लिशियस के जरिए भारतीय मीट बाजार में सफलता के झंडे गाड़ रहे ये दो उद्यमी
अब संडे के दिन लंच के लिए चिकन रोस्ट या मसालेदार फिश करी बनाना कोई बड़ी चुनौती नहीं रहा। लोकल बुचर के पास जाने या गली से मछली खरीदने की भी कोई जरूरत नहीं है। अब आपको जो भी चाहिए बस ऑनलाइन ऑर्डर कीजिए और बेंगलुरु स्थित ऑनलाइन मीट ब्रांड लिशियस (Licious) आप के घर पहुंचाएगी।
रिस्क एडवाइजरी और कॉर्पोरेट बीमा ब्रोकरेज फर्म फ्यूचरिस्क के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अभय हंजुरा और हेलेन वेंचर पार्टनर्स के इनवेस्टर विवेक गुप्ता द्वारा 2015 में लॉन्च किए गए लिशियस का फोकस क्वालिटी पर है। साथ ही इसका फोकस आपके दरवाजे पर सबसे अच्छी क्वालिटी वाले मीट की डिलीवरी करना है।
आइडिया सिंपल था: एक ऐसा मीट ब्रांड बनाना जो पूरे भारत में मीट और उसकी क्वालिटी के प्रति लोगों की धारणा बदल दे। सह-संस्थापकों का मानना है कि मीट एक ऐसा प्रोडक्ट है जिससे लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं लेकिन देश में कोई भी ऐसा ब्रांड नहीं है जो लोगों की इन जरूरतों को पूरा कर पाए।
चार साल के हो चुके इस ब्रांड ने एक-एक दिन में 6,000 ऑर्डर डिलीवर किए हैं। इसकी औसत बास्केट साइज 700 रुपये है। शुरुआत के पहले साल में, लिशियस ने 1.47 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया। जो अब वित्त वर्ष 2019 के अंत तक 180 करोड़ रुपये हो गया।
आखिर वो क्या था जिसने सह-संस्थापकों को इस आइडिया पर काम करने के लिए प्रेरित किया?
दोनों को ये आइडिया तब आया जब वे एक बार अभय के किसी एक दोस्त से बातचीत कर रहे थे, जो यूएस से भारत आया था। उनका साथ में भोजने करने का प्लान था। तभी अभय के दोस्त ने कहा: "जब मैं भारत आता हूं, तो शाकाहारी बन जाता हूं।"
अभय के लिए, यह एक झटका था। क्योंकि अभय को लगता था कि भारत में सबसे अच्छे टेस्ट वाले मीट-बेस्ड फूड मिलते हैं। फैक्ट ये है कि, भारत हर साल लगभग 30 बिलियन डॉलर का मीट कंज्यूम करता है और ये मांग केवल बढ़ ही रही है। हालांकि, समस्या यह है कि इस मांग का 90 प्रतिशत से अधिक बुचर और संडे मार्केट जैसे अनोर्गनाइज्ड सेक्टर से आता है।
विवेक कहते हैं,
''हमें एक ऐसी फार्म-टू-फोर्क चेन का निर्माण करना था, जो 24 घंटे डिलीवरी प्रदान कर सके।"
हालांकि कहना आसान था लेकिन करना उतनी ही मुश्किल। सप्लाई चेन महत्वपूर्ण थी क्योंकि मीट ऐसा प्रोडक्ट है जो जल्दी खराब भी हो सकता है। विवेक बताते हैं कि हेलिओन में अपने ऑफिस में बैठे हुए उन्होंने एक असंगठित बाजार में मानकीकरण प्रदान करके सफल होने की योजना बनाई। तब से, लिशियस भारतीय मीट मार्केट के एक बड़े हिस्से पर अपनी पकड़ बनाए हुए है।
लिशियस के 300,000 से अधिक ग्राहक हैं, प्रति दिन कम से कम 6,000 ऑर्डर डिलीवर करता है। इसने चार फंडिंग राउंड में 65 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए हैं। इसके अलावा होसकोटे में एक ऑटोमैटेड फैक्टरी भी खोली है।
लिशियस 2019 के अंत तक आठ शहरों में अपना विस्तार करना चाहता है। इसने गुरुग्राम में एक एक्सपीरियंस स्टोर के साथ ऑफलाइन स्पेस में भी एंट्री कर ली है। सह-संस्थापक लोगों को बेहतर मीट प्रदान करने के अपने मिशन में दृढ़ हैं।