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फ्यूचर के लिए EPF में बढ़ाना है योगदान तो VPF की पकड़ें डगर, जानें इसके बारे में डिटेल में

कर्मचारी अपने EPF खाते में योगदान को बढ़ा सकता है और ऐसा होता है वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) के माध्यम से.

फ्यूचर के लिए EPF में बढ़ाना है योगदान तो VPF की पकड़ें डगर, जानें इसके बारे में डिटेल में

Wednesday June 29, 2022 , 4 min Read

EPFO (Employees' Provident Fund Organisation) के दायरे में आने वाली संगठित क्षेत्र की हर कंपनी को अपने कर्मचारी को EPF (Employee Provident Fund) का फायदा देना जरूरी है. यह बात आप जानते ही होंगे. साथ ही यह भी जानते होंगे कि EPF में एंप्लॉयर व इंप्लॉई दोनों की ओर से योगदान रहता है, जो कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12-12 प्रतिशत है. एंप्लॉयर के 12% योगदान में से 8.33 प्रतिशत इंप्लॉई पेंशन स्कीम EPS में जाता है, और बाकी का हिस्सा कर्मचारी के PF में. वहीं कर्मचारी की ओर से पूरा 12 प्रतिशत योगदान केवल और केवल EPF में ही जाता है. लेकिन अगर कोई कर्मचारी अपने भविष्य के बारे में सोचकर भविष्य निधि में योगदान बढ़ाना चाहे तो? क्या इसका कोई नियम है?

जी हां, इसके लिए भी नियम है. कर्मचारी अपने EPF खाते में योगदान को बढ़ा सकता है और ऐसा होता है वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) के माध्यम से. जब कर्मचारी EPF में अपनी ओर से 12 प्रतिशत से अधिक का योगदान करता है तो वह VPF (Voluntary Provident Fund) कहलाता है. VPF में कर्मचारी चाहे तो अपनी बेसिक सैलरी का 100 फीसदी तक कॉन्ट्रीब्यूट कर सकता है. लेकिन याद रहे कि एंप्लॉयर की ओर से आपके EPF में योगदान नहीं बढ़ सकता. वह 12 प्रतिशत पर सीमित है.

कैसे ले सकते हैं फायदा

VPF का फायदा लेना है तो कर्मचारी को अपनी कंपनी के HR से संपर्क करना होता है. कर्मचारी को बताना होता है कि वह अपने EPF में अपनी ओर से कॉन्ट्रीब्यूशन बढ़ाना चाहता है. अगर कंपनी में VPF की पॉलिसी है तो HR विभाग कंपनी की पॉलिसी के मुताबिक कदम उठाएगा. याद रहे कि VPF इन्वेस्टमेंट्स के लिए अलग अकाउंट की जरूरत नहीं होती. प्रॉसेस पूरी होने के बाद कर्मचारी का VPF में कॉन्ट्रीब्यूशन शुरू हो जाता है. कर्मचारी चाहे तो VPF में योगदान को हर साल संशोधित कर सकता है.

टैक्स बेनिफिट को लेकर क्या?

जहां तक VPF खाते पर ब्याज की बात है तो वह EPF जितना ही रहता है. VPF में किए जाने वाले निवेश को आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत एक वित्त वर्ष में 1.50 लाख रुपये तक के टैक्स डिडक्शन का फायदा रहता है. EPF और VPF से मिलने वाले मैच्योरिटी अमाउंट और 5 साल की नौकरी पूरी होने के बाद किया जाने वाले विदड्रॉअल पर टैक्स नहीं कटता है. लेकिन ध्यान रहे कि VPF के ब्याज पर टैक्स को लेकर नियम बदल चुका है.

ब्याज पर टैक्स का क्या है खेल

विभिन्न PF में कर्मचारी अंशदान पर होने वाली ब्याज आय के मामले में टैक्स छूट को 2.5 लाख रुपये सालाना अंशदान तक सीमित कर दिया गया है. 2.5 लाख रुपये की यह थ्रेसहोल्ड लिमिट नॉन गवर्नमेंट इंप्लॉइज के लिए है. यानी किसी के EPF/VPF खाते में 2.5 लाख रुपये सालाना तक कॉन्ट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज ही टैक्स फ्री है. इस लिमिट से ऊपर के कॉन्ट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आता है. यह नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू हो चुका है और 1 अप्रैल 2021 को या उसके बाद होने वाले पीएफ अंशदानों के लिए मान्य है. सरकारी कर्मचारियों के लिए EPF/VPF खाते में 5 लाख रुपये तक के सालाना कॉन्ट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री है.

VPF के कुछ अन्य फीचर्स

  • VPF की डिटेल्स भी EPFO वेबसाइट पर देखी जा सकती हैं.
  • विदड्रॉअल के लिए ऑनलाइन क्लेम कर सकते हैं.
  • EPF के समान ही VPF अकाउंट का भी लॉक इन पीरियड होता है, जो कर्मचारी का रिटायरमेंट या इस्तीफा जो भी पहले हो, है.
  • VPF से रकम के आंशिक विदड्रॉअल के लिए खाताधारक का पांच साल नौकरी करना जरूरी है, वर्ना टैक्स कटता है.
  • VPF की पूरी रकम केवल रिटायरमेंट पर ही निकाली जा सकती है.
  • नौकरी बदलने पर VPF फंड को भी EPF की तरह ट्रांसफर किया जा सकता है.