आगामी पांच वर्षों में हमें अपना निर्यात 1.25 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 7.25 लाख करोड़ रुपये करना होगाः पीयूष गोयल
“आजादी का अमृत महोत्सवः प्रदर्शनी का उद्घाटन, हस्तशिल्प का प्रदर्शन और शिल्पकारों तथा नियार्तकों से चर्चा” कार्यक्रम के दौरान लखनऊ में केंद्रीय पीयूष गोयल ने निर्यातकों और हुनरमंदों से बातचीत करते हुये कहा कि उत्तरप्रदेश हस्तशिल्प तथा हैंडलूम का केंद्र बन रहा है।
वस्त्र, वाणिज्य एवं उद्योग और उपभोक्ता कार्य तथा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि आने वाले पांच वर्षों में हमें उत्तरप्रदेश से निर्यात 1.25 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 7.25 लाख करोड़ रुपये करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा और उत्कृष्टता की संस्कृति की बदौलत उत्तरप्रदेश ने अपनी क्षमता बढ़ाई है। इस तरह वह भारत की निर्यात वृद्धि की दास्तान में आदर्श बन गया है। उन्होंने कहा कि तटीय राज्यों को छोड़कर उत्तरप्रदेश निर्यात में पहले पायदान पर है।
गोयल ने कहा कि आगामी पांच वर्षों में केंद्र सरकार की सहायता से उत्तरप्रदेश के निर्यातकों, शिल्पकारों और उद्योगों को रक्षा, रेलवे, मेडिकल, मोबाइल निर्माण और मेडिकल सेक्टर में भारी निवेश प्राप्त होगा।
“आजादी का अमृत महोत्सवः प्रदर्शनी का उद्घाटन, हस्तशिल्प का प्रदर्शन और शिल्पकारों तथा नियार्तकों से चर्चा” कार्यक्रम के दौरान लखनऊ में गोयल ने निर्यातकों और हुनरमंदों से बातचीत करते हुये कहा कि उत्तरप्रदेश हस्तशिल्प तथा हैंडलूम का केंद्र बन रहा है।
उन्होंने शिल्पकारों का आह्वान किया कि वे हस्तशिल्पों और कलात्मक नक्काशियों के लिये उन्नत प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करें तथा इस तरह भारत का भविष्य गढ़ने में अपनी क्षमता दिखायें। पारंपरिक कला और शिल्प को प्रोत्साहन देने में महिला शिल्पकारों के योगदान के लिये उन्हें धन्यवाद देते हुये गोयल ने कहा कि इससे न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है, बल्कि हमारी महिला कर्मयोगियों को सम्मानजनक आजीविका कमाने में सहायता भी मिल रही है।
गोयल ने कहा भारत में महिलाओं के पास कला तो है, लेकिन उन्हें नेतृत्व तथा बाजार संपर्कता की जरूरत है। उन्होंने महिला शिल्पियों से कहा कि वे पूरे आत्मविश्वास और समर्पण के साथ काम करें।
उन्होंने यह भी कहा, “आप अगर वाकई किसी चीज को दिल से चाहें, तो पूरी कायनात उसे दिलाने की कोशिश करती है।”
शिल्पकारों की चिंताओं का जवाब देते हुये गोयल ने कहा, “अगर हम शिल्पकारों को बाजार से नहीं जोड़ेंगे, तो पारंपरिक हस्तशिल्प विलुप्त हो जायेगा।” उन्होंने आग्रह किया कि हमें ऐसी प्रणाली बनानी चाहिये, जिससे यह सुनिश्चित हो जाये कि आने वाली पीढ़ी हस्तशिल्प और निर्यात उद्योग से जुड़े कामों में दिलचस्पी और हिस्सा ले।
गोयल ने कहा कि उत्तरप्रदेश सरकार के नेतृत्व में ‘एक जिला-एक उत्पाद’ योजना को कारगर तरीके से क्रियान्वित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य है कि घरेलू उद्योग को प्रोत्साहित किया जाये। उन्होंने कहा कि ‘एक जिला-एक उत्पाद’ से उत्तरप्रदेश में कौशल, स्टार्टअप, उद्योगों और किसानों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
मंत्री गोयल ने कहा कि हमें उत्तरप्रदेश में एक ईमानदार सरकार चाहिये, जो उद्योगपतियों, व्यापारियों, गरीब किसानों और मजदूरों के साथ समानता का व्यवहार करे। उन्होंने आगे कहा कि यह संतुलन न सिर्फ उत्तरप्रदेश, बल्कि पूरे देश के विकास के लिये अपरिहार्य है।
पीयूष गोयल ने यह भी उल्लेख किया कि योगी जी के नेतृत्व में राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के अथक प्रयास कर रही है कि उत्तरप्रदेश के 20 करोड़ लोगों का भविष्य उज्ज्वल हो। आज उत्तरप्रदेश आदर्श बन रहा है और उसने यह सुनिश्चित कर दिया है कि सभी केंद्रीय योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
उन्होंने कहा, “उत्तरप्रदेश सरकार ने ‘सबका प्रयास’ के साथ हस्तशिल्पियों के कुशलक्षेम को प्रोत्साहित करने के लिये अनेकानेक पहलें कीं हैं। हमें यह यकीनी बनाना है कि हमारे शिल्पकारों का काम विदेशी बाजारों तक पहुंचे।”
Edited by Ranjana Tripathi