हरियाणा की इस महिला ने शुरू किया बैग का बिजनेस, फ्लिपकार्ट से कमाती हैं हर महीने 8 लाख
नए जमाने में ई-कॉमर्स के आगमन से जहां एक ओर ग्राहकों को कई तरह की सुविधाएं मिली हैं तो वहीं इससे रोजगार में भी एक नया आयाम जुड़ा है। खासतौर पर महिलाओं को ऐसे मार्केट में रोजगार मिलने की काफी संभावनाएं दिखी हैं। भारत में महिलाओं की स्थिति सबसे ज्यादा हरियाणा में बदतर मानी जाती है। यहां पर सबसे कम लिंगानुपात पाया जाता है। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि इसी प्रदेश की रितु कौशिक ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट पर 8 लाख प्रतिमाह के हिसाब से कमाई का रिकॉर्ड बना लिया है।
पितृसत्तात्मक समाज में पुरुषों से कदम मिलाकर चलने वाली रितु सोनीपत जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने वह काम करके दिखाया है जिससे नए समाज में महिला सशक्तिकरण की संभावनाओं को बल मिलता है। हाल के दिनों में फ्लिपकार्ट पर महिला सेलर्स की संख्या में इजाफा हुआ है। 2018 में फ्लिपकार्ट पर पूरे भारत में महिला सेलर्स की कुल संख्या 10 फीसदी थी। रितु भी एक ऐसी ही सेलर्स हैं जिन्होंने अपने पैशन को ही पेशा बना लिया। इससे न केवल उनकी जिंदगी बदली बल्कि उन्होंने तमाम महिलाओं के लिए मिसाल भी कायम की।
रितु को हैंडबैग बनाना काफी पसंद था। 2016 में उन्होंने रितुपल नाम से अपना ब्रैंड बनाया और फ्लिपकार्ट पर अपने बैग्स बेचने लगीं। वे कहती हैं, 'मैंने अपने शौक को ही अपना बिदनेस बना लिया।' लेकिन रितु के लिए यह सब कर पाना बिलकुल भी आसान नहीं था। फ्लिपकार्ट पर बिजनेस सेलर बनने से पहले रितु ने एक कड़ा फैसला लिया और वह अपना ग्रैजुएशन पूरा करने के लिए फिर से कॉलेज गईं। साथ ही वह अपने दो बच्चों की देखभाल भी करती रहीं। रितु की शादी 16 साल में ही कर दी गई थी, लेकिन उनके पति ने उनका पूरा सहयोग किया।
सरकारी सर्विस कर रहे रितु के पति ने उन्हें फिर से पढ़ने के लिए प्रेरित किया और मौका भी दिया। 2016 में ग्रैजुएशन करने के बाद रितु ने अपना खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया। रितु के मन में यह ख्याल अपने आस पास के लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग करते देख आया। हालांकि वो बताती हैं कि उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वह कहती हैं, 'मेरे पड़ोसियों और रिश्तेदारों का कहना था कि मेरे पति नौकरी करते हैं तो मुझे कमाने की क्या जरूरत है। वे ऐसा इसलिए कह रहे थे क्योंकि मैं एक महिला हूं।'
लेकिन रितु के ऊपर किसी के कहने का कोई फर्क नहीं पड़ा। वक्त के साथ आगे बढ़ते हुए उन्होंने सबको गलत साबित कर दिया। रितु इसके लिए फ्लिपकार्ट को धन्यवाद देती हैं जिसकी मदद की बदौलत उन्होंने अपने सपने को साकार किया। वे कहती हैं, 'फ्लिपकार्ट ने मुझे व मदद और ट्रेनिंग मुहैया कराई जिसकी मुझे सख्त जरूरत थी। मैंने फ्लिपकार्ट से ही सीखा कि अपने प्रॉडक्ट को किस तरह से प्रमोट करना है। इतना ही नहीं फ्लिपकार्ट ने मुझे लोन की भी पेशकश की, लेकिन मैंने अपनी जिम्मेदारी खुद उठाते हुए अपने बचत के पैसों से ही बिजनेस शुरू किया।'
वे आगे कहती हैं, 'मैंने अपने पति की सहायता से कंप्यूटर चलाना सीखा और जब मेरे बच्चे स्कूल चले जाते थे तो मैं खुद से कंप्यूटर पर प्रैक्टिस किया करती थी।' आज रितु का परिवार उनके बिजनेस में पूरा सहयोग देता है। लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि रितु ने इस बिजनेस को अपने दम पर खड़ा किया है। बिजनेस शुरू करने के एक साल खत्म होने पर रितु की कमाई 1 लाख प्रति माह पहुंच चुकी थी। उन्होंने पूरे देश के ग्राहकों को एक नए तरह का प्रॉडक्ट दिया जिसे लोगों ने भी काफी पसंद किया।
आज रितु को इस बिजनेस में तीन साल हो चुके हैं और वे अब हर महीने 7 से 8 लाख रुपये का रेवेन्यू जुटा लेती हैं। उनकी कंपनी के बैग्स की कीमत 200 से 1,500 रुपये के बीच में होती है। रितु बताती हैं कि सबसे ज्यादा दक्षिण भारत इलाके से लोग उनके बैग्स खरीदते हैं। अब रितु अपना बिजनेस देश के उत्तरी और पूर्वी भाग में बढ़ाना चाहती हैं। वे कहती हैं, 'वैसे मेरी सफलता किसी के लिए उपलब्धि के जैसे हो सकती है, लेकिन अब मैं अपना रेवेन्यू बढ़ाकर 20 लाख रुपये महीने कर देना चाहती हूं।'
एक छोटी सी कोशिश से शुरू किया गया बिजनेस अब एक जाने माने ब्रैंड में बदल गया है। लेकिन रितु कहती हैं, 'मेरा ख्वाब है कि दुनिया मुझे मेरे नाम से पहचाने।'
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