ट्रक ड्राइवर के बेटे ने शुरू किया लॉजिस्टिक स्टार्टअप, अब कमा रहे 30 करोड़ रुपये
मुंबई स्थित TruckBhejo को 2016 में IIM बैंगलोर के पूर्व छात्र नीलेश घुले और सुप्रीत पेरिसेटला द्वारा लॉन्च किया गया था। 3,000 से अधिक सक्रिय ट्रकों के बेड़े के साथ स्टार्टअप के कुल 37 ग्राहक हैं।
रविकांत पारीक
Friday August 06, 2021 , 6 min Read
नीलेश घुले के पिता ट्रक ड्राइवर थे। नीलेश कहते हैं कि उन्होंने देखा कि उनके माता-पिता स्थिर आय की कमी के कारण भारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। ट्रक ड्राइवरों के आसपास सामाजिक वर्जनाओं ने परिवार के लिए मामले को बदतर बना दिया। इसलिए, नीलेश ने बहुत पहले ही फैसला कर लिया था कि वह कभी भी लॉजिस्टिक्स सेक्टर का हिस्सा नहीं बनेंगे। लेकिन नियति के पास उनके लिए और भी योजनाएँ थीं।
पढ़ाई में अच्छा करते हुए, उन्होंने IIM बैंगलोर में प्रवेश लिया और फिर Infosys और Reliance Jio जैसी कंपनियों में काम किया। Jio में सीनियर प्रोडक्ट्स मैनेजर के रोल में काम करते हुए, उन्होंने महसूस किया कि लॉजिस्टिक्स और टेक्नोलॉजी के मिलाप ने भारत में एक गंभीर और स्केलेबल बिजनेस अवसर प्रस्तुत किया है।
वे कहते हैं, "मैंने सभी कठिनाइयों को देखा था और कभी भी लॉजिस्टिक्स में वापस नहीं आना चाहता था, लेकिन उस समय पूरे देश में डिजिटल लहर दौड़ गई थी और इसने मुझे पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया।"
2016 में, नीलेश ने IIM-बैंगलोर के अपने बैचमेट सुप्रीत पेरिसेटला के साथ लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप
की शुरुआत की।स्टार्टअप FMCG, रिटेल, मैन्युफैक्चरिंग और टेलीकॉम सेक्टर में काम करने वाली कंपनियों को सालाना अनुबंध के आधार पर फर्स्ट, मिडिल और लास्ट माइल डिलीवरी सेवाएं प्रदान करता है। कंपनी ने अपनी स्थापना के बाद से एक मिलियन डिलीवरी पूरी करने का दावा किया है।
TruckBhejo अपने ग्राहकों के रूप में Flipkart, DMart, Amazon, Nestle, Hindustan Unilever और अन्य को गिनता है।
कैसे काम करता है स्टार्टअप?
लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री में प्रवेश करने से पहले, नीलेश कहते हैं कि उनका इरादा एक टेक्नोलॉजी-इनेबल्ड लॉजिस्टिक्स कंपनी बनाने का था। "ग्राहक एक सहज अनुभव चाहते हैं, जो तब संभव है जब आप उन्हें एंड-टू-एंड विजिबिलिटी प्रदान करते हैं।"
उनका कहना है कि TruckBhejo किसी भी प्रोजेक्ट के तीन स्टैकहोल्डर्स - कस्टमर, ड्राईवर, और एक इंटर्नल ऑपरेशंस मैनेजर, को जोड़ने के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ उठाता है, और उनके डेजिग्नेटेड एप्लीकेशंस के माध्यम से ऑपरेट होता है, सभी को टीम द्वारा इन-हाउस डेवलप किया जाता है।
ये एप्लिकेशन पहले से अंतिम मील तक कार्गो का पता लगाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, नीलेश ने इस बात पर प्रकाश डाला कि तीनों ट्रक ड्राइवरों के स्थान का पता लगा रहे होते हैं।
नीलेश कहते हैं, "एप्लिकेशन नोटिफिकेशंस जनरेट करता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई ड्राइवर तीन घंटे तक एक ही स्थान पर अटका रहता है, तो ऐप एक नोटिफिकेशन जनरेट करता है जो इंटर्नल ऑपरेशंस मैनेजर को समस्या का पता लगाने और हल करने की अनुमति देता है, यदि कोई हो।”
प्लानिंग से मिलता है लाभ
नीलेश कहते हैं, ऑपरेशंस की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्लानिंग करना महत्वपूर्ण है। "ऑर्डर और डिसऑर्डर के बीच की रेखा लॉजिस्टिक्स द्वारा निर्धारित की जाती है।"
उनका कहना है कि TruckBhejo सुनिश्चित करता है कि ऑपरेशंस निर्बाध हो क्योंकि सब कुछ शुरुआत से ही योजना के साथ शुरू होता है। उनका कहना है कि वह डिस्पैचर्स के साथ बैठते हैं और क्लस्टरिंग करते हैं और अलग-अलग क्लस्टर में वाहनों को असाइन करते हैं।
अगला कदम कस्टमर्स के साथ प्लान शेयर करना है। और तीसरा पहलू यह निर्धारित कर रहा है कि किस वाहन को किसी विशेष क्लस्टर को सौंपा जाना है। वे कहते हैं, "ये पूर्व-नियोजित कारक के साथ-साथ एंड-टू-एंड विजिबिलिटी हैं जो डिलीवरी को कुशल बनाती हैं।"
Flipkart, Amazon, और अन्य जैसे बड़े खिलाड़ी अनुबंध के आधार पर TruckBhejo के साथ काम करते हैं। यह आवश्यकता के आधार पर छोटे व्यवसायों को भी पूरा करता है।
नीलेश ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 3,000 से अधिक सक्रिय ट्रकों के बेड़े के साथ कंपनी के कुल (अनुबंध खिलाड़ी) 37 ग्राहक हैं।
बाजार और फंडिंग
MarketsandMarkets की एक रिपोर्ट के अनुसार, COVID-19 के बाद ग्लोबल सप्लाई चेन बाजार का आकार 2026 तक 41.7 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जोकि 2020 में 23.2 बिलियन डॉलर था, जो 10.3 प्रतिशत की CAGR से बढ़ रहा है। Rivigo, BlackBuck, Shadowfax, Delhivery, आदि सहित इस सेक्टर में काम करने वाले कई खिलाड़ियों के साथ भारत में भी संभावनाएं बहुत अधिक हैं।
बिजनेस मॉडल के बारे में बात करते हुए, नीलेश इसे एक क्षमता अज्ञेय ट्रकिंग नेटवर्क कंपनी कहते हैं जो पहले, मध्य और अंतिम मील डिलिवरी इकोसिस्टम को कवर करती है। यह 500 किलोग्राम से लेकर 25 टन तक की सभी क्षमताओं का ऑर्डर लेती है। स्टार्टअप कंपनियों के साथ अपने वार्षिक अनुबंधों के माध्यम से पैसा कमाता है।
"हम पहले और मध्यम मील की डिलीवरी को पूरा करने के लिए आवश्यक विशिष्ट मार्ग और वाहन के अनुसार प्रति यात्रा शुल्क लेते हैं," वे कहते हैं।
लास्ट-मील डिलीवरी के लिए (ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा उपयोग किया जाता है), यह पूरी डिलीवरी के लिए प्रति पैकेट चार्ज करता है।
उनका कहना है कि कंपनी 13-14 फीसदी कमीशन रखती है, बाकी ट्रक ड्राइवरों के पास जाता है। ड्राइवरों को भुगतान भी डिजिटल रूप से होता है।
स्टार्टअप ने 2017 में इक्विटी फंडिंग में 1.6 करोड़ रुपये और डेट फंडिंग में 3.75 करोड़ रुपये जुटाए थे। नीलेश का कहना है कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2020 में रेवेन्यू में लगभग 27 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021 में 30 करोड़ रुपये कमाए हैं।
भविष्य की योजनाएं
आगे बढ़ते हुए, स्टार्टअप खुद को बाजार में एक बड़े ब्रांड के रूप में विकसित और स्थापित करना चाहता है। नीलेश का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में इंडस्ट्री में भी सुधार हुआ है क्योंकि ट्रक ड्राइवरों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ी है।
वे कहते हैं, “हम सुनते हैं कि ट्रक ड्राइवरों को पायलट या पार्टनर कहा जाता है। इससे पता चलता है कि बदलाव धीरे-धीरे आ रहा है।"
जब COVID-19 ने दस्तक दी और दुनिया को एक ठहराव में ला दिया, तो लॉजिस्टिक्स सेक्टर और इसके अस्तित्व को लेकर कई सवाल थे। TruckBhejo के लिए जो काम आए वह थे इसके FMCG कस्टमर्स। "चूंकि FMCG प्रोडक्ट्स की मांग तेजी से बढ़ी है, हम महामारी से बचने में सक्षम थे।"
आने वाले वर्षों में, स्टार्टअप पूरे भारत में 150-200 शहरों में विस्तार और खुद को स्थापित करना चाहता है। टीम इकोसिस्टम में टेक्नोलॉजी को लागू करने और इंटीग्रेट करने के लिए भी दृढ़ है और अंत में वह SMBs के अपने कस्टमर बेस का विस्तार करना चाहती है।
उन्होंने अंत में कहा, "SMEs इस देश की विकास कहानी की अगली लहर चलाएंगे और हम इसका हिस्सा बनना चाहते हैं।"
Edited by Ranjana Tripathi