वेदांता एपल iPhone बनाने के लिए महाराष्ट्र में शुरू करेगी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट!
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि वो जल्द ही अब इलेक्ट्रिक गाड़ियों के सेगमेंट में उतरेंगे. मंगलवार को ही उनकी कंपनी ने गुजरात में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए MoU साइन करने की घोषणा की है.
भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलने के बीच वेदांता ने एक बड़ा ऐलान किया है. वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि उनकी कंपनी महाराष्ट्र में एपल आईफोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाएगी. अनिल अग्रवाल ने सीएनबीसी 18 को दिए एक इंटरव्यू के दौरान यह बात कही है. इंटरव्यू में माइनिंग क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता के मालिक ने कहा कि जल्द ही उनकी कंपनी अब इलेक्ट्रिक गाड़ियों के स्पेस में उतर जाएगी.
बता दें कि इस समय इंडिया में एपल आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग को लेकर टाटा भी जीतोड़ कोशिश कर रही है. पहले खबर आई थी कि टाटा ग्रुप ताइवान की कंपनी की इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज कंपनी विस्ट्रॉन के साथ जॉइंट वेंचर में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए बातचीत कर रहा है. अगर दोनों ही कंपनियों का प्लान सही-सही शुरू हो जाता है तो इंडिया जल्द ही एक मैन्युफैक्चरिंग हब बनकर उभर सकता है.
एपल की बात करें तो वह अपने प्रॉडक्शन को चीन से हटाकर दूसरे देशों में ले जाने पर जोर दे रहा है क्योंकि कोविड की वजह से चीन में सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. वेदांता ने भी अब सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान बढ़ाते हुए एक एमओयू साइन किया है. इसके तहत कंपनी सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब्रिकेशन यूनिट लगाने के लिए 1.54 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करेगी.
रॉयर्टर्स की खबर के मुताबिक फॉक्सकॉन ग्रुप के साथ होने वाले इस वेंचर में वेदांता के पास 60 फीसदी हिस्सेदारी होगी और 40 फीसदी फॉक्सकॉन के पास. इसके साथ ही यह कंपनी सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए शुरू की गई पीएलआई स्कीम का हिस्सा बनने वाली चौथी कंपनी हो जाएगी. वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल के मुताबिक, अगले 2 साल में प्लांट में प्रॉडक्शन शुरू हो जाएगा. गुजरात सरकार के मुताबिक, इस परियोजना में एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.
इस खबर के बाद से बुधवार को वेदांता के शेयर 18 फीसदी चढ़े थे. आज भी इसके शेयरों में 2.81 फीसदी की तेजी के बाद 314 रुपये पर आ गए.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत का सेमीकंडक्टर मार्केट ईयर 2026 तक 6300 करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. साल 2020 में यह महज 1500 करोड़ डॉलर का था. फिलहाल दुनिया के सभी देश चिप यानी सेमीकंडक्टर की सप्लाई के लिए ताइवान जैसे देश पर निर्भर हैं. हालांकि ये स्थिति बदल भी सकती है, क्योंकि भारत इस दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. फरवरी में ही वेदांता ने चिप बनाने का फैसला किया था और बाद में इसके लिए फॉक्सकॉन के साथ मिलकर जॉइंट वेंचर भी बनाया था.
Edited by Upasana