कचरे के ढेर में फेंक दी गई थी नवजात बच्ची, पत्रकार दंपती ने लिया गोद
भारत में 1,000 पुरुषों की आबादी पर सिर्फ 930 महिलाएं हैं। ये हाल उस देश का है जहां बेटियों को देवी समझा जाता है। लेकिन हकीकत में उनसे कैसा बर्ताव होता है, ये शायद बताने की जरूरत नहीं है। बेटियों के पैदा होने से पहले ही उन्हें इस धरती पर आने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। देश के कई हिस्सों में आज भी कन्या भ्रूण हत्या को धड़ल्ले से अंजाम दिया जाता है। कई मामलों में तो जन्म के बाद बेटियों को कचरे के ढेर में फेंक दिया जाता है।
ऐसा ही एक मामला हाल ही में राजस्थान के नागौर से आया जहां एक नवजात बच्ची को कचरे के ढेर में फेंक दिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बच्ची नागौर जिले के जायल स्थित बरनेल गांव में कचरे के ढेर में मिली थी। जिसकी सूचना गांव वालों ने पुलिस को दी। पुलिस ने बच्ची को स्थानीय अस्पताल में पहुंचाया जहां इलाज होने के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी।
इसी बीच किसी ने उस बच्ची की तस्वीर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी। सोशल मीडिया पर लोगों ने काफी भावुक प्रतिक्रियाएं दीं। वरिष्ठ पत्रकार और फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने जब इस तस्वीर को देखा तो उन्होंने इसे गोद लेने की इच्छा जताई। विनोद कापड़ी की पत्नी साक्षी जोशी कापड़ी भी एक न्यूज चैनल में पत्रकार हैं। उन्होंने भी ट्वीट कर बच्ची को अपनाने की बात कही।
विनोद कापड़ी ने लिखा, 'मुझे नहीं लगता कि 14 जून से बड़ा दिन जीवन में कभी आया है या कभी आएगा- जब सिर्फ ये एहसास भर है कि घर में ये प्यारी बच्ची आने वाली है। हमें एहसास है कि देश में गोद लेने की प्रकिया जटिल और लंबी है, पर उम्मीद है कि आप लोगों की दुआओं और प्यार से हर मुश्किल को पार कर ये बिटिया घर आएगी।'