Budget 2023: इस बार हेल्थकेयर सेक्टर में R&D पर दिखा है सरकार का जोर
मेडिकल रिसर्च सेक्टर में ICMR के चुनिंदा लैब्स की फैसिलिटी को पब्लिक-प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के 10 फैकल्टी और प्राइवेट सेक्टर के R&D टीम्स को रिसर्च के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. इसके जरिए रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा दिया जा सकेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लगातार पांचवां बजट पेश किया. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का भी आखिरी बजट था.
इस बजट में हेल्थ सेक्टर के लिए कई प्रोग्राम और पॉलिसी के प्रस्ताव अधिसूचित किए गए हैं. महामारी के दौर के बाद सहयोगपूर्ण पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट की जरूरत को महसूस करते हुए सरकार ने अंततः हेल्थकेयर में R&D को प्रोत्साहित करने का काम किया है.
मेडिकल रिसर्च सेक्टर में ICMR के चुनिंदा लैब्स की फैसिलिटी को पब्लिक-प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के 10 फैकल्टी और प्राइवेट सेक्टर के R&D टीम्स को रिसर्च के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. इसके जरिए रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा दिया जा सकेगा.
फार्मा इनोवेशन सेक्टर के लिए भी एक नए प्रोग्राम की घोषणा की गई है. सेंटर फॉर एक्सीलेंस के जरिए फार्मास्यूटिकल्स में इनोवेशन को बढ़ावा दिया जाएगा.
वित्त मंत्री ने इंडस्ट्री से प्राथमिकता विशेष क्षेत्रों में रिसर्च और डिवेलपमेंट को बढ़ावा देने का आग्रह किया. मौजूदा संस्थानों में मेडिकल डिवाइसेज के लिए डेडिकेटेड मल्टीडिसिप्लिनरी कोर्सेज सपोर्ट किए जाएंगे. ताकि भविष्य की मेडिकल टेक्नोलॉजी के लिए कुशल मैनपावर उपलब्ध हो.
सीतारमण ने ऐलानों के बीच में कहा कि हेल्थ सेक्टर पर सरकारी खर्च को बढ़ाकर जीडीपी का 2.1 फीसदी कर दिया गया है. मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज सेक्टर के लिए 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलने की बात कही गई है.
इसके अलावा सिकल सेल एनीमिया एलिमिनेशन मिशन के अंतर्गत 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने का मिशन लॉन्च किया जाएगा.
इसके तहत जनजातीय इलाकों में 0 से 40 साल की उम्र के 7 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी. उन्हें इस बीमारी के प्रति जागरुक किया जाएगा. राज्य सरकार और केंद्रीय मंत्रालय मिलकर काउंसलिंग सुविधा उपलब्ध कराएंगे.
बजट में बाजरे के इस्तेमाल को काफी प्रभावी तरीके से प्रोत्साहित किया गया है. बजट में एक स्पेशल प्रोग्राम पीएम प्रोग्राम फॉर रेस्टोरेशन अवेयरनेस नरिशमेंट एंड एमेलिओरेशन ऑफ मदर अर्थ (PM-Pranam) के जरिए किसी न्यूट्रिशन को बढ़ावा दिया गया है.
हालांकि इस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि जो गरीब चावल और गेहूं खरीदने के लिए जद्दोजहद करते हैं क्या वो इस अनाज को खरीद सकेंगे?
पिछले साल क्या हुए थे ऐलान
पिछले साल के यूनियन बजट में मेंटल हेल्थ को काफी प्राथमिकता दी गई थी. नैशनल डिजिटल हेल्थ ईकोसिस्टम के लिए ओपन प्लैटफॉर्म, नैशनल टेली मेंटल हेल्थ काउंसलिंग और केयर सर्विस के लॉन्चिंग का ऐलान किया गया था.
साथ ही 23 टेली मेंटल हेल्थ सेंटर्स बनाने की बात कही गई थी, जिसके लिए NIMHANS को नोडल सेंटर और IIITB को टेक्नोलॉजी सपोर्ट सेंटर बनाया गया था.
Edited by Upasana