Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

लगातार गिरते ही जा रहे हैं वोडाफोन-आइडिया के शेयर, कोई बैंक नहीं दे रहा कंपनी को लोन

पिछले 4 सालों में वोडाफोन का शेयर 65 रुपये के लेवल से टूटते-टूटते करीब 7.45 रुपये के लेवल पर आ गया है. अब कोई बैंक इसे लोन तक देने को तैयार नहीं है.

लगातार गिरते ही जा रहे हैं वोडाफोन-आइडिया के शेयर, कोई बैंक नहीं दे रहा कंपनी को लोन

Tuesday January 10, 2023 , 3 min Read

वोडाफोन-आइडिया (Vodafone-Idea) के शेयर तेजी से गिर रहे हैं. अगर पिछले 4 सालों में देखा जाए तो कंपनी का शेयर 65 रुपये के लेवल से टूटते-टूटते करीब 7.45 रुपये के लेवल पर आ गया है. एक वक्त था जब यह भारत की दिग्गज टेलिकॉम कंपनी बन गई थी, लेकिन आज के वक्त में वोडाफोन की हालत बहुत ही खराब है. हालात ये हो गए हैं कि अब कोई इसे लोन तक देने को तैयार नहीं है.

हाल ही में रायटर्स की एक खबर आई थी, जिसमें कहा गया था कि कंपनी को बिजनेस करने के लिए इमरजेंसी फंड की जरूरत है. घाटे में चल रही ये कंपनी लोकल बैंकों से करीब 7 हजार करोड़ रुपये के नए लोन लेना चाह रही है. हालांकि, लेंडर्स अभी इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि या तो वोडाफोन ग्रुप इस कंपनी में कुछ कैपिटल डाले या फिर आदित्य बिड़ला समूह पैसे लगाए.

लगातार दूर हो रहे हैं ग्राहक

वोडाफोन का बुरा वक्त शुरू हुआ रिलायंस जियो की मार्केट में एंट्री के बाद. रिलायंस ने आते ही 4जी ऑफर किया, जबकि बाजार में उस वक्त तक बाकी ऑपरेटर 2जी-3जी तक ही सीमित थे. एटरटेल ने रिलायंस जियो को तगड़ी टक्कर दी और तेजी से 4जी पर शिफ्ट किया, जिससे उसके ग्राहक बचे रहे. वहीं छोटे-छोटे कई टेलिकॉम ऑपरेटर्स को अपना बिजनेस बंद करना पड़ा. वोडाफोन और आइडिया की हालत भी बहुत खराब हो गई, जिसके चलते दोनों का मर्जर हुआ. अब हालत इतनी खराब है कि जल्द ही इस कंपनी की कमान सरकार के हाथों जाती हुई दिख रही है. करीब 2.8 करोड़ सब्सक्राइबर से शुरू हो कर ये कंपनी एक वक्त में 20.5 करोड़ सब्सक्राइबर्स तक जा पहुंची. हालांकि, अब कंपनी का बुरा दौर शुरू हो चुका है.

पहले वोडाफोन ने किया कब्जा, अब खुद बिकेगी!

वोडाफोन ने भारत में 2007 में एंट्री मारी थी. इसके लिए कंपनी ने Hutchison के 67 फीसदी कंट्रोलिंग स्टेक को खरीद लिया था. कुछ समय बाद कंपनी ने Essar group के स्टेक को भी खरीद लिया. इसी के साथ वोडाफोन के हाथ में कंपनी की 100 फीसदी हिस्सेदारी चली गई. इसी दौरान सरकार ने टेलिकॉम सेक्टर में 100 फीसदी एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दी थी.

वोडाफोन-आइडिया की हालत इतनी खराब है कि वह सरकार का कर्ज तक नहीं चुका पा रही है. अब सरकार इस कर्ज के बदले कंपनी में करीब 36 फीसदी की हिस्सेदारी लेने की तैयारी में है. यहां एक बात दिलचस्प है कि कंपनी में वोडाफोन ग्रुप पीएलसी की करीब 28.5 फीसदी हिस्सेदारी है. वहीं आडित्य बिड़ला के पास करीब 17.8 फीसदी हिस्सेदारी है. अगर सरकार 36 फीसदी हिस्सेदारी ले लेती है तो कंपनी का पूरा कंट्रोल सरकार के हाथ चला जाएगा. सरकार 16 हजार करोड़ रुपये के बकाया को इक्विटी में बदलना चाहती है. कंपनी पर अभी कुल 2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है.

सरकार का क्या है इरादा?

एक तरफ भारत सरकार वोडाफोन में कंट्रोलिंग स्टेक लेने वाली है, वहीं दूसरी ओर सरकारी टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल को तेजी से अपग्रेड कर रही है. जल्द ही बीएसएनएल 5जी सेवा लॉन्च करने की तैयारी में है. खुद टेलिकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने ये बात कही है. यह सेवा अप्रैल 2024 तक शुरू होने की उम्मीद है. हालांकि, अभी कंपनी 4जी लॉन्च पर ध्यान दे रही है और इसके लॉन्च होते ही करीब साल भर में इसे 5जी में अपग्रेड कर दिया जाएगा. सरकार की ओर से टेलिकॉम सेक्टर में इतना एक्टिव होने का मतलब है जियो और एयरटेल को सीधी टक्कर.