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यूपी के किसानों ने पाया स्थानीय मंडी से बेहतर दाम, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया की खबर देख कर लिया संज्ञान

उत्तर प्रदेश के शामली जिले के किसान ने कॉमन सर्विस सेण्टर के द्वारा दिल्ली के खरीददार को 400 किलो गोभी बेची।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाये गए नए कृषि कानून के द्वारा किसानों को अपनी फसल देश भर में कहीं भी बेचने की आज़ादी देने का लाभ अब किसानों को मिलने लगा है। कल ही बिहार के समस्तीपुर के किसान ने दस गुने दाम पर दिल्ली के खरीददार को अपनी फसल बेची थी। आज उसी तरह का मामला उत्तर प्रदेश के शामली जिले के मायापुरी गांव से आया।


मीडिया में ये खबर आयी थी की उत्तर प्रदेश के शामली जिले के मायापुरी गांव के किसान रमेश ने अपनी गोभी की फसल ट्रैक्टर चला कर नष्ट कर दी क्योंकि स्थानीय मंडी में उन्हें मात्र एक रूपये प्रति किलो का दाम मिल रहा था।

इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय कानून, संचार और आई टी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने मंत्रालय के तहत काम करने वाले कॉमन सर्विस सेण्टर को निर्देश दिया की इस किसान से संपर्क कर उनकी गोभी को उचित मूल्य पर बिकवाने का प्रबंध किया जाये। 


कॉमन सर्विस सेण्टर की शामली जिले के टीम ने किसान रमेश से तुरंत संपर्क किया। किसान रमेश ने कॉमन सर्विस सेण्टर की टीम को बताया की उन्होंने अपनी पूरी फसल नष्ट कर दी है और उनके पास अब बेचने के लिए कुछ नहीं है। इस बात की जानकारी कॉमन सर्विस सेण्टर ने ट्वीट कर के दी। 

लेकिन मायापुरी गांव में पहुंची कॉमन सर्विस सेंटर की टीम ने गांव के अन्य किसानों से भी संपर्क किया और उन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से देश के अन्य भागों में अपनी फसल बेचने की जानकारी दी। ये जानकारी प्राप्त करते ही अन्य किसान भी जो स्थानीय मंडी में मिल रहे एक रूपये प्रति किलो के दाम से दुखी थे, कॉमन सर्विस सेण्टर के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर करवा कर अपनी फसल बेचने के लिए तैयार हो गए।


आज शामली के मायापुरी गांव से, 400 किलो गोभी की पहली खेप किसान मोहम्मद तनवीर ने दिल्ली के खरीददार को दस रूपये प्रति किलो की दर से बेची। इस खेप को बेचने का पूरा मूल्य किसान मोहम्मद तनवीर की पत्नी वरीसा के बैंक खाते में चला गया है। खरीददार ने ही ट्रांसपोर्ट भी उपलब्ध करवाया और उसका खर्च भी वहन किया। इसकी वजह से न सिर्फ किसान को दस गुना दाम मिला बल्कि मंडी के शोषण से मुक्ति भी मिली।


केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार की संस्था कॉमन सर्विस सेण्टर ने एक स्टार्टअप एग्री टेन एक्स के साथ मिल कर किसान इ-मार्ट नाम से एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया है। अपने निकटवर्ती कॉमन सर्विस सेण्टर पर जा कर इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कोई भी किसान अपना मुफ्त रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं और अपनी फसल का ब्यौरा दे सकते हैं। दूसरी तरफ देश भर के खरीददार भी इसी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। जैसे ही किसी खरीददार को उपयुक्त मात्रा और गुणवत्ता के अनुसार कोई फसल इस प्लेटफॉर्म पर मिलती है वो किसान को अपने द्वारा दिया जाने वाला मूल्य ऑफर करता है।


जब किसान और खरीददार के बीच डील तय हो जाती है तो किसान के बैंक खाते में आधी राशि एडवांस के रूप में खरीददार को भेजनी होती है। उसके बाद इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध ट्रांसपोर्ट सेवा देने वाले लोगों को सूचना दी जाती है किसान की उपज कहां से उठा कर कहाँ ले जाना है। जैसे ही फसल की लोडिंग ट्रक में हो जाने की सूचना मिलती है वैसे ही बची हुई राशि का भुगतान भी किसान में बैंक खाते में कर दिया जाता है। ट्रांसपोर्ट का खर्च खरीददार वहन करता है, न कि किसान। इस पूरी प्रक्रिया में किसान को अपनी फसल को मंडी ले जाने की बाध्यता भी नहीं है और उसे देश के किसी भी खरीददार द्वारा अच्छे से अच्छा दाम भी घर बैठे मिल जाता है।


केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर इस बात की पूरी जानकारी दी: