Tata की Bigbasket 2025 तक ला सकती है IPO, बन गई है देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन ग्रॉसर
भारत के ऑनलाइन किराना बाजार के लगभग एक तिहाई हिस्से को नियंत्रित करने वाली बिगबास्केट को पिछले साल टाटा ने अधिग्रहित कर लिया था.
टाटा समूह की
, शेयर बाजारों में 3 वर्ष के अंदर लिस्ट हो सकती है. हाल ही में मिली फंडिंग के बाद बिगबास्केट भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन ग्रॉसर बन गई है, जिसकी वैल्युएशन 3.2 अरब डॉलर हो चुकी है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु में कंपनी के हेडक्वार्टर में एक इंटरव्यू के दौरान चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर विपुल पारेख ने कहा कि बिगबास्केट 24 से 36 महीनों के अंदर आईपीओ लाने का विकल्प चुन सकती है.सूचीबद्ध होने से पहले कंपनी और अधिक निजी पूंजी प्राप्त करने के लिए ओपन है. मुनाफे में चल रही बिगबास्केट देश में अपनी पहुंच का विस्तार कर रही है और लगभग 1.4 अरब डॉलर सालाना का रेवेन्यु जनरेट कर रही है. कंपनी ने इसी सप्ताह ताजा फंडिंग राउंड में 20 करोड़ डॉलर जुटाए हैं. पारेख का कहना है, "पूंजी बाजारों को अप्रोच करने का सही समय तब होता है, जब आपके पास एक स्थिर, बढ़ता हुआ व्यवसाय हो, जब आपको अपने आगे के पूर्वानुमान पर उचित विश्वास होता है और हमारी लाभप्रदता बढ़ती है. बाजार क्रूर हो सकते हैं."
पहले व्यापार मॉडल को मजबूत करने की जरूरत
वैल्युएशंस, बढ़ती ब्याज दरों और लाभप्रदता को लेकर निवेशकों की चिंताओं के बीच भारत में कई बहुप्रतीक्षित टेक्नोलॉजी आईपीओ लड़खड़ाए हैं और ऐसी कंपनियों/स्टार्टअप की मार्केट वैल्यू में तेज गिरावट देखी गई है. कुछ वक्त पहले सूचीबद्ध हुई पेटीएम और ब्यूटी ई-रिटेलर Nykaa निरंतर स्टॉक रूट को रोकने का प्रयास कर रहे हैं. यह बिगबास्केट के लिए लिस्ट होने से पहले अपने व्यापार मॉडल को मजबूत करने की जरूरत पर और जोर देता है.
2011 में शुरू हुई थी बिगबास्केट
भारत के ऑनलाइन किराना बाजार के लगभग एक तिहाई हिस्से को नियंत्रित करने वाली बिगबास्केट को पिछले साल टाटा ने अधिग्रहित कर लिया था. 154 साल पुराना टाटा समूह Amazon.com Inc. और अरबपति मुकेश अंबानी की Reliance Industries Ltd सहित सेक्टर के दिग्गजों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश कर रहा है. 58 वर्षीय पारेख समेत पांच संस्थापकों द्वारा 2011 में स्थापित, बिगबास्केट अपनी क्विक कॉमर्स शाखा को मजबूत करने और अपने प्रभुत्व को मजबूत करने के लिए अपनी देशव्यापी मौजूदगी का विस्तार करने के लिए ताजा उठाए जुटाए गए धन का उपयोग करेगी.
बिगबास्केट बीबी नाउ की आपूर्ति करने वाले डार्क स्टोर्स की संख्या में वृद्धि करेगी. इन्हें मार्च तक लगभग 300 तक पहुंचाने का लक्ष्य है, अभी इन स्टोर्स की संख्या लगभग 200 है. यह वर्तमान में लाभहीन क्विक कॉमर्स फॉर्मेट है, जो 30 मिनट के भीतर घरेलू स्टेपल की डिलीवरी का वादा करती है.
Edited by Ritika Singh