वर्ष 2021-22 में हमें 44 बिलियन डॉलर के वस्त्र निर्यात का लक्ष्य हर हाल में पूरा करना होगा: पीयूष गोयल
पीयूष गोयल ने भारत में वस्त्र उद्योग से संबंधित प्रमुख कारोबारियों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार उद्योग जगत की सभी आवश्यकताओं पर विचार करने के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने कहा कि जो उद्योग सब्सिडी पर निर्भर नहीं करते, वे ज्यादा कामयाब होते हैं।
"वर्ष 2021-22 में हमें 44 बिलियन डॉलर के वस्त्र निर्यात का लक्ष्य हर हाल में पूरा करना होगा।" यह विचार केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, वस्त्र, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने भारत में वस्त्र उद्योग से संबंधित प्रमुख कारोबारियों के साथ बातचीत के दौरान व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार उद्योग जगत की सभी आवश्यकताओं पर विचार करने के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने कहा कि जो उद्योग सब्सिडी पर निर्भर नहीं करते, वे ज्यादा कामयाब होते हैं।
गोयल ने कहा कि वस्त्र के लिए पीएलआई योजना और मित्र पार्क योजना इस उद्योग को बड़े पैमाने पर लाभांवित करने वाली है।
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत ने अपनी समस्त अंतर्राष्ट्रीय सेवा प्रतिबद्धताएं पूरी कर दी है, जिन्होंने हमें विश्व में ज्यादा भरोसेमंद साझेदार बनाया है। उल्लेखनीय है कि भारत त्वरित आर्थिक बहाली के संकेत दर्शा रहा है। नवम्बर 2021 तक व्यापारिक वस्तुओं का कुल निर्यात ~ 262 बिलियन डॉलर रहा।
गोयल ने कहा कि हम छोटे लाभों से संतुष्ट नहीं हो सकते, यह लंबी छलांग लगाने का समय है। उल्लेखनीय है कि गोयल ने वस्त्र उद्योग से तेजी से 100 बिलियन डॉलर के निर्यात का लक्ष्य निर्धारित करने को कहा था। यह बैठक इसी दिशा में हुई प्रगति का जायजा लेने के लिए बुलायी गई थी।
गोयल ने कहा कि निर्यातक अपने प्रयासों, विशेषज्ञता और कुशलता से राष्ट्र की अपेक्षाओं को पूरा करने में मदद करें। उन्हें नए बाज़ारों की संभावनाओं का पता लगाना चाहिए।
गोयल ने प्रतिभागियों और हितधारकों से कहा कि वे छोटे निर्यातकों का विशेष तौर पर ध्यान रखें और उनका मार्गदर्शन करें। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य प्रतिस्पर्धी और तुलनात्मक लाभ की संभावनाओं का पता लगाने के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध करना है। इनमें कानूनों का सरलीकरण, अनुपालन के बोझ में कमी लाना, RoSTCL & RoDTEP अधिसूचित करना आदि शामिल है।
गोयल ने कहा कि विभिन्न राष्ट्रों के साथ होने वाले एफटीए, व्यापार साझेदारियों का निर्माण करने के लिए नई संभावनाएं उपलब्ध कराएंगे।
उल्लेखनीय है कि वस्त्र मंत्रालय ने विश्व कपड़ा बाजार में भारत का गौरव बहाल करने के लिए बुनियादी ढांचे और क्लस्टर विकास, तकनीकी वस्त्र मिशन, प्रदर्शन से संबद्ध लाभ तथा निर्यात पर जीरो रेटेड कर नीति द्वारा समर्थित इस क्षेत्र के समग्र विकास का मॉडल अपनाया है।
प्रमुख वस्त्र निर्यातक, ईपीसी, उद्योग जगत के प्रमुख कारोबारियों ने विनिर्माण को प्रोत्साहन देने तथा निर्यात को संवर्धित करने के उपायों पर चर्चा करने के लिए आयोजित किए गए इस विचार विमर्श में हिस्सा लिया।