भुवनेश्वर की इस महिला उद्यमी ने अपने खास होम डेकोर ब्रांड को शुरू करने के लिए छोड़ दी थी बेहतरीन नौकरी
समृद्ध शिल्प विरासत के चलते भारत में पाये जाने वाले कला रूप दुनिया भर में अपनी गहनता और विस्तार पर ध्यान देने के लिए प्रसिद्ध हैं। देश में पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक, हर क्षेत्र में अद्वितीय कला रूपों का ढेर विरासत में मिला है, हालांकि ये अभी बड़े बाज़ार में इसकी पहुँच उतनी नही है।
34 साल की अर्पिता साहू को भी इसका एहसास तब हुआ जब वह कोका-कोला कंपनी और कोलगेट-पामोलिव जैसे कई कॉर्पोरेशन के साथ काम करने के बाद अमेरिका से भारत वापस आईं।
योरस्टोरी को दिये एक साक्षातकार में अर्पिता कहती हैं, “जब मैं ओडिशा से वापस आई तो मैंने महसूस किया कि मेरी मातृभूमि में अपार प्रतिभा है, जिसमें पट्टाचित्र सबसे सुंदर और जटिल विस्तृत कला रूपों में से एक है। मेरी रुचि हमेशा से रचनात्मक क्षेत्र में थी और इसे ऐसे ही छोड़ दिया गया था। इसलिए, जब मैंने अपने भारतीय लोक कला रूपों के विशाल दायरे की खोज की, तो मैंने इसमें एक रचनात्मक व्यवसाय शुरू करने का अवसर पाया।"
अर्पिता ने साल 2019 में अपने दम पर भुवनेश्वर स्थित विंटेज विस्तारा की स्थापना की है। उनका दावा है कि अगले कुछ महीनों में, उनकी कंपनी का लक्ष्य 1 करोड़ रुपये के राजस्व को छूना है।
इंटरव्यू के कुछ अंश:
योरस्टोरी: विंटेज विस्तारा क्या है और आपने कंपनी की शुरुआत कैसे की?
अर्पिता साहू: विंटेज विस्तारा एक कलात्मक ब्रांड है जो अपने घरेलू सजावट और आधुनिक शैलियों के साथ पारंपरिक कला रूपों को मिलाकर उत्पादों को प्रस्तुत करता है और साथ ही विभिन्न भारतीय कला रूपों को प्रदर्शित करता है।
मैंने अपने भीतर की क्रिएटिव साइड को पहचानने के बाद अपनी नौकरी छोड़ साल 2019 में इस कंपनी की शुरुआत की थी। मैंने एक दीवार घड़ी पर अपने पहले आइडिया को एग्जीक्यूट किया था। यह बहुत अच्छी तरह तैयार हुई थी और इसकी शैली कुछ ऐसी थी जिसे लोगों ने पहले नहीं देखा था।
वर्तमान में, हम पट्टचित्र, मधुबनी, कलमकारी और कई कला रूपों में एक विस्तृत उत्पाद श्रृंखला पेश करते हैं। हमने Etsy के माध्यम से बिक्री करके ब्रांड की शुरुआत की और अब हम अपने ईकॉमर्स स्टोर के माध्यम से भी दुनिया भर में शिपिंग कर रहे हैं। हमें हर महीने औसतन 500 ऑर्डर मिलते हैं, जिससे सालाना 50 लाख रुपये का राजस्व मिलता है।
योरस्टोरी: आप कितने कारीगरों और शिल्पकारों को रोजगार देते हैं और कच्चा माल कहाँ से प्राप्त किया जाता है?
अर्चना: विंटेज विस्तारा देश भर से लगभग 12 कलाकारों और चार शिल्पकारों को रोजगार देता है। हम गृह सज्जा उत्पादों, ट्रे, कोस्टर, वॉल डेकोर, बुलहेड्स, वॉल प्लेट्स, हाथ से पेंट की गई साड़ियों, बैग आदि का व्यापार करते हैं।
हमारी अधिकांश लकड़ी और मध्यम-घनत्व फाइबरबोर्ड (एमडीएफ) यूपी के सहारनपुर से प्राप्त होते हैं, जहां प्रतिभाशाली कारीगरों की एक टीम हमारी आवश्यकताओं के आधार पर उन्हें आकार देती है। एनिमल हेड की संरचना केरल में की जाती है और हम लगातार उनके साथ नई संरचनाओं की खोज कर रहे हैं। धातु उत्पाद पश्चिम बंगाल से आते हैं और घड़ियां दिल्ली से आती हैं। वे सभी ओडिशा में हमारी कार्यशाला में पेंटिंग के लिए तैयार होती हैं। इसलिए, हमारे उत्पाद अंतिम रूप से ग्राहकों को भेजे जाने से पहले वास्तव में कई स्थानों की यात्रा करते हैं।
योरस्टोरी: व्यवसाय चलाते समय आपको किन प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
अर्चना: सबसे बड़ी चुनौती है इसे बढ़ाना क्योंकि हम एक विशेष रूप से अभी छोटे स्टोर हैं और इंसानी हाथ केवल इतना ही कर सकते हैं। एक अद्वितीय हस्तनिर्मित उत्पाद के मालिक होने का आनंद अलग है, हालांकि उत्पाद बनाने के पीछे की प्रक्रिया बहुत लंबी है।
तेज़ फ़ैशन और तेज़ शिपिंग की दुनिया में, ग्राहकों को उत्पादों की प्रतीक्षा करने के लिए राजी करना वाकई मुश्किल हो जाता है। यह एक बड़ी चुनौती की तरह लगता है। साथ ही, हम हमेशा पहले कला रूप के बारे में ज्ञान बढ़ाने की कोशिश करते हैं ताकि लोग हमारे भारतीय कला रूपों के महत्व और इतिहास को समझ सकें और जान सकें कि वे किस चीज के लिए भुगतान दे रहे हैं। यह जागरूकता अभी पूरी तरह से भारतीय दर्शकों तक नहीं पहुंची है जो उत्पादों को तेजी से और सस्ती कीमत पर प्राप्त करना पसंद करते हैं।
योरस्टोरी: भविष्य को लेकर आपके प्लान क्या हैं?
अर्चना: हम Etsy के माध्यम से अधिक देशों में अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों को आकर्षित करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं और हम और अधिक कला रूपों के साथ प्रयोग भी कर रहे हैं। हम आने वाले वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ रुपये के राजस्व को छूना चाहते हैं, क्योंकि हमारे उत्पाद रेंज और टीम दोनों बढ़ रहे हैं। हम इस साल 50 और कलाकारों को काम पर रखने और कम जाने-पहचाने क्रिएटर्स के लिए अपने आर्टफॉर्म का विस्तार करने पर विचार कर रहे हैं। हथकरघा क्षेत्र में भी विस्तार करने की हमारी बड़ी योजनाएं हैं।
Edited by Ranjana Tripathi