महिला सुरक्षा के लिए यूपी पुलिस की सराहनीय पहल, रात में एक कॉल पर महिलाओं को घर तक छोड़ेगी, डीजीपी ने दिए जरूरी निर्देश
महिलाओं के लिए रात में सफर करने को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सभी राज्यों की पुलिस कड़े कदम उठा रही है। इस क्रम में कई राज्यों और शहरों की पुलिस ने महिलाओं को रात में फ्री कैब की सुविधा देने की घोषणा की है। इनमें लुधियाना, नागपुर, सिक्किम और हरियाणा शामिल हैं। अब देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी महिलाओं को ऐसी ही सुविधा मिलेगी।
हैदराबाद में वेटरनरी डॉक्टर के साथ हुई बर्बर घटना के बाद से देश में महिला सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठे। इनमें महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल तैयार करने से लेकर पुलिस अधिकारियों के उदासीन रवैये को लेकर उठे सवाल शामिल थे। महिलाओं के लिए अकेले सफर करना बहुत मुश्किल हो गया है, खासकर रात में।
महिलाओं के लिए रात में सफर करने को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सभी राज्यों की पुलिस कड़े कदम उठा रही है। इस क्रम में कई राज्यों और शहरों की पुलिस ने महिलाओं को रात में फ्री कैब की सुविधा देने की घोषणा की है। इनमें लुधियाना, नागपुर, सिक्किम और हरियाणा शामिल हैं। अब देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी महिलाओं को ऐसी ही सुविधा मिलेगी।
अब अगर कोई महिला रात में अकेली है और जाने के लिए साधन नहीं मिल रहा तो 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस की मदद ले सकती है। इस बारे में यूपी के डीजीपी ओ. पी. सिंह ने बताया कि अगर कोई भी महिला रात 10 से सुबह 6 बजे के बीच अकेली है और उसके पास कोई साधन नहीं है तो वह 112 नंबर पर फोन कर सकती है। फोन करते ही तुरंत एक महिला कॉन्स्टेबल के साथ पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल (पीआरवी गाड़ी) वहां आएगी और महिला को उसके पते पर छोड़कर आएगी।
ओ. पी. सिंह आगे कहते हैं,
'महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए इस सुविधा की शुरुआत की गई है। कोई भी महिला अपने घर सुरक्षित पहुंचने के लिए इस सुविधा का लाभ ले सकती है।'
बता दें, सूबे के उन्नाव में महिला के साथ गैंगरेप के बाद उसे जलाने की घटना के बाद से राज्य की पुलिस पर काफी सवाल उठे थे। इस सुविधा बारे में यूपी पुलिस की आपात सेवा-112 के एडीजी असीम अरुण ने बताया कि रात में कोई महिला फोन कर सुरक्षा मांगती है तो पीआरवी उसे एस्कॉर्ट करते हुए घर तक पहुंचाएगी।
सभी जिलों की पुलिस को दिए गए निर्देश में बताया गया है कि पीआरवी में दो महिला पुलिस सिपाहियों का होना जरूरी है। इसके लिए सभी जिलों की पुलिस से समुचित व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। निर्देशों के अनुसार प्रत्येक जिले की पीआरवी में कम से कम 10% में महिला सिपाहियों का होना जरूरी है ताकि ऐसे वक्त में पीआरवी को भेजा जा सके। हर पीआरवी में एक पुरुष कॉन्सटेबल, एक पुरुष ड्राइवर और दो महिला सिपाहियों का होना जरूरी है।
साथ ही डीजीपी ने बाकी अधिकारियों से कहा है कि महिला कॉन्स्टेबल को इस बारे में जरूरी ट्रेनिंग दें ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें मदद के लिए भेजा जा सके। इसके अलावा पुलिस ने सभी प्राइवेट कंपनियों (जहां महिलाएं देर रात तक ड्यूटी करती हैं) को महिलाओं को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए उचित साधन उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।
मालूम हो, इस तरह की सुविधा सबसे पहले पंजाब की लुधियाना पुलिस ने शुरू की थी। इसके बाद नागपुर और बाद में पिछले हफ्ते में सिक्किम और हरियाणा पुलिस ने भी ऐसी सुविधा देने की घोषणा की है।