तेलंगाना में बना मंदिर, अपने चाहने वालों के बीच अब भगवानों की तरह पूजे जायेंगे परोपकारी बॉलिवुड अभिनेता सोनू सूद
तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले में स्थित डब्बा टांडा गांव के स्थानीय लोगों ने सोनू सूद के सम्मान में एक मंदिर का निर्माण किया है। मंदिर का उद्घाटन गांव वालों ने रविवार को किया।
"तेलंगाना के ग्रामीणों ने कोरोनावायरस महामारी के दौरान सोनू सूद के प्रयासों से प्रभावित होकर उनके नाम का मंदिर बनवाया। महामारी के कारण अभिनेता की मूर्ति के साथ मंदिर का उद्घाटन रविवार को मूर्तिकार और स्थानीय लोगों की उपस्थिति में किया गया।"
कोरोनोवायरस महामारी के दौरान परोपकारी बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद द्वारा मानवीय कार्यों को स्वीकार करते हुए, सिद्धिपेट जिला अधिकारियों की मदद से तेलंगाना के एक गांव के स्थानीय लोगों ने उनके सम्मान में एक मंदिर का निर्माण किया है। मूर्तिकार और स्थानीय लोगों की उपस्थिति में रविवार को अभिनेता की मूर्ति के साथ मंदिर का उद्घाटन किया गया, आरती की गई, महिलाओं ने पारंपरिक पोशाक पहनीं और लोक गीत गाए।
जिला परिषद सदस्य गिरी कोंडल रेड्डी ने कहा कि सोनू सूद ने कोरोनोवायरस महामारी के दौरान जनता के लिए बहुत अच्छे काम किए हैं।
वह कहते हैं,
"जैसा कि उन्होंने अपने बेहतरीन कामों से भगवान का स्थान प्राप्त किया है, हमने सोनू सूद के लिए एक मंदिर बनाया है। वे हमारे लिए भगवान ही हैं।"
इस मंदिर की योजना बनाने वाले एक समूह का हिस्सा रहे रमेश कुमार कहते हैं,
"श्री सूद ने देश के 28 राज्यों में लोगों की मदद की है, और यहां तक कि उन्हे उनके इन मानवीय कृत्यों के लिए पुरस्कार भी दिया गया है। जिस तरह से महामारी के कारण लॉकडाउन के बाद से सोनू सूद लोगों की मदद कर रहे हैं, वह न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया द्वारा मान्यता प्राप्त है। उन्हें संयुक्त राष्ट्र द्वारा एसडीजी स्पेशल ह्यूमैनिटेरियन एक्शन अवार्ड मिला है। इसलिए हमारे गांव की ओर से हमने फैसला किया, कि उनको समर्पित एक मंदिर बनाया जाये, जिसमें भगवान की तरह सोनू सूद की भी पूजा की जाएगी।"
अभिनेता सोनू सूद की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार मधुसूदन पाल कहते हैं,
"सोनू सूद ने अपने दयालु और मदद करने वाले स्वभाव के चलते लोगों के दिलों में जगह बनाई है। मेरे द्वारा बनाई गई ये छोटी सी उनकी मूर्ति उपहार की तरह है।"
सोनू सूद ने अपने घरों तक पहुंचने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासियों के लिए सुरक्षित सड़क यात्रा की व्यवस्था करके करोड़ों वंचितों की मदद की है। बाद में उन्होंने कई रोजगार प्रदाताओं के साथ सहयोग करके प्रवासी मजदूरों के लिए एक नौकरी पोर्टल भी लॉन्च किया।
गौरतलब है, कि लॉकडाउन के दौरान सूद ने देश के विभिन्न हिस्सों से आकर मुंबई में फंसे प्रवासी कामगारों को उनके परिवार से मिलाने में मदद की थी। सोनू सूद और उनकी टीम ने श्रमिकों से जुड़ने के लिए एक टोल-फ्री नंबर और एक व्हाट्सएप हेल्पलाइन शुरू की और फिर प्रवासियों के लिए परिवहन के तौर पर बसों, ट्रेनों और यहां तक कि चार्टर्ड उड़ानों के साथ-साथ भोजन की भी व्यवस्था की।
आपको बता दें कि 47 वर्षीय इस रियल लाइफ हिरो ने महामारी के बीच जरूरतमंदों की मदद करने के लिए हाल ही में एक और पहल की घोषणा की थी। उनकी इस पहल का नाम 'खुद कमाओ घर चलाओ' है। इसकी सूचना उन्होंने सोशल मीडिया के माध्य से दी। सोनू सूद की यह पहल इस मुश्किल समय में रोजगार के नये अवसर पैदा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी।
इन सबके बीच वहीं दूसरी तरफ, बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों के लिए काम करने के बाद फिल्म निर्माता अब अपनी फिल्मों में उन्हें "नायक" के रोल दे रहे हैं। 'वी द वुमेन' के ऑनलाइन सत्र में सोनू सूद ने यह खुलासा किया कि कैसे 2020 ने उनके व्यक्तिगत और व्यवसायिक जीवन, विशेषकर एक अभिनेता के तौर पर उनकी छवि को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है।