घर के भीतर की हवा को 15 मिनट में शुद्ध कर देगी यह खास डिवाइस, भीषण प्रदूषण में भी मिलेगी मदद
हवा शोधन में पौधों की धीमी रफ्तार को देखते हुए 10 गुना तेजी से हवा शोधन के विकल्प पर काम करते हुए यूब्रीद का जन्म हुआ है।
तेजी से बढ़ते शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के प्रदूषण के स्तर पर काफी इजाफा किया है, जिसके परिणाम यह है कि आज दिल्ली जैसे क्षेत्रों में लोगों को कई बार सांस लेने लायक शुद्ध हवा के लिए भी तरसना पड़ जाता है, लेकिन दिल्ली के एक स्टार्टअप ने इस दिशा में एक बड़ा इनोवेशन किया है।
आईआईटी कानपुर के छात्र रहे संजय मौर्य ने यूब्रीद नाम का ’स्मार्ट बायो-फिल्टर’ फ्लावरपॉट का ईजाद किया है। यह खास फ्लावरपॉट हमारे चारों ओर प्राकृतिक वायु शोधन प्रक्रिया को बढ़ाता है।
आमतौर पर हवा के शोधन के लिए पौधों को उपयुक्त माना जाता है, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि पौधों द्वारा हवा के शोधन में लगने वाला समय काफी अधिक होता है और इसी जगह यूब्रीद प्रभावी रूप से काम आता है।
कैसे हुई शुरुआत?
दो साल पहले जब दिल्ली को प्रदूषण के गंभीर संकट का सामना करना पड़ा था, तब विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी सुरक्षित सीमाओं की तुलना में वायुमंडल में हानिकारक गैसों और प्रदूषण का स्तर 20 गुना अधिक था। तमाम समाचार चैनलों और अखबारों में दिल्ली की जहरीली हवा कि चर्चा आम थी।
आईआईटी-कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्नातक संजय मौर्य उस समय दिल्ली विश्वविद्यालय की मैनेजमेंट स्टडी फ़ैकल्टी में एमबीए की पढ़ाई कर रहे थे। प्रदूषण से परेशान संजय उस समय एक ऐसा समाधान खोजना चाहते थे, जिससे घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों दोनों को कम से कम अपनी दीवारों के अंदर हवा को शुद्ध करने का विकल्प मिल सके।
इसके बाद संजय ने अपने कुछ पुराने साथियों और आईआईटी के पूर्व छात्रों के साथ मिलकर रिसर्च की और जरूरी जानकारी जुटाई। हवा शोधन में पौधों की धीमी रफ्तार को देखते हुए 10 गुना तेजी से हवा शोधन के विकल्प पर काम करते हुए यूब्रीद का जन्म हुआ।
कैसे करता है काम?
यूब्रीद में मुख्यता तीन घटक होते हैं: पौधा, एक स्मार्ट फ्लावरपॉट और माइक्रोब-समृद्ध मिट्टी। फ्लावरपॉट आवासीय बिजली द्वारा संचालित होता है, और हवा को ‘जैव निस्पंदन’ नामक एक विधि द्वारा फ़िल्टर किया जाता है। आस-पास की वायु को पौधे द्वारा अवशोषित किया जाता है और मिट्टी में धकेल दिया जाता है, जहाँ जड़ क्षेत्र हानिकारक प्रदूषकों को दबाने का ध्यान रखता है और स्वच्छ हवा का उत्सर्जन भी करता है। एक बार यह हो जाने पर यूबी इकाई एक आउटलेट के माध्यम से स्वच्छ हवा को डिस्चार्ज करती है।
यह डिवाइस हवा में प्रदूषण के खतरनाक घटक जैसे पीएम 2.5 को 200 से 20 के स्तर पर लाने में महज 15 मिनट का समय लेती है। इसी के साथ उपभोक्ता को नियमित रूप से पौधों को पानी नहीं देना होता है क्योंकि इसमें एक 150 एमएल क्षमता वाली पानी भंडार सुविधा मौजूद है, जो एक महीने के लिए पर्याप्त होता है। यह अपने आम पौधों की जड़ों को पानी देती रहती है।
डिवाइस की कीमत 5 हज़ार रुपये है और फिलहाल इसे दिल्ली एनसीआर में ही बेंचा जा रहा है, हालांकि स्टार्टअप जल्द ही इसे देश के सभी हिस्सों में लेकर जाना चाहता है।