MBBS की पढ़ाई के बाद UPSC: 82वीं रैंक लाकर बन गईं आईएएस
यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सर्विस परीक्षा के अंतिम परिणाम आ चुके हैं और इसमें सफल अभ्यर्थियों की दिलचस्प कहानियों के साझा करने का सिलसिला जारी है। मूल रूप से भरतपुर की रहने वाली अपराजिता सिंह सिनसिनवार ने भी इस परीक्षा में बाजी मारी है। अपराजिता ने इस बार 82रैंक हासिल की है। इससे पहले वे रोहतक से डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही थीं। उनके पिता भी डॉक्टर हैं और फिलहाल भरतपुर में अस्पताल संचालित करते हैं।
हालांकि अपराजिता अपने नाना-नानी के साथ रोहतक में रह रही थीं। उनकी पढ़ाई-लिखाई रोहतक में ही हुई। उन्होंने रोहतक के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया। उनके परिवार में सभी डॉक्टर हैं इसलिए उन्हें भी मेडिकल की पढ़ाई करनी पड़ी। लेकिन पढ़ाई के बाद उन्होंने सोचा कि सिविल सर्विस में जाकर समाज में काफी अच्छे काम किये जा सकते हैं। यही सोचकर उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी शुरू की।
वे बताती हैं, '2017 में मेरा एमबीबीएस की पढ़ाई खत्म हो गई थी और मैंने अपनी तैयारी शुरू कर दी। जून 2017 में मैंने अपना पहला अटेंप्ट दिया, लेकिन सफल नहीं हो पाई। क्योंकि तैयारी नहीं थी। इसके बाद मैंने गंभीरता से पढ़ना शुरू कर दिया और 2018 में सफलता हासिल हुई।' अपराजिता अपने तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी हैं। उनके दो छोटे भाई भी एमबीबीएस डॉक्टर हैं।
अपराजिता का कहना है कि मेहनत व लगन से पढ़ाई की जाए तो कोई भी कठिन काम मुश्किल नहीं होता है। उसके पिता डा. अमर सिंह सिनसिनवार हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं तो मां डा. नीतन स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। पहले वे गवर्नमेंट हॉस्पिटल में डॉक्टर थे जहां से वीआरएस लेने के बाद अब नर्सिंग होम संचालित करते हैं।
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