — दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं. कीमत और फीचर्स की होड़ में लोग आमतौर पर स्टाइल से समझौता किए बिना काफी कम कीमत पर समान फीचर देने वाले प्रोडक्ट्स को चुनना पसंद करते हैं.

मुंबई हेडक्वार्टर वाला कंज्यूमर टेक ब्रांड Sault अपने किफायती प्रोडक्ट्स के साथ 'मेक इन इंडिया' की तर्ज पर मार्केट में अपनी पहचान बना रहा है. अमित शर्मा खंडेलवाल (Amit Sharma Khandelwal) और चेतन सिंह राठौड़ (Chetan Singh Rathod) ने मिलकर 2023 में Sault की शुरुआत की थी. Sault को लॉन्च करने के पीछे उनका मकसद था — इंडियन कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया को नया रूप देना. अमित और चेतन का मानना है कि आज के जमाने का भारतीय उपभोक्ता यूनिक और हाई क्वालिटी वाले कंज्यूमर टेक प्रोडक्ट्स की चाहत रखता है.

जहां एक ओर अमित शर्मा खंडेलवाल Future Group के पूर्व उपाध्यक्ष और SPJIMR में विजिटिंग प्रोफेसर रह चुके हैं, वहीं दूसरी ओर चेतन सिंह राठौड़ सीरियल ऑन्त्रप्रेन्योर से इन्वेस्टर बने हैं. चेतन अपना खुद का चैरिटेबल ट्रस्ट CRG Foundation भी चलाते हैं. दोनों फाउंडर मिलकर एक पॉडकास्ट — धंधे का फंडा (Dhandhe Ka Fundaa) — होस्ट करते हैं, जहां वे मूल्यवान और व्यावहारिक व्यावसायिक सुझाव साझा करते हैं.

Sault के बिजनेस मॉडल के बारे में बात करते हुए, फाउंडर कहते हैं, “हमारा बिजनेस मॉडल ऑफ़लाइन चैनल डिस्ट्रीब्यूशन पर केंद्रित है. यह मॉडल हमें चैनल पार्टनर्स से सीधे जुड़ने, इंडियन रिटेल इकोसिस्टम का लाभ उठाने और एक विश्वसनीय डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के जरिए ग्राहकों की उभरती ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करता है.”

फाउंडर्स ने व्यक्तिगत रूप से इस बिजनेस में लगभग आधा मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है, और ब्रांड ने अभी तक कोई बाहरी फंडिंग नहीं जुटाई है. यानि कि यह बूटस्ट्रैप्ड है.

Sault अपने चैनल पार्टनर्स को प्रोडक्ट बेचकर रेवेन्यू हासिल करता है, वे फिर उन्हें अंतिम ग्राहकों तक ले जाते हैं. B2B (बिजनेस-टू-बिजनेस) चैनल-पार्टनर कंपनी होने के नाते, कंपनी अंतिम ग्राहकों की सटीक संख्या को ट्रैक नहीं करती है. हालाँकि, यह अपने डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के माध्यम से बेची गई यूनिट्स की संख्या के आधार पर अपनी पहुंच का अनुमान लगाती है.

इस बिजनेस को खड़ा करने में आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? इस सवाल के जवाब में अमित और चेतन कहते हैं, “बाजार में तगड़ी प्रतिस्पर्धा, भारतीय बाजार की संवेदनशील प्रकृति, जो टेक्नोलॉजी के साथ तेजी से विकसित होती है, ई-कॉमर्स का प्रभुत्व, जो ग्राहकों की अपेक्षाओं और खरीद व्यवहार को नया रूप देता है, आदि कुछ चुनौतियां थी. लेकिन हम इनसे उबरने में कामयाब रहे.”

यूं तो कंज्यूमर टेक मार्केट स्मार्ट वियरेबल प्रोडक्ट्स से भरा पड़ा है लेकिन Sault का मुकाबला Boat, Boult, Noise और Fireboltt जैसे ब्रांड्स से है.

Sault की प्रोडक्ट रेंज में शामिल हैं — 65w फास्ट चार्जिंग एडाप्टर, 10000 mAh मिनी प्रो पावरबैंक, 120w गोल्ड प्लेटेड केबल, 80w 4in1 लिक्विड सिलिकॉन केबल, 4 यूनिवर्सल प्लग के साथ 140w एडाप्टर और महिलाओं के लिए Elara स्मार्टवॉच. इन सभी छह प्रोडक्ट्स को सितंबर 2024 में लॉन्च किया गया था. वर्तमान में ब्रांड के पास 52 SKU (stock keeping unit) हैं. फाउंडर्स का दावा है कि प्रति माह ब्रांड ने 20 हजार से अधिक यूनिट्स बेची है.

अंत में, Sault को लेकर अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा करते हुए, फाउंडर अमित शर्मा खंडेलवाल और चेतन सिंह राठौड़ कहते हैं, “हमारा लक्ष्य तीन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना है: 1) बाजार के अनुसार अपनी प्रोडक्ट रेंज का विस्तार करना. 2) अपने डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को बढ़ाना, खासकर दक्षिणी भारत में. और 3) भारत में अपने 50% प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करते हुए अनुसंधान और विकास प्रयासों को बढ़ाना.”

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