ज्वैलरी ब्रांड शुरू करने के लिए इस महिला आंत्रप्रेन्योर ने छोड़ दिया CA बनने का सपना, वित्त वर्ष 2021 में की 2 करोड़ रुपये की बिक्री
चार्टर्ड अकाउंटेंसी करना एक चुनौतीपूर्ण काम है, जिसमें उम्मीदवारों को परीक्षा पास करने में कई साल लग जाते हैं। ज्वैलरी लेबल Adwitiya Collection की संस्थापक अदिति गर्ग के लिए, उनकी CA यात्रा ने उन्हें उद्यमिता में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
2018 में शुरू हुई नोएडा स्थित Adwitiya ने वित्त वर्ष 2020-21 में 2.78 रुपये की बिक्री दर्ज की और इस त्योहारी सीजन में 400 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। YourStory के साथ बातचीत में नौ साल के एक बच्चे की माँ अदिति ने एक उद्यमी बनने की अपनी यात्रा के बारे में खुलकर बताया।
सीए का सपना
अदिति ने अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए योरस्टोरी को बताया, "मैं अपना सीए क्लियर करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन हर गुजरते साल के साथ यह और कठिन होता जा रहा था। सीए फाइनल को पास किए बिना, कोई भी मुझे नौकरी नहीं देता और मुझे यह महसूस होने लगा था कि मैं अपने परिवार पर बहुत अधिक निर्भर हूं। और तभी मैंने आर्टिफिशियल ज्वेलरी का एक साइड बिजनेस शुरू करने और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के बारे में सोचा।”
अदिति ने 2013 में आभूषणों के पुनर्विक्रेता यानी रीसेलर के रूप में शुरुआत की। एक माइक्रो-लेवल साइड बिजनेस का निर्माण करने से उन्हें बड़े सपने देखने का आत्मविश्वास और वित्तीय स्वतंत्रता मिली। उन्होंने Amazon और Flipkart के जरिए ऑनलाइन ज्वैलरी बेचना शुरू किया। उनका व्यवसाय उन्हें अच्छा मुनाफा दे रहा था लेकिन वह अपना 100 प्रतिशत व्यवसाय में नहीं दे पा रही थीं क्योंकि वह अपने सीए फाइनल को पास करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही थीं।
चार साल बीत गए और अदिति ने व्यवसाय शुरू करने के लिए थोक व्यापारी से जो 17,000 रुपये की इन्वेंट्री खरीदी थी, वह अभी भी उनके पास अटकी हुई थी। न तो वह अपना सीए क्लियर कर पा रही थीं और न ही लगातार अपने बिजनेस को आगे बढ़ा पाईं।
2018 में, अदिति एक ही समय में दो कामों में ध्यान लगाते हुए थक सी गईं। उन्होंने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए अपना सीए छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने सबसे पहले अपने ज्वैलरी को Adwitiya Collection नाम से लिस्ट किया।
यह वह समय था जब Myntra भी आक्रामक रूप से नए ब्रांडों को शामिल कर रही थी। अदिति ने इस मौके का फायदा उठाते हुए Adwitiya को ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस पर धकेल दिया।
वे कहती हैं, “मैंने अपने ब्रांड को Myntra पर सूचीबद्ध किया और पहले दिन लगभग 25 ऑर्डर मिले। उस समय मेरे लिए यह एक बड़ी संख्या थी क्योंकि मुझे इतना बड़ा ऑर्डर पहले कभी नहीं मिला था।”
अब तीन साल बाद, Adwitiya कलेक्शन Myntra से अपनी बिक्री का 90 प्रतिशत उत्पन्न करता है जहाँ उसे लगभग 350-400 ऑर्डर एक महीने में मिलते हैं। अदिति का दावा है कि कंपनी वित्त वर्ष 21-22 को बिक्री में 5 करोड़ रुपये के साथ बंद करने की उम्मीद करती है। इस फेस्टिव सीजन, Adwitiya Collection को 9,000 ऑर्डर मिले और 75 लाख रुपये की बिक्री हुई।
अदिति खुद बिजनेस चलाती हैं और उन्होंने पैकेजिंग के लिए लोगों को हायर किया है। वह कहती हैं कि ब्रांड को पूरे भारत से ऑर्डर मिलते हैं, जिसकी मांग टियर 1 शहरों से अधिक है। चूड़ियाँ ब्रांड का सबसे अधिक बिकने वाला प्रोडक्ट हैं। Adwitiya की कीमत 399 रुपये से शुरू होकर 10,000 रुपये तक जाती है।
चुनौतियां और प्रतियोगिता
अपनी उद्यमशीलता की यात्रा के शुरुआती दिनों में, अदिति को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। पहला, उनके पास बल्क इन्वेंट्री खरीदने के लिए सीमित धन था और दूसरा, थोक व्यापारी विशिष्ट डिजाइनों की मांग को पूरा करने में विफल रहे।
वे कहती हैं, “मैं एक विशेष डिजाइन की न्यूनतम मात्रा खरीदती थी, लेकिन जब कई ग्राहक एक ही प्रोडक्ट की मांग करते थे, तो वह आउट ऑफ स्टॉक हो जाता था। इस परिदृश्य में, हर बार थोक व्यापारी मेरी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम नहीं होता क्योंकि वे उसे और बनाते ही नहीं थे। मैंने महसूस किया कि अगर हम विस्तार बनाना चाहते हैं, तो हमें सीधे निर्माताओं से संपर्क करने की जरूरत है।”
इसके बाद अदिति ने अपने आभूषणों की आपूर्ति के लिए निर्माताओं के साथ भागीदारी की। व्यावसायिक मोर्चे के अलावा, अदिति को व्यक्तिगत चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा, जब उनका परिवार एक आर्टिफिशियल ज्वेलरी ब्रांड लॉन्च करने से खुश नहीं था। हालांकि, उनकी दृढ़ता रंग लाई।
प्रमुख ऑनलाइन ज्वैलरी ब्रांडों में से एक, Rubans जैसों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए, Adwitiya Collection अन्य आइटम्स के बीच झुमके, हार, चूड़ियाँ, कंगन बेचता है। Adwitiya अब Ajio, Mirraw और अन्य ऑनलाइन मार्केटप्लेस में भी उपलब्ध है।
आगे का रास्ता
अदिति का कहना है कि बेहतरीन कलेक्शन को लाना हमेशा पाइपलाइन में रहेगा और है ऐसा करना जारी भी है। इसके अलावा, वह ऑनलाइन बिक्री चैनल में भी गहरी पैठ बनाना चाहती हैं और एक D2C (डायरेक्ट टू कंज्यूमर) चैनल शुरू करने की योजना बना रही हैं।
आने वाले उद्यमियों के लिए अदिति की क्या सलाह है, खासकर सीए के सपने देखने वालों को?
अदिति के मुताबिक छात्रों का पास प्रतिशत 12-13 फीसदी है। अब बचे 88 प्रतिशत, अदिति कहती हैं कि उनके पास काफी संभावनाएं हैं, लेकिन वे बस सीए को पास नहीं कर पा रहे हैं, जिससे वे निराश हैं। लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं खोनी चाहिए क्योंकि सीखने से हमें किसी न किसी तरह से मदद मिलती है।
वह कहती हैं, “हालांकि मैंने अपना सीए क्लियर नहीं किया, लेकिन मेरे अध्ययन ने मुझे व्यवसाय की चीजों को समझने में बहुत मदद की। पीओ से लेकर कॉस्टिंग और फाइनेंस तक, मैं सब कुछ देखती हूं। यह मेरी सबसे अच्छी जीत है।”
Edited by Ranjana Tripathi