दुनिया को पेट्रियारकी से आज़ाद करने की चाहत रखने वाली मुंबई की 12 वर्षीय सान्वी वशिष्ठ ने मलाला युसफज़ई को लिखा ज़रूरी ख़त
"मलाला युसफज़ई को लिखे खत में 12 साल की सान्वी ने मलाला को अपना प्रेरणाश्रोत बताया। सान्वी ने अपने खत में लिखा कि वे आगे चलकर किस तरह से इस पितृसत्ता में जकड़ी दुनिया में बदलाव लाना चाहती हैं।"
हाल ही में ब्रिटेन के प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन पूरा करने वाली मलाला युसफज़ई ने दुनिया की करोड़ों लड़कियों को प्रेरित किया है। आतंकवादियों की गोली का निशाना बनने और फिर पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा के लिए अभियान चलाने के साथ ही दुनिया की सबसे कम उम्र की नोबल पुरस्कार विजेता मलाला को 12 साल की सान्वी वशिष्ठ द्वारा लिखा गया खत इंटरनेट पर वायरल हो रहा है।
यह खत सान्वी वशिष्ठ के पिता पंकज दुबे जो कि जाने-माने लेखक हैं, ने ट्विटर पर शेयर किया, साथ में मलाला को टैग भी किया। मलाला को लिखे खत में 12 साल की सान्वी ने मलाला को अपना प्रेरणाश्रोत बताया। सान्वी ने अपने खत में लिखा कि वे आगे चलकर किस तरह से इस पितृसत्ता में जकड़ी दुनिया में बदलाव लाना चाहती हैं।
सान्वी ने मलाला को अपने खत में लिखा,
“आप मुझे प्रेरणा देती हैं। जब मैं 10 साल की थी तब मैंने आपकी कहानी ‘गुड नाइट स्टोरीज़ ऑफ़ रिबेल गर्ल्स’ नाम की कहानी संग्रह में पढ़ी। उस कहानी ने मुझे आगे बढ़ाया और फिर मैंने आपके बारे में और अधिक जानने के लिए आपकी ऑटोबायोग्राफ्री पढ़ी।
आपने मेरे विचारों को एक आकार दिया और मेरे विचारों को एक आकार दिया कि मैं भी बड़ी होकर यूके के किसी प्रतिष्ठित कॉलेज से ‘जेंडर स्टडीज़’ की पढ़ाई कर सकूँ। मेरा सपना है कि मैं इस पितृसत्ता वाली दुनिया में मैं जेंडर संवेदी वातावरण का निर्माण कर सकूँ।"
साथ ही सान्वी ने अपने खत में ये भी लिखा कि वो मलाला से रेसपॉन्स पाने के लिए उत्सुक हैं, और उन्होने बताया कि उनका और मलाला का जन्मदिन एक ही दिन होता है और इस साल वे 12 जुलाई को 12 साल की हो जाएंगी।
सान्वी के इस ख़त को मलाला ने ना सिर्फ़ पढ़ा बल्कि इसके बाद मलाला ने सान्वी के ख़त का जवाब देते हुए संदेश भी लिखा।
मलाला ने सान्वी के ख़त के जवाब में ट्विटर पर लिखा,
“12 साल की होने पर आपको बधाई, मैं आशा करती हूँ कि यह अब तक का सबसे बढ़िया बर्थडे हो। आपके संदेश के लिए आपका बहुत शुक्रिया। मुझे इसे पढ़ते हुए काफ़ी ख़ुशी हुई।”
हर बच्चे में कुछ ख़ास और कुछ ऐसा होता है, जो बाकी लोगों में आसानी से देखने को नहीं मिलता, लेकिन बच्चों का विकास यदि सही तरीके से उनकी सोच उनकी पसंद को ध्यान में रखकर नहीं किया जाता है, तो सबकुछ पीछे छूटने लगता है और बच्चे वैसे तैयार हो जाते हैं जैसा हमारा समाज उन्हें बनाना चाहता है।
सान्वी की पसंद नापसंद को लेकर उनके अभिभावक काफी सतर्क रहते हैं। हम आपको बता देते हैं कि संगीत सान्वी की जीवनशैली तो है ही, वह 12 साल की उम्र में एक बेहतरीन पियानिस्ट भी हैं।
दरअसल , तीन-चार साल पहले की बात है, जब सान्वी के पेरेंट्स ने उसे एक किताब 'गुड नाइट स्टोरीज़ ऑफ रेबेल गर्ल्स' गिफ्ट की थी जिसमें बहुत सारी क्रांतिकारी लड़कियों की छोटी-छोटी कहानियां थीं।
सान्वी ने उस किताब में उन लड़कियों की कहानियां पढ़ीं जो अलग अलग क्षेत्रों में काम कर रही हैं।
इस किताब को पढ़कर सान्वी खासा इन्सपायर्ड हुईं। किताब में मलाला युसुफज़ई की कहानी भी थी और इसके बाद सान्वी ने मलाला को करीब से जाना तो वो खासा प्रभावित हुईं।
मलाला का जन्मदिन भी 12 जुलाई को होता है और सान्वी का भी। इसके बाद सान्वी ने खुद को मलाला से कनेक्ट किया। मलाला के प्रति सान्वी की जिज्ञासा और बढ़ गई।
सान्वी के लिए सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात ये थी कि इतनी कम उम्र में मलाला को नोबेल पीस प्राइज़ मिल चुका है।
मलाला पहले से सान्वी के दिमाग में थीं और फिर मलाला की ऑटोबायोग्राफी ने सान्वी को मलाला के दिल के क़रीब ला दिया।
सान्वी के पिता पंकज दुबे कहते हैं,
"सान्वी मलाला से मिलना चाहती हैं। इस जन्मदिन पर वो चाहती थीं कि मलाला से मिले, लेकिन कोविड-19 की वजह से ऐसा होना मुमकिन नहीं था, ऐसे में सान्वी ने मलाला को एक ख़त लिखा, जिसे मैंने अपने ट्विटर हैंडल से मलाला को टैग करते हुए शेयर किया। मलाला की नज़र सान्वी के ख़त पर पड़ी और उन्होंने एक प्यारा सा जवाब दिया।"
सान्वी ज़रूरतमंद बच्चों के लिए फंड इकट्ठा करके मलाला फंड को देना चाहती हैं और इस ओर उन्होंने काम शुरू भी कर दिया है। ये फंड सान्वी अपने जन्मदिन पर मलाला फंड को देंगी। सान्वी क्लास 7 में हैं और किताबों के साथ साथ म्यूज़िक का भी शौक रखती हैं। वो एक बेहतरीन पियानिस्ट भी हैं।
सान्वी मुंबई में एमा इलियम तिलु नाम की एक स्विडिश महिला पियानिस्ट से पियानो सीख रही हैं।