AI का इस्तेमाल कर CCTV आधारित वीडियो एनालिटिक्स सॉल्यूशंस मुहैया कराता है यह स्टार्टअप
सुरक्षा और निगरानी सुनिश्चित करने के लिए क्लोज-सर्किट टेलीविजन (जिसे इसके संक्षिप्त नाम CCTV से ज्यादा जाना जाता है) बेहद अहम हैं। बढ़ते अपराध दर, दुर्घटनाओं और हमलों के बीच, सुरक्षा और निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गए हैं।
आज से 10 साल पहले 2011 में, अभिजीत शानभाग ने महसूस किया कि हमारे चारों तरफ बहुत सारी पिक्चर और वीडियो सामग्री उपलब्ध हैं, लेकिन इन्हें विश्लेषण या कार्रवाई करने योग्य डेटा में नहीं बदला जा रहा था। अभिजीत ने सीसीटीवी से लिए गए वीडियो और तस्वीरों का इस्तेमाल करने की जरूरत को महसूस किया और इसके बाद सुरक्षा और निगरानी प्रणाली को अधिक बेहतर बनाने के लिए ग्रेमैटिक्स लॉन्च किया।
ग्रेमैटिक्स जो सॉल्यूशंस पेश करती है, उन्हें सीसीटीवी के मौजूदा बुनियादी ढांचे के साथ जोड़ा जा सकता है ताकि सीसीटीवी से लिए जा रहे वीडियो का विश्लेषण किया जा सके और निगरानी प्रणाली को मजबूत किया जा सके।
इस स्टार्टअप को पहले अमेरिका में सिलिकॉन वैली से लॉन्च किया गया था, लेकिन वर्तमान में इसका मुख्यालय सिंगापुर में है। साथ ही इसके यूएस और बेंगलुरु में ऑफिस हैं। यह स्टार्टअप अब भारत में अपनी उपस्थिति का और विस्तार करना चाहता है।
अभिजीत कहते हैं, “जब हमने पहली बार शुरुआत की, तो हमने इंटरनेट पर उपलब्ध वीडियो सामग्री पर ध्यान केंद्रित किया। पिछले तीन वर्षों से, हम सीसीटीवी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि यह बहुत सर्वव्यापी हो गया है। हालांकि, सीसीटीवी के हर जगह मौजूद होने के बावजूद उनका इस्तेमाल बहुत ही निष्क्रिय तरीके से किया जाता है। जब कोई घटना, अपराध या बर्बरता होती है, तभी अधिकारी वीडियो फुटेज को निकलवाते हैं ताकि यह समझ सके कि उस समय क्या हुआ था।”
अभिजीत ने योरस्टोरी को बताया, "हमारा इरादा वीडियो फीड का लगाता इस्तेमाल करना है। इसके लिए हम हमारे वीडियो एआई प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं, जो विश्लेषण के साथ ऑपरेशनल और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के समाधान मुहैया कराता है।"
वह बताते हैं कि एआई प्लेटफॉर्म को मौजूदा सीसीटीवी के साथ जोड़ा जा सकता है और यह किसी भी खामी या प्रोटोकॉल का पालन न करने की स्थिति में तत्काल अलर्ट भेज सकता है।
यह स्टार्टअप अपने समाधानों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट एंड ट्रांसपोर्टेशन, स्मार्ट कमर्शियल बिल्डिंग एंड फैक्ट्री और स्मार्ट बैंक एंड रिटेल बिजनेस जैसी कैटेगरी में मुहैया कराता है।
कॉग्नेटिव मल्टीमीडिया विश्लेषण समाधान मुहैया कराना
अभिजीत का कहना है कि स्टार्टअप का मकदस बड़े पैमाने पर मौजूद वीडियो और तस्वीर को एक डेटा में बदलना है ताकि इसे विभिन्न कार्यों के लिए उपयोग करने योग्य बनाया जा सके।
ग्रेमैटिक्स के समाधानों को किसी भी अतिरिक्त बुनियादी ढांचे की आवश्यकता नहीं होती है। इसे मौजूदा सीसीटीवी उपकरणों के साथ एकीकृत करने के लिए डिजाइन किया गया है। संस्थापक बताते हैं कि चूंकि दुनिया भर में बड़ी संख्या में सीसीटीवी पहले से ही तैनात हैं, इसलिए समाधान को मौजूदा मशीनों के साथ काम करने के लिए डिजाइन किया गया है।
स्मार्ट प्रयोगशालाओं और फैक्ट्रियों के लिए यह स्टार्टअप G3C Labvista जैसे कई वीडियो एनालिटिक्स टूल प्रदान करता है। इनमें स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और सार्वजनिक सेवाओं के लिए G3C अर्बन विजन; सुरक्षा के लिए G3C साइटइनसाइट्स; और खुदरा परिचालन के लिए G3C विस्टामार्ट जैसे टूल शामिल हैं।
कोरोना महामारी के दौरान ग्रेमैटिक्स ने चेहरे की पहचान, तापमान स्कैनिंग, लोगों के बीच संपर्क का पता लगाने और मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल के पालन के लिए Covideo.ai भी पेश किया।
वे बताते हैं, “भारत में, हम अपने वीडियो एआई समाधान प्रदान करने के लिए दक्षिण और पूर्वी भारत के कई शहरों में काम कर रहे हैं। हम मुख्य रूप से परिवहन, स्मार्ट शहरों, बैंकों और फास्ट फूड सहित अन्य क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।”
व्यापार और भविष्य की योजना
संस्थापक ने खुलासा किया कि ग्रेमैटिक्स अपने ग्राहकों से उनके द्वारा चुने गए एनालिटिक्स लाइसेंस की संख्या के लिए शुल्क लेता है। साथ ही यह जरूरी लाइसेंसों की संख्या के आधार पर अपने ग्राहकों को एक सब्सक्रिप्शन मॉडल भी ऑफर करती है।
अभिजीत बताते हैं, "उदाहरण के लिए, यदि किसी बैंक के पास 1,000 कैमरे हैं, तो वे सीसीटीवी प्लेसमेंट के आधार पर प्रति कैमरा दो लाइसेंस चुन सकते हैं। इनमें श्रमिकों के प्रोटोकॉल रखरखाव या उनकी अटेंडेंस की निगरानी जैसे लाइसेंस शामिल हैं। ऐसे में बैंक से कुल मिलाकर 2,000 लाइसेंस के लिए शुल्क लिया जाएगा।"
सीरीज ए राउंड पूरा कर चुकी इस स्टार्टअप में सिट्रिक्स सिस्टम्स, सिंगापुर के प्रधान मंत्री कार्यालय और क्वांटेला ने निवेश किया है। स्टार्टअप वर्तमान में अपने विकास में तेजी लाने के लिए अगले छह से नौ महीनों के भीतर अपने अगले दौर की फंडिंग जुटाना चाहता है।
मार्केटसैंडमार्केट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल स्तर पर वीडियो एनालिटिक्स का बाजार 2021 में 5.9 अरब डॉलर था, जिसके 2026 तक 20.4 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़कर 14.9 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
नई दिल्ली और अमेरिका स्थित Wobot.ai भी इसी तरह का समाधान पेश करता है। यह पूर्व-निर्धारित चेक लिस्ट और कार्यों के साथ एआई-संचालित वीडियो एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, जिसे मौजूदा सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से ट्रैक किया जाता है।
भविष्य की योजनाओं के बारे में बोलते हुए, अभिजीत ने खुलासा किया कि ग्रेमैटिक्स भारत में एक मजबूत उपस्थिति बनाना चाहता है।
वे कहते हैं, “अगले छह महीनों के भीतर, हम भारत में सभी सेगमेंट में कम से कम 50 क्लाइंट्स की तलाश कर रहे हैं। लंबी अवधि में, हम एक वैश्विक कंपनी बनना चाहते हैं जो समुदाय और समाज को सुरक्षित बनाने में मदद करने के लिए उद्यमों और सार्वजनिक क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन मुहैया कर सके।"
Edited by Ranjana Tripathi