घाटे वाली कंपनी का अधिग्रहण कर इस उद्यमी ने व्यवसाय को बना दिया लाभदायक
आपने भी कभी मग, चाबी का गुच्छा, फोटो फ्रेम, या पोस्टर जैसा कोई व्यक्तिगत उपहार भेजा या प्राप्त किया होगा। 2000 के दशक के मध्य में तेज़ हुआ यह क्षेत्र अब कई अरब डॉलर का उद्योग है। भारत में टियर 2 और 3 शहरों में इंटरनेट की पहुंच के साथ-साथ डिस्पोजेबल आय के कारण पिछले कुछ वर्षों में इसमें और तेजी आई है।
जब मुंबई स्थित Zoomin ने 2009 में अपना ऑनलाइन और ऑफलाइन व्यक्तिगत उपहार देने का व्यवसाय शुरू किया, तो भारत में तब उपहार देने का परिदृश्य अलग था। कस्टमर सर्विस हेड के रूप में कंपनी में शामिल हुए सचिन कतीरा बाद में कंपनी के संचालन को संभालने के साथ कंपनी को स्थानीय बाजार में मजबूत किया और अब वे तेजी से बढ़ रही है।
दरअसल Zoomin के संस्थापक के नाम का खुलासा ना करते हुए सचिन ने बताया कि किस तरह उन्हें बढ़ते घाटे के कारण 2018 में कारोबार बेचना पड़ा। इसके बाद स्टार्टअप के संस्थापक ने विदेशों में अपने अन्य व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया।
हालांकि सचिन ने रुकने का फैसला किया।
सचिन ने योरस्टोरी को बताया, "लेकिन हम जो कर रहे थे उसका आनंद ले रहे थे और हमें पूरा भरोसा था कि आने वाले वर्षों में यह कारोबार बढ़ेगा।"
इस समय तक जियो ने इंटरनेट को और अधिक सुलभ बना दिया था और यहां तक कि टियर 2 और 3 शहरों के लोग भी इंटरनेट का भरपूर इस्तेमाल करते हुए व्यक्तिगत उपहार देने के विकल्प तलाश रहे थे।
एक दोस्त के साथ साझेदारी करते हुए सचिन ने 2018 में एक अज्ञात राशि पर कंपनी खरीदी और नए सिरे से शुरुआत की। उन्होंने अपनी वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से ऑनलाइन व्यापार मॉडल पर ध्यान केंद्रित किया। उनका दावा है कि जब से उन्होंने कंपनी का अधिग्रहण किया है, यह साल दर साल 60 प्रतिशत बढ़ी है। कंपनी कोरोना महामारी से भी बच गई जबकि इसने कई व्यवसायों को बंद कर दिया है।
लेकिन उन्होने यह कैसे किया?
घाटे में चल रही कंपनी को बनाया लाभदायक
सचिन का कहना है कि व्यक्तिगत उपहार देने का आकर्षण कभी फीका नहीं पड़ा, लेकिन लोगों को तलाशने के लिए और विकल्पों की आवश्यकता थी क्योंकि मग और फ्रेम पर केवल तस्वीरें स्टाइल से बाहर हो गईं थीं। जब सचिन ने व्यवसाय की बागडोर संभाली तो उन्होंने विभिन्न प्रकार की सामग्री में कैलेंडर, मैग्नेट, फोटो बुक, प्लानर आदि जैसी और श्रेणियां जोड़ीं।
डेटाइंटेलो के अनुसार 2019 में वैश्विक व्यक्तिगत उपहार बाजार का मूल्य 26.3 बिलियन डॉलर था और 2026 तक 41.3 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो पूर्वानुमान अवधि 2020-2026 के दौरान 9.5 प्रतिशत की सीएजीआर पर आगे बढ़ रहा है।
सचिन का कहना है कि अब सारा कच्चा माल स्थानीय स्तर पर ही खरीदा जाता है। डिजाइनिंग और प्रिंटिंग का काम भी इन-हाउस ही किया जाता है।
कंपनी के पास अब लगभग 20 एसकेयू (स्टॉक कीपिंग यूनिट) हैं, जहां प्रत्येक उत्पाद कई रूपों में उपलब्ध है, जिसका अर्थ है कि ग्राहकों के पास चुनने के लिए कई विकल्प हैं।
कंपनी का ग्राहक आधार 2018 में आठ लाख से बढ़कर अब 21 लाख हो गया है। इसके ऐप यूजर्स 2018 में सात लाख से बढ़कर अब 17 लाख हो गए हैं। सचिन का दावा है कि जूमिन के 50 प्रतिशत ऑर्डर रिपीट होते हैं, जो हाई कस्टमर रिटेन्शन को दर्शाता है।
सचिन के अनुसार, कंपनी को एक महीने में लगभग 25,000 ऑर्डर मिलते हैं और यह संख्या बढ़ रही है।
चुनौतियां और प्रतिस्पर्धा
चुनौतियों के बारे में बात करते हुए सचिन कहते हैं कि ग्राहक अधिग्रहण एक बड़ा मुद्दा रहा है।
वे कहते हैं, “प्रतिस्पर्धा बहुत बड़ी है लेकिन यह अच्छा है क्योंकि यह बाजार को खोलता है। हालाँकि, किसी भी D2C ब्रांड की तरह ग्राहक अधिग्रहण की मांग है जहाँ हम मार्केटिंग में भी बहुत खर्च कर रहे हैं।”
जहां तक प्रतिस्पर्धा की बात है सचिन ने योरस्टोरी को बताया कि अब बाजार में संगठित और असंगठित दोनों तरह के कई खिलाड़ी हैं। कंपनी को जो चीज दूसरों से अलग करती है, वह है टियर 2 और टियर 3 शहरों में इसकी पैठ। इसने अरुणाचल प्रदेश के सबसे दूर के शहर जीरो में भी उत्पादों की डिलीवरी की है।
Zoomin ने अब तक 18,000 पिन कोड में डिलीवरी की है। सचिन का लक्ष्य कंपनी की पहुंच बढ़ाकर इस संख्या में और इजाफा करना है।
आगे का रास्ता
उभरती हुई तकनीकों का लाभ उठाते हुए सचिन ने कंपनी की वेबसाइट और ऐप के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल में ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) पेश करने की योजना बनाई है, ताकि यूजर्स को उनके उपहारों के लिए सबसे अच्छी तस्वीरें चुनने में मदद मिल सके।
सचिन कंपनी को विकसित करने और देश के अप्रयुक्त हिस्सों में कारोबार का विस्तार करने के लिए एक रणनीतिक साझेदारी की भी तलाश कर रहे हैं।
Edited by Ranjana Tripathi