बेहद कम दाम में दुनिया की दूसरी सबसे मुश्किल परीक्षा की तैयारी कराता है यह यूट्यूब चैनल
एक तरफ जहां इस आईआईटी कोचिंग का मार्केट करीब 20 हजार करोड़ रुपये का है. वहीं, दूसरी तरफ बहुत से ऐसे यूट्यूब चैनल्स, टीचर्स और एजुकेटर्स हैं, जो कि फ्री या अफोर्डेबल कीमत पर तैयारी करा रहे हैं.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) की प्रवेश परीक्षा दुनिया की दूसरी सबसे कठिन परीक्षा है जबकि यह भारत में सबसे कठिन परीक्षा के मामले में पहले स्थान पर है.
बढ़ती प्रतिस्पर्धा के साथ, परीक्षा की कठिनाई भी सालाना बढ़ रही हैं. 23 अलग-अलग IIT में लगभग 11,000 सीटों के लिए हर साल 12 लाख से अधिक उम्मीदवार परीक्षा देते हैं. इस प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए औसतन दो साल के लंबे और निरंतर प्रयासों की आवश्यकता होती है. इस परीक्षा को लेकर हर महीने इंटरनेट पर लगभग 32,000 सर्च किए जाते हैं.
इस परीक्षा की तैयारी छोटे कस्बों में स्थित छोटे-छोटे कोचिंग सेंटरों से लेकर महानगरों में स्थित बड़े-बड़े कोचिंग सेंटर और कोचिंग चेन तक में कराई जाती है. वहीं, अब इसकी तैयारी में बड़ी-बड़ी एडटेक कंपनियां भी कूद चुकी हैं.
एक तरफ जहां इस आईआईटी कोचिंग का मार्केट करीब 20 हजार करोड़ रुपये का है. वहीं, दूसरी तरफ बहुत से ऐसे यूट्यूब चैनल्स, टीचर्स और एजुकेटर्स हैं, जो कि फ्री या अफोर्डेबल कीमत पर तैयारी करा रहे हैं. ऐसा ही एक यूट्यूब चैनल और ऐप स्टडी भारत (Study Bharat) है, जो कि छात्रों की जेईई और नीट परीक्षाएं क्रैक करने में मदद करता है.
इसकी शुरुआत दिसंबर, 2021 में विशाल तिवारी ने की थी. तिवारी पहले दिग्गज एडटेक यूनिकॉर्न अनअकेडमी में पढ़ाते थे और वहां से निकलने के बाद उन्होंने इसकी शुरुआत की. टियर-2 और टियर-3 शहरों के औसत छात्रों पर ध्यान देने के लिए वह उनकी ही भाषा में बात करते हैं.
उनका स्टडी भारत ऐप 50 हजार से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है. वह बड़े-बड़े कोचिंग संस्थानों और एडटेक कंपनियों की तरह 60 हजार रुपये से लेकर लाखों रुपये तक चार्ज करने के बजाय मात्र 7,500 रुपये में तैयारी कराते हैं. उनका कहना है कि स्टडीभारत ऐप के 30 हजार मासिक एक्टिव यूजर्स हैं, जिनमें से 20,000 पेड यूजर्स हैं.
अनएकेडमी से पहले तिवारी यूट्यूब पर वीडियो पोस्ट करते थे और ऑफलाइन पढ़ाते भी थे. जब उन्होंने स्टडीभारत की शुरुआत की और उन्हें छात्रों के डाउट्स को हल करने के लिए मदद की जरूरत थी, तो इसमें उन्होंने विभिन्न मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ रहे अपने पूर्व छात्रों की मदद ली.
जब भी कोई छात्र तस्वीर पर क्लिक करके या ऑडियो नोट रिकॉर्ड करके ऐप पर अपनी क्वेरी पोस्ट करता है, तब 2-3 मिनट के भीतर उनके 1,000 पूर्व छात्रों में से कोई एक छात्र उसका समाधान कर देता है. ये सभी छात्र तिवारी के लिए ये काम फ्री में करते हैं.
Edited by Vishal Jaiswal