UPI बना लोगों की पहली पसंद, 2022 की पहली तिमाही में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ट्रांजैक्शन
पेमेंट इंडस्ट्री की एक अग्रणी कंपनी वर्ल्डलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, UPI P2M (व्यक्ति से व्यापारी) लेनदेन उपभोक्ताओं के बीच सबसे पसंदीदा भुगतान मोड के रूप में उभरा है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 64 प्रतिशत और मूल्य के मामले में 50 प्रतिशत है.
देश में विभिन्न माध्यमों से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के द्वारा पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) के बीच 10.25 लाख करोड़ रुपये के 9.36 अरब ट्रांजैक्शन किए गए. सोमवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है.
पेमेंट इंडस्ट्री की एक अग्रणी कंपनी वर्ल्डलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, UPI P2M (व्यक्ति से व्यापारी) लेनदेन उपभोक्ताओं के बीच सबसे पसंदीदा भुगतान मोड के रूप में उभरा है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 64 प्रतिशत और मूल्य के मामले में 50 प्रतिशत है.
2022 की पहली तिमाही में यूपीआई से बाजार हिस्सेदारी के मामले में 14.55 अरब ट्रांजैक्शन हुए जबकि मूल्य के मामले में यह 26.19 लाख करोड़ रहा.
चौंकाने वाली बात है कि साल 2021 की पहली तिमाही की तुलना में बाजार हिस्सेदारी के ट्रांजैक्शन में 99 फीसदी और मूल्य के ट्रांजैक्शन में 90 फीसदी का उछाल आया है.
पहली तिमाही के आंकड़ों के अनुसार, मूल्य के मामले में शीर्ष UPI ऐप्स में फोनपे, गूगल पे, पेटीएम पेमेंट्स बैंक ऐप, अमेजन पे, एक्सिस बैंक्स ऐप रहे. वहीं, शीर्ष UPI पेमेंट्स सेवा प्रदाताओं में यस बैंक, एक्सिक बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक और पेटीएम पेमेंट्स बैंक रहे.
वहीं, मार्च, 2022 तक शीर्ष UPI ऐप्स में फोनपे, गूगल पे और पेटीएम की UPI ट्रांजैक्शन की बाजार हिस्सेदारी के मामले में 94.8 फीसदी हिस्सेदारी रही जबकि मूल्य के मामले में यह 93 फीसदी रही.
वहीं, क्रेडिट कार्ड के जरिए ट्रांजैक्शन में शेयर 7 फीसदी का होता है, लेकिन इसकी 26 फीसदी वैल्यू दर्शाता है कि ग्राहक अभी भी अधिक मूल्य के ट्रांजैक्शन के लिए अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना पसंद करते हैं.
डेबिट कार्ड का ट्रांजैक्शन में शेयर 10 फीसदी का होता है, लेकिन इसकी वैल्यू 18 फीसदी होती है. UPI का क्रेज बढ़ने की वजह से इसमें कमी आई है.