उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांटे 10,000 जॉइनिंग लेटर
लखनऊ के लोक भवन में सहायक नर्सों को नियुक्ति पत्र सौंपते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ''हम तकनीक का बेहतर इस्तेमाल कर सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं. इसी का नतीजा है कि राज्य के युवाओं में उत्साह है, जो राज्य की प्रगति में योगदान देने के इच्छुक हैं."
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 9 जून से शुरू हुए डेढ़ महीने के मिशन रोजगार के तहत स्वास्थ्य विभाग में 10,000 जॉइनिंग लेटर बांटे. पहले वितरण के दौरान, यूपी के सीएम ने 182 एएनएम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जॉइनिंग लेटर दिए थे, उसके बाद 10 जून को 1,442 स्टाफ नर्सों को नियुक्ति पत्र दिए थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सहायक नर्सिंग मिडवाइफरी (एएनएम) स्वास्थ्य कार्यकर्ता उम्मीदवारों को 1,573 नियुक्ति पत्र वितरित किए, जिसके कारण अब तक कुल 10,197 ऐसे पत्र जारी किए जा चुके हैं.
लखनऊ के लोक भवन में सहायक नर्सों को नियुक्ति पत्र सौंपते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ''हम तकनीक का बेहतर इस्तेमाल कर सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं. इसी का नतीजा है कि राज्य के युवाओं में उत्साह है, जो राज्य की प्रगति में योगदान देने के इच्छुक हैं."
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को घोषणा की कि उत्तर प्रदेश 'बीमारू' श्रेणी से बाहर आ गया है और 'सक्षम' राज्य बनने की राह पर है.
बता दें कि बीमारू शब्द का प्रयोग बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के लिए किया जाता है. लेबल का तात्पर्य है कि ये राज्य आर्थिक विकास, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य विकासात्मक सूचकांकों के मामले में पिछड़ गए हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, "2015-16 में, उत्तर प्रदेश में लगभग छह करोड़ लोग, जो आबादी का 37.68 प्रतिशत हैं, गरीबी रेखा से नीचे थे. हमारे प्रयासों से, 2019-20 में गरीबी रेखा से नीचे लोगों का प्रतिशत 37.68 प्रतिशत से घटकर 22 प्रतिशत हो गया और वर्तमान में यह 12 प्रतिशत है."