RCap नीलामी: हिंदुजा के रिवाइज्ड ऑफर के खिलाफ NCLT पहुंची Torrent, जानें अनिल अंबानी के लिए आज क्यों है अहम दिन
NCLT ने रिलायंस कैपिटल की कर्ज समाधान प्रक्रिया पूरा करने के लिए 31 मार्च, 2023 तक का समय तय किया हुआ है.
कर्ज में फंसी अनिल अंबानी (Anil Ambani) की रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (Reliance Capital) के ऋणदाताओं की मंगलवार को बैठक होने वाली है. इस बैठक में कर्ज समाधान के लिए पेश की गई टॉरेंट समूह (Torrent Group) और हिंदुजा समूह (Hinduja Group) की बोलियों पर विचार किया जाएगा. इस बीच टॉरेंट ग्रुप, हिंदुजा ग्रुप की रिवाइज्ड पेशकश के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) पहुंच गया है.
दरअसल कर्ज समाधान प्रक्रिया के तहत रिलायंस कैपिटल की बिक्री के लिए बोलियां आमंत्रित की गई थीं. ऋणदाताओं की समिति (COC) ने इसका बेस प्राइस 6,500 करोड़ रुपये रखा था. गत 21 दिसंबर को ऑनलाइन नीलामी आयोजित की गई थी.
किसने कितने की लगाई बोली
अहमदाबाद स्थित टॉरेंट समूह ने रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए 8,640 करोड़ रुपये की बोली लगाई, वहीं हिंदुजा समूह की तरफ से इसके लिए 8,110 करोड़ रुपये की बोली लगाई गई. लेकिन हिंदुजा समूह ने ऑनलाइन नीलामी खत्म होने के बाद अगले दिन NPV बेसिस पर 9,400 करोड़ रुपये की बोली के साथ एक संशोधित कर्ज समाधान प्रस्ताव भी पेश किया. साथ ही 8,750 करोड़ रुपये एडवांस में नकद देने की पेशकश की गई. दूसरी तरफ टॉरेंट समूह ने सिर्फ 3,750 करोड़ रुपये ही एडवांस में नकद देने की बात कही है.
LIC और EPFO की पहल पर ई-नीलामी आयोजित
किसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के लिए IBC कानून के तहत इतने बड़े पैमाने पर लगाई गई यह पहली बोली है. रिलायंस कैपिटल के बड़े कर्जदाताओं LIC और EPFO की पहल पर यह ई-नीलामी की गई है. इन दोनों की COC में सम्मिलित हिस्सेदारी 35 प्रतिशत है. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने रिलायंस कैपिटल की कर्ज समाधान प्रक्रिया पूरा करने के लिए 31 मार्च, 2023 तक का समय तय किया हुआ है. यह समयसीमा पहले ही बढ़ाई जा चुकी है.
29 नवंबर 2021 को हटाया गया था कंपनी का बोर्ड
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले साल 29 नवंबर को भुगतान चूक और गवर्नेंस से जुड़े गंभीर मुद्दों को देखते हुए रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को हटा दिया था. आरबीआई ने नागेश्वर राव वाई को फर्म की कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) के संबंध में एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया था. बाद में आरबीआई ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ में कंपनी के खिलाफ सीआईआरपी शुरू करने के लिए एक आवेदन दायर किया. इस साल फरवरी में आरबीआई द्वारा नियुक्त एडमिनिस्ट्रेटर ने रिलायंस कैपिटल की बिक्री के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मांगा था.
रिलायंस कैपिटल तीसरी बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है, जिसके खिलाफ केंद्रीय बैंक ने दिवालियापन और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत बैंकरप्सी की कार्यवाही शुरू की है. अन्य दो एनबीएफसी Srei ग्रुप एनबीएफसी और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (DHFL) थे.
Edited by Ritika Singh