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UN Women रिपोर्ट - महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित है उनका अपना घर

2021 में हर घंटे पांच लड़कियों की हत्‍या हुई और हर बार हत्‍या करने वाला पति, प्रेमी और परिवार का व्‍यक्ति था.

UN Women रिपोर्ट - महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित है उनका अपना घर

Thursday November 24, 2022 , 4 min Read

पूरी दुनिया में महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक जगह उनका अपना घर है. उनके करीबी लोग, अपने लोग, माता-पिता, पति, प्रेमी, लिव इन पार्टनर. कुल मिलाकर हर वो व्‍यक्ति, जिसे वह अपना सबसे करीबी मानती है और जिस पर सबसे ज्‍यादा भरोसा करती है.

कल रात यूएन वुमेन की ताजा रिपोर्ट आई है. यह रिपोर्ट कह रही है कि पिछले साल यानी 2021 में हर घंटे पांच लड़कियों की हत्‍या हुई. और हर केस में हत्‍या करने वाला कोई और नहीं, बल्कि उनका कोई अपना करीबी और परिवार का व्‍यक्ति था.  

इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल पूरी दुनिया में 81,100 महिलाओं की हत्‍या हुई, जिसमें से 56 फीसदी यानी 45,000 महिलाओं की हत्‍या करने वाले उनके परिवार के लोग और उनके पति, प्रेमी आदि करीबी लोग थे. 

रिपोर्ट के मुताबिक यह वह आंकड़ा है, जो रिपोर्ट किए गए केसेज के आधार पर तैयार किया गया है और जिसमें साफतौर पर हत्‍या करने वाले पति, प्रेमी, परिवार और रिश्‍तेदार थे. इसके अलावा दस में से 4 महिलाओं की हत्‍या के मामले में अभी यह साफतौर पर नहीं पता चला है कि उनकी हत्‍या में परिवार का हाथ था या नहीं.

कुल मिलाकर रिपोर्ट का आशय यह है कि दस में से बाकी चार महिलाओं की हत्‍या के केस में स्थिति स्‍पष्‍ट न होने के कारण उसे करीबी परिवार द्वारा की गई हत्‍याओं के केसेज में शामिल नहीं किया गया है.

अगर और भीतर उतरकर खंगालें और आंकलन करें तो मुमकिन है कि यह संख्‍या और भी बढ़ी हुई नजर आए. लेकिन फिलहाल यह रिपोर्ट ठोस तथ्‍यों और आंकड़ों पर आधारित है.

यूएन की रिपोर्ट ये भी कहती है कि पिछले एक दशक में करीबी लोगों द्वारा महिलाओं की हत्‍या का यह ग्राफ लगातार बढ़ रहा है और पिछले एक दशक में इसमें कोई कमी या गिरावट देखने को नहीं मिली है.

पिछले साल करीबी लोगों द्वारा महिलाओं की हत्‍या के सबसे ज्‍यादा मामले एशिया में दर्ज किए गए, जहां 17, 800 महिलाओं का मर्डर परिवार के लोगों द्वारा हुआ. लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक परिवार के भीतर सबसे ज्‍यादा असुरक्षित महिलाएं अफ्रीका में हैं, जहां एक लाख महिलाओं में 2.5 महिलाओं की करीबी लोगों द्वारा हत्‍या के केस हुए हैं. अमेरिका में यह आंकड़ा 1.4, ओशेनिया देशों (oceania countries) में 1.2, एशिया में 0.8 और यूरोप में 0.6 है.

 

रिपोर्ट के मुताबिक कोविड महामारी के दौरान उत्‍तरी अमेरिका, पश्चिमी और दक्षिणी यूरोप और अमेरिका में महिलाओं के साथ हिंसा और हत्‍या के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. अमेरिका और यूरोप के 25 देशों का आंकड़ा कहता है कि इस बढ़ोतरी का कारण परिवार और करीबी लोगों द्वारा की गई महिलाओं की हत्‍या के केसेज हैं.   

 

यूएन ही रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में लड़कों और पुरुषों की हत्‍या के मामले महिलाओं के मुकाबले कहीं ज्‍यादा हैं. पूरी दुनिया में होने वाली हत्‍याओं में 81 फीसदी मामलों में हत्‍या के शिकार लड़के और पुरुष ही होते हैं, लेकिन उसमें 90 फीसदी से ज्‍यादा मामलों में हत्‍या करने वाले बाहरी लोग होते हैं.

पुरुषों में इंटीमेट पार्टनर किलिंग का ओवरऑल आंकड़ा पिछले चार दशकों में तकरीबन 3 से 4 फीसदी के आसपास रहा है. पिछले साल 2021 में  11 फीसदी पुरुषों की हत्‍या के मामले में दोषी परिवार के लोग, रिश्‍तेदार और इंटीमेट पार्टनर थे.   

संयुक्त राष्ट्र महिला संगठन (UN Women) की कार्यकारी निदेशिका सिमा बाहौस इस रिपोर्ट पर कहती हैं, “महिलाओं की हत्या के हरेक आंकड़े के पीछे एक औरत और लड़की की कहानी होती है, जो शुरू होने से पहले ही खत्‍म कर दी गई. इस हिंसा को रोका जा सकता है. उसकी पहल, कोशिश हमें ही करनी होगी.” यूएनओडीसी (UN Office on Drugs and Crime) की कार्यकारी निदेशिक ग़ादा वॉली कहती हैं कि किसी भी महिला या लड़की को इसलिए डर नहीं लगना चाहिए और उसे अपनी जान का खतरा नहीं महसूस करना चाहिए क्‍यों‍कि वो एक लड़की है.

लड़कियों को हमेशा बाहर की दुनिया से, सड़कों से, सार्वजनिक जगहों से यह करकर डराकर और दूर रखा जाता है कि वो जगह असुरक्षित है. वहां महिलाओं के लिए खतरा है. सुरक्षा के नाम पर उन्‍हें घर की चारदीवारी में ही कैद कर दिया जाता है.

सुरक्षा के नाम पर रचा गया ये सारा वितान कितना झूठा है, इसकी तसदीक ये आंकड़े कर रहे हैं. सड़क और सावर्जनिक जगहें नहीं, बल्कि घर ही सबसे ज्‍यादा असुरक्षित हैं.

यह अपने आप में पहली और आखिरी रिपोर्ट नहीं है. भारत में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्‍यूरो का आंकड़ा यही कहता है. थॉमसन रॉयटर्स की रिपोर्ट यही कहती है. वर्ल्‍ड इकोनॉमिक फोरम, जिनेवा की रिपोर्ट यही कहती है और दुनिया के हर देश का अपना क्राइम रिकॉर्ड ब्‍यूरो भी यही बात कहता है.

यह इतना बड़ा सत्‍य है और सारे आंकड़े जोर-जोर से चिल्‍लाकर इस बात की ताकीद कर रहे हैं कि महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित जगह उनका अपना घर, अपने लोग, सबसे नजदीकी, करीबी और सबसे भरोसेमंद रिश्‍ते हैं.   


Edited by Manisha Pandey