कोरोना काल के दौरान महज एक रुपये में ऑक्सीजन सिलेन्डर उपलब्ध करा रहा है यह शख्स
उत्तर प्रदेश के एक व्यापारी ने इस कठिन समय के बीच लोगों की मदद के लिए ऐसा तरीका अपना लिया कि उनके प्रयासों की तारीफ हर जगह होने लगी है।
"उत्तर प्रदेश के हमीरपुर स्थित रिमझिम इस्पात फैक्ट्री ने कोरोना काल के दौरान अस्पतालों और जरूरतमंद लोगों महज एक रुपये में ऑक्सीजन सिलेन्डर उपलब्ध कराने का काम किया है। मालूम हो कि इस फैक्ट्री में 24 घंटे में करीब 1 हज़ार से भी अधिक ऑक्सीजन सिलेन्डर रिफिल किए जा रहे हैं।"
कोरोना संक्रमण की दूसरी घातक लहर के बीच जब देश भर में ऑक्सीजन समेत तमाम अन्य जरूरी मेडिकल सुविधाओं को लेकर हाहाकार मच गया तब देश के तमाम कोनों से लोग जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए सामने आने लगे। इसी बीच उत्तर प्रदेश के एक व्यापारी ने इस कठिन समय के बीच लोगों की मदद के लिए ऐसा तरीका अपना लिया कि उनके प्रयासों की तारीफ हर जगह होने लगी है।
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर स्थित रिमझिम इस्पात फैक्ट्री ने कोरोना काल के दौरान अस्पतालों और जरूरतमंद लोगों महज एक रुपये में ऑक्सीजन सिलेन्डर उपलब्ध कराने का काम किया है। मालूम हो कि इस फैक्ट्री में 24 घंटे में करीब 1 हज़ार से भी अधिक ऑक्सीजन सिलेन्डर रिफिल किए जा रहे हैं।
रिमझिम इस्पात फैक्ट्री के प्रबन्धक मनोज गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि कोरोना महामारी को देखते हुए प्रबंधन ने इस बात पर गौर किया कि इस समय ऑक्सीजन एक महत्वपूर्ण कारक का काम कर रही है। चूंकि फैक्ट्री ऑक्सीजन उत्पादन का काम करती है इसलिए इन कठिन परिस्थितियों को देखते हुए फैक्ट्री में उपलब्ध ऑक्सीजन का उपयोग कोरोना संक्रमित लोगों की जान बचाने के लिए किए जाने का फैसला किया गया है।
फौरन उपलब्ध है ऑक्सीजन
इस ऑक्सीजन प्लांट के जरिये फैक्ट्री प्रबंधन अब सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों के लिए महज एक रुपये में ऑक्सीजन रिफिल की जा रही है। आज प्लांट में लगातार ऑक्सीजन रिफलिंग का काम किया जा रहा है और फिलहाल प्रदेश का कोई भी कोविड अस्पताल यहाँ पहुँचकर ऑक्सीजन सिलेन्डर ले सकता है। इतना ही नहीं, अगर किसी व्यक्ति को अपने मरीज के लिए भी ऑक्सीजन की आवश्यकता है तो उसे भी महज एक रुपये में ही ऑक्सीजन रिफिल की जा रही है।
व्यक्तिगत तौर पर ऑक्सीजन रिफिल के लिए आए हुए लोगों को इस दशा में मरीज की मेडिकल डिटेल और डॉक्टर द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र (मेडिकल प्रेसक्रिप्शन) को फैक्ट्री आकर दिखाना होगा। एक रुपये कीमत पर बात करते हुए मनोज गुप्ता ने मीडिया को बताया है कि वह नहीं चाहते हैं कि लोग इसे दान समझें, इसी लिए वह एक रुपये कीमत भी ले रहे हैं।
सरकार ने भी की तारीफ
कुछ समय पहले प्रबन्धक मनोज गुप्ता ने खुद कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ गए थे। मनोज के अनुसार अपने अनुभव को देखते हुए वे अन्य कोरोना मरीजों की तकलीफ को भी समझते हैं और इसी के चलते उन्होने यह फैसला लिया है। मालूम हो कि फैक्ट्री प्रबंधन ने अपने काम में आने वाली ऑक्सीजन की कटौती कर उसे लोगों में बांटने का सराहनीय काम किया है।
मनोज गुप्ता के इस फैसले की चर्चा एक ओर जहां हर तरफ हो रही है, वहीं खुद उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके इन प्रयासों को सराहने का काम किया है। कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने खुद रिमझिम इस्पात फैक्ट्री पहुँचकर फैक्ट्री के प्रबंधन को उनके इस नेक काम के लिए बधाई दी थी।
देश में कोरोना की दूसरी लहर अब भले ही पहले के मुक़ाबले कमजोर होना शुरू हो गई हो लेकिन अभी भी देश में रोजाना एक लाख से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं, जबकि मौत का आंकड़ा अभी भी करीब रोजाना 3 हज़ार के पार है।
Edited by Ranjana Tripathi