रिलायंस कैपिटल नीलामी: पहले दौर में Torrent Group बना सबसे बड़ा बिडर, जानें कितने हजार करोड़ की लगाई बोली
ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने नीलामी के लिए 6,500 करोड़ रुपये की निचली मूल्य सीमा तय की है.
कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) की समाधान प्रक्रिया के तहत पहले चरण की नीलामी में टॉरेंट समूह (Torrent Group) ने सबसे ऊंची बोली लगाई है. न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि अहमदाबाद स्थित टॉरेंट समूह ने अनिल अंबानी (Anil Ambani) समूह द्वारा स्थापित NBFC फर्म रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए 8,640 करोड़ रुपये की बोली लगाई है. उन्होंने बताया कि हिंदुजा समूह ने दूसरी सबसे बड़ी बोली लगाई है, जबकि ओकट्री ने नीलामी के पहले चरण में भाग नहीं लिया. कॉस्मिया पीरामल गठजोड़ पहले ही बोली प्रक्रिया से बाहर हो गया था.
खबर है कि ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने नीलामी के लिए 6,500 करोड़ रुपये की निचली मूल्य सीमा तय की है. इसके अलावा, दूसरे और तीसरे दौर की नीलामी प्रक्रिया में से प्रत्येक के लिए 1,000 करोड़ रुपये की वृद्धि की जाएगी. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के एक आदेश के अनुसार कर्जदाताओं को 31 जनवरी, 2023 तक रिलायंस कैपिटल की समाधान प्रक्रिया पूरी करनी है. यह पहली बार है कि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत किसी एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी) के समाधान के लिए इस पैमाने की ई-नीलामी हो रही है. ई-नीलामी का निर्णय एलआईसी और ईपीएफओ के इशारे पर लिया गया है, जो सीओसी में 35 प्रतिशत मतदान अधिकारों को एक साथ नियंत्रित करते हैं.
29 नवंबर 2021 को हटाया गया था कंपनी का बोर्ड
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले साल 29 नवंबर को भुगतान चूक और गवर्नेंस से जुड़े गंभीर मुद्दों को देखते हुए रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को हटा दिया था. आरबीआई ने नागेश्वर राव वाई को फर्म की कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) के संबंध में एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया था. बाद में आरबीआई ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ में कंपनी के खिलाफ सीआईआरपी शुरू करने के लिए एक आवेदन दायर किया. इस साल फरवरी में आरबीआई द्वारा नियुक्त एडमिनिस्ट्रेटर ने रिलायंस कैपिटल की बिक्री के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मांगा था.
रिलायंस कैपिटल तीसरी बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है, जिसके खिलाफ केंद्रीय बैंक ने दिवालियापन और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत बैंकरप्सी की कार्यवाही शुरू की है. अन्य दो एनबीएफसी Srei ग्रुप एनबीएफसी और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) थे.
Edited by Ritika Singh